आज की कहानी एक ऐसे शख्स की है जिन्होंने 19 साल की उम्र में एक ट्रक से अपने कारोबार की शुरुआत की थी और आज लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं गाड़ियों का सबसे बड़ा बेड़ा रखने के लिए। यह शख्स है विजय संकेश्वर।
वी आर एल लॉजिस्टिक के संस्थापक विजय संकेश्वर(vijay sankeswar) का जन्म कर्नाटक एक मध्यम वर्गीय कारोबारी परिवार में हुआ। यह सात भाई बहनों में अपनी माता-पिता की चौथी संतान हैं। इनके परिवार का क़िताब प्रकाशन और मुद्रण का व्यवसाय था। इनके पिता चाहते थे कि यह पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाए। पर वह यह भी चाहते थे कि इनकी शिक्षा पूरी हो इसलिए इनका दाख़िला एक कॉलेज में करवा दिया।
परिवहन व्यवसाय में क़दम
19 साल की उम्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में कदम रखा। पर यह किसी और कारोबार की शुरुआत करना चाहते थे। इसलिए जानकारी जुटाने के बाद उन्होंने परिवहन के कारोबार में क़दम रखने का मन बनाया।
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वी आर एल लॉजिस्टिक की शुरुआत
1976 साल में इन्होंने एक ट्रक खरीद कर इसके साथ वी आर एल लॉजिस्टिक ( VRL Logistic) की शुरुआत की। जैसे-जैसे उनकी कंपनी को मुनाफा होने लगा उन्होंने धीरे धीरे इसका विस्तार करना शुरू किया । उन्होने अपनी परिवहन सेवा को बेंगलुरु , हुबली और बेलगाम में शुरू किया। इसके बाद उन्होंने 8 ट्रक खरीदे और 1983 में उन्होंने अपनी कंपनी को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील कर दिया और इसका नाम रखा विजयानंद रोडलाइन्स रखा।
अन्य सेवाए भी शुरू की
1990 में इनकी कंपनी का सालाना कारोबार 4 करोड़ का हो गया। इसके बाद इन्होंने कर्नाटक में कुरियर सेवा की शरुआत की। इसके कुछ सालो बाद इन्होंने यात्री परिवहन बस सेवा शुरू की और इसमे भी वह सफल रहे।
आज वी आर एल लॉजिस्टिक की 400 बसे 8 राज्यो के 75 मार्ग पर चलती हैं।
एयरलाइन्स उद्यम में निवेश
विजय संकेश्वर ने अपने बेटे के साथ एयरलाइन्स उद्योग में लगभग 1300 करोड़ रुपये निवेश करने का सोचा हैं।
अपनी मेहनत के बदौलत विजय संकेश्वर( vijay sankeswar) आज एक सफल उद्यमी हैं। इन्होंने ट्रक से शुरुआत की थी और आज यह लगभग 4300 भारी वाहनो के मालिक हैं। यह एक प्रेरणा भी हैं , उन सब के लिए जो अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं।