देश में इस वक्त बुलेट ट्रेन की खबर चर्चे में है। साथ हीं इसकी परियोजना को लेकर कई तरह के सवाल सामने आ रहे हैं। जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि इस परियोजना की हालिया स्थिति क्या है? यह ट्रेन कब से दौड़ेगी? इस तरह के सवाल हर किसी के मन में जरूर उठता होगा। बहुत से लोग जानना भी चाहते हैं कि हमारे यहां हजारों करोड़ की इस परियोजना का काम कैसा चल रहा है? तो आईए आपको जानते हैं विस्तार से…
दरअसल,महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई से गुजरात (Mumbai to Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) शहर तक चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) की परियोजना नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के हाथ में है। यह कॉर्पोरेशन कई भारतीय और जापानी कंपनियों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगा हुआ है। वर्ष 2017 से 2019 तक भू-चिह्नित करने व भू-अधिग्रहण करने का काम चला है। जबकि 2020 आते-आते रेलवे-लाइन व स्टेशन से जुड़े पार्ट्स पर काम शुरू हो गया। उसके बाद कोरोना महामारी फैली और लॉकडाउन के समय परियोजना बाधित हुई जिसकी वजह से ये काम और बिलंब होता चला आ रहा है। हालांकि इस परियोजना को 2023 में पूरा होना था, मगर अब यह इतना बिलंब हो चुका है कि इसमें और 3-4 साल लग जाएंगे। इस पर नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) की ओर से बताया गया कि, बुलेट ट्रेन के 237 किमी लंबे रूट में 5 प्रेस्ट्रेस और 7 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे। जिसके लिए 3 कंपनियों ने बोली लगाई, बाद में ठेका भी दे दिया गया।
जिस बुलेट ट्रेन (Bullet Train) का ट्रायल 2023 में होना था। उसकी ट्रायल अब 2026 तक होने की उम्मीद बतायी जा रही है। इस परियोजना में कई बाधाओं के कारण बुलेट ट्रेन को अगले साल तक दौड़ाने का सपना पूरा नहीं होगा। क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि, अब बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल-रन वर्ष 2026 में होगा। जिसमें सबसे पहले ट्रायल सूरत से बिलिमोरा के बीच होना है। सरकार ने भी मान लिया है कि, इस महत्वाकांक्षी परियाेजना को समय पर पूरा करना असंभव है। इसलिए, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि, उन्हें ‘मिशन 2026’ से बुलेट ट्रेन परियाेजना के पूरे होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि, इस परियोजना को जल्द ही और रफ्तार और शक्ति मिलने वाली है, क्योंकि प्रोजेक्टर से वडोदरा-सूरत-वापी के 237 किमी रूट पर और तेजी लाने को कहा गया है। इसके बाद इसको लेकर लोगों में और ज्यादा उम्मीद लगने लगी है।
आपको बता दूं कि, हाल ही में सूरत-बिलिमोरा-वापी सेक्शन का निरीक्षण कर केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री ने यहां चल रहे कार्यों का जायजा लिया। जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि, काम में तेजी करवाकर वे अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना को रफ्तार दिलाएंगे। वडोदरा-सूरत-वापी के 237 किमी का रूट, पूरे ट्रेन बुलेट रूट का लगभग 45% है।
इस पर नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन से मिली जानकारी के मुताबिक, परियोजना में अभी सबसे तेज काम सूरत से बिलिमोरा के बीच किया जा रहा है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष जब सूरत आईं, तो उन्होंन खुद निरीक्षण किया। वहीं, सूरत-नवसारी में बने कास्टिंग यार्ड और एलिवेटेड कॉरिडोर में चल रहे काम को भी देखा और उसमें और तेजी लाने का निर्देश दिया। बताया ये भी जा रहा है कि, कोरोना महमारी के दरम्यान दिसंबर 2021 में 4 किमी रूट प्रतिदिन तैयार हो रहा था। जिसे जनवरी-फरवरी में बढ़ाकर 6-9 किमी किया गया, और अब 12 किमी रूट प्रतिदिन तैयार करने पर फोकस है। जिसके बाद इस परियोजना के काम करने का गति और मजबूत हो गया है।
कुल कितना लंबा रूट और कितने पिलर बनेंगे?
दरअसल, देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना, मुंबई से अहमदाबाद (Mumbai to Ahmedabad) के बीच 508 किलोमीटर की है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन इतने लंबे रूट में से अभी आधा रूट भी तैयार नहीं करा पाया। जिससे साफ समझा जा सकता है कि इसमें अभी काफी समय लगेगा। इसमें अभी भी 508 किलोमीटर के पूरे रूट पर 8 हजार पिलर बनाए जाने हैं। जिनमें से गुजरात के अंदर 20 किलोमीटर में 502 पिलर बनकर तैयार हो गए हैं। इस पर अधिकारियों का कहना है कि, 352 किलोमीटर में 81 किलोमीटर के दायरे में पाइलिंग का काम पूरा हो गया है, वहीं 30 किलोमीटर में फाउंडेशन का काम भी हो चुका है। नवसारी में तो एक सेगमेंट भी लांच किया जा चुका है।
अगर इस ट्रेन की गति के बारे में बात करें तो रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष का कहना है कि, जहां देश की पहली बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल-रन होगा, वहां तेजी से काम चल रहा है। वहां डेढ़ साल में सिविल वर्क पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सूरत-बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर रूट की 20 किलोमीटर दूरी पर 500 से ज्यादा पिलर तैयार हो गए हैं, यहीं पर पहला ट्रायल होना है। इस पर अगली प्रोसेस सेगमेंट के लॉन्चिंग होगी। इसके लिए नसवारी, सूरत में कास्टिंग यार्ड बनाए गए हैं, जहां सेगमेंट भी बनाए जा रहे हैं। जब काम पूरा हो जाएगा, तब ट्रायल में 200 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से ज्यादा हो सकती है।
कुल मिलाकर आपको बताएं तो देश में बुलेट ट्रेन (Bullet Train) को लेकर चल रहे कामों में अभी भी काफी समय लगेगा। हालांकि इसमें चल रहे देरी होने के कुछ हद तक कोरोना भी जिम्मेदार है। हालांकि अब अधिकारियों के लिए सख्त निर्देश दिया गया है कि काम की गति को बढ़ाया जाए। अब देखना होगा कि यह प्रोजेक्ट कब तक चालू होता है और कब तक बुलेट ट्रेन चलने लगती है।