हर साल 26 जनवरी को लिंग, जाती, व्यवसाय या स्थिति के भेद के बिना उच्च क्रम के विशिष्ट सेवा करने वाले लोगों की सूची जारी की जाती है जिन्हें पद्मा सम्मान से नवाजा जाता है। हालांकि इस साल बॉलीवुड से कोई भी हस्ती इसका हिस्सा नहीं रहा। हैरानी होती है कि देश की सबसे प्रमुख और इतनी बड़ी फिल्म इंडस्ट्री (Film industry) में एक भी ऐसा कलाकार ,गायक, संगीतकार या टेक्नीशियन नहीं मिला, जिसकी उपलब्धियों या सामाजिक योगदान को पद्म विभूषण, पद्मभूषण या पद्मश्री से सम्मानित किया जा सके।
इस बार लोगों को थी काफी उम्मीदें
कोरोना संकटकाल के दौरान मुंबई में फंसे हजारों प्रवासियों को बस, रेल और प्लेन से सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने वाले एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) जो आज भी मानवता कार्य को आगे लेकर चल रहे हैं। ऐसे व्यक्तित्व को भला सरकार कैसे भूल सकती है?
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कई हस्तियों ने कोरोना काल में सोनू सूद के अदम्य साहस और अभूतपूर्व जनसेवा के लिए उन्हें पद्म सम्मान दिए जाने की मांग की थी और बाकायदा केंद्रीय गृह मंत्रालय का नामांकन पत्र भी भरा था, लेकिन पद्म पुरस्कारों की चयन समिति ने सोनू सूद को शायद अपनी कसौटी पर खरा नहीं पाया।
इसलिए बॉलीवुड का पत्ता कटा
एक धड़े का यह भी कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput case) की रहस्यमय मौत के बाद जिस तरह विवादों का तांडव शुरू हुआ और ड्रग्स के सेवन तथा व्यापार के खुलासे के कारण बॉलिवुड की बदनामी हुई। उस लेकर बॉलीवुड का पत्ता कटा है।
बहरहाल, सरकार भले ही सोनू सूद को राष्ट्रीय सम्मान से नवाजे या नहीं। लेकिन करोड़ों दिलों में वो अपनी खास जगह बना चुके हैं।