कहते हैं खाली दिमाग सैतान का घर होता है इसलिए इन्सान को कभी भी व्यर्थ समय व्यतीत नहीं करना चाहिए। खाली समय में भी कुछ न कुछ करते रहना चाहिए, ताकि इन्सान को बोरियत मह्सूस न हो और दिल भी बहल जाएं। इसी वजह से अधिकांश लोग अपने खाली समय को किसी अच्छे काम में लगाते हैं या अपने रुचि के अनुसार काम करते हैं। विश्वा मोदी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने भी खाली समय में दिल बहलाने के लिए ज्वेलरी डिजाइन शुरु किया और आज उसी से हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं।
खाली समय में करना चाहती थीं कुछ काम
गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) की रहनेवाली विश्वा मोदी (Vishwa Modi) एक निजी कम्पनी में कार्यरत थीं, लेकिन जब उन्होंने गर्भधारण किया तो उन्हें उस नौकरी को छोड़ना पड़ा। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान एक औरत को रेस्ट करने की सलाह दी जाती है। नौकरी छोड़ने के वजह से उनका ऑफिस जाना बन्द हो गया और वे घर पर रहने लगी। ऐसे मे उनके पास बहुत अधिक खाली समय था, जिसमें वे कुछ करना चाहती थीं जिससे मन भी बहल सके और समय का सदुपयोग भी हो जाएं। विश्वा को जवेलरी बनाने का बहुत शौक था। ऐसे में उन्होंने घर पर खाली समय में दिल बहलाने के लिए ज्वेलरी डिजाईनिंग का काम शुरु किया।
कैसे आया ज्वेलरी डिजाईन करने का ख्याल?
विश्वा बताती हैं कि, जब वह नौकरी करती थीं उसी दौरान उन्होंने बाजार में एक 12 वर्षीय लड़के को ज्वेलरी बेचते हुए देखा। जब विश्वा ने उस लड़के से बातचीत की तो पता चला कि वह ज्वेलरी डिजाइन करके उसे मार्केट में बेचता है। प्रेगनेंसी के दौरान जब वे घर पर रहने लगी तो उन्हें उस लड़के का ख्याल आया। उन्होंने सोचा कि जब 12 वर्षीय लड़का ये काम कर सकता है तो फिर वो क्यों नहीं। Vishwa Modi from Ahemadabad is earning rs one lakh per month by Jewellery Making Business
शुरु किया ज्वेलरी बनाने का काम
विश्वा ने 300 रुपए की लागत से ज्वेलरी बनाने का काम शुरु किया। चूँकि इस काम को बिजनेस में तब्दील करने के लिए मार्केटिंग की जरुरत थी, ऐसे में उन्होंने एक दूकानदार को अपना डिजाइन दिखाया। दुकानदार को विश्वा के हाथ से बना ज्वेलरी बहुत पसंद आया औए उसने 1200 रुपये की कीमत देकर विश्वा से उस ज्वेलरी को खरीद लिया।
अपने काम को अच्छा होते देख और दुकानदार द्वारा ज्वेलरी खरीदे जाने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा। इस प्रकार उन्होंने अपने काम के दायरे को बढ़ाना शुरु किया जिसके बाद उन्हें ऑर्डर मिलने शुरु हो गए। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ने लगी। विश्वा बताती हैं कि बच्चे को जन्म देने के बाद भी वह नौकरी न करके ज्वेलरी के काम को ही बिजनेस में तब्दील करने का निश्चय किया।
यह भी पढ़ें:- प्लास्टिक वेस्ट से खुबसूरत हैंडीक्राफ्ट बनाती हैं कनिका, 360 टन से अधिक प्लास्टिक वेस्ट को कर चुकी हैं रिसाइकल
मार्केटिंग के लिए करती हैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल
विश्वा (Vishwa Modi) ज्वेलरी बनाने के लिए मार्केट से रॉ मटेरियल खरीदती हैं और फिर उससे ज्वेलरी बनाती हैं। आप जानते हैं कि बिजनेस को बढ़ाने और पहचान दिलाने के लिए प्रोडक्ट की मार्केटिंग करना बहुत जरुरी होता है। विश्वा ने भी अपने ज्वेलरी की मार्केटिंग करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती हैं। वह अपने द्वारा बनाए गए तरह-तरह के ज्वेलरी की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर अपडेट करने लगी।
सोशल मीडिया पर शेयर करने से जल्दी ही उन्हें अहमदाबाद के साथ-साथ दूसरे शहरों में भी उन्हें पहचान मिलने लगी और उन्हें ऑर्डर्स आने शुरु हो गए। इस प्रकार वह बीते 4 वर्षों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रही हैं। इसके अलावा वह 700 रिटेलर्स से भी टाईअप की हैं जो ज्वेलरी की मार्केटिंग करते हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है। Vishwa Modi from Ahemadabad is earning rs one lakh per month by Jewellery Making Business
800 से अधिक लोगों को दे चुकी हैं ज्वेलरी मेकिंग का प्रशिक्षण
आप जानते हैं कि कोरोना महामारी में अनेकों लोग अपने रोजगार से हाथ धो बैठे हैं। महामारी में लोगों को बेरोजगार होते देख विश्वा ने हाथ के इस हुनर को लोगों को सीख देने का विचार किया, ताकि वे घर बैठे भी कमाई कर सके। इस सोच के साथ उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण देना शुरु किया। वर्तमान में अभी तक 800 से अधिक लोगों ने ज्वेलरी मेकिंग का ट्रेनिंग ले चुके हैं और इसके बिजनेस से भ जुड़ चुके हैं।
हजारों की सन्ख्या में जुड़ चुके हैं लोग
विश्वा का लक्ष्य 10 लाख महिलाओं को ज्वेलरी मेकिंग ट्रेनिंग (Jewellery Making Training) देने का है, ताकि वे खुद का बिजनेस शुरु कर सके अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इसके लिए वे फ्री वेबिनार भी चलाती हैं। महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए वे अपने यूट्यूब चैनल पर ज्वेलरी मेकिंग के कई सारे वीडियोज अपडेट की हैं। उनसे देश ही नहीं बल्कि विदेशी महिलाएं भी उनसे ज्वेलरी मेकिंग का प्रशिक्षण लेती हैं। सोशल मीडिया के जरिए हजारों की संख्या में लोग विश्वा से जुड़ चुके हैं।
पति का मिला पूरा सहयोग
विश्वा के इस बिजनेस को बढ़ाने में उनके पति जो पेशे से प्रोफेसर हैं, ने काफी साथ दिया। उनके पति ने विश्वा के बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया और आज ज्वेलरी के व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। वह कहती हैं कि आज वह जिस मुकाम पर पहुंची हैं वह उनके पति के सहयोग से ही संभव हुआ है। विश्वा अन्य महिलाओं को भी खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए प्रेरित कर रही हैं। Vishwa Modi from Ahemadabad is earning rs one lakh per month by Jewellery Making Business