इस आधुनिक युग में महिलाओं का जीवन सिर्फ चारदीवारी में कैद होकर व्यतीत नहीं हो रहा बल्कि वे अपने सपनों को उड़ान देने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर सफलता हासिल कर रहीं हैं। आज महिलाएं घर के कामकाज के साथ, खेती-बाड़ी, पशुपालन के साथ देश सेवा भी कर रही हैं।
आज के हमारे इस लेख में हम आपको छतीसगढ़ (Chhattisgarh) की उन महिला से रु-ब-रु कराएंगे जो गुलाब की खेती में सफलता हासिल कर अन्य महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन रही हैं। -Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation
वैसे तो छत्तीसगढ़ की महिलाएं मत्स्य पालन से आत्मनिर्भर बनी हुई हैं परंतु वह मत्स्य पालन के साथ-साथ गुलाब की खेती (Rose cultivation) में भी एक अपार सफलता हासिल कर रही हैं। वह गुलाब की खेती से भी आत्मनिर्भर बनकर अन्य महिलाओं को इससे जोड़ रही हैं और उनके लिए आय के स्रोत का पथ प्रदर्शन कर रही हैं। आईए मिलते हैं यहां की महिला किसान से जिन्होंने गुलाब की खेती से (Rose cultivation) आत्मनिर्भर बनने का कार्य पूरा किया। -Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation
महिला किसान ललित देवी
महिला किसान हैं ललिता देवी (Lalita Devi) ने बैंक से लोन लेकर गुलाब की खेती (Rose Cultivation) प्रारंभ की और वह प्रत्येक माह 30 हजार रुपए कमा रही हैं। ललिता देवी छत्तीसगढ़ के टिकरा टोली की निवासी हैं। वही उनका यह मानना है कि जब से मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी तब से मेरी जिंदगी में काफी परिवर्तन आया है और मैं आत्मनिर्भर बन पाई। मैं वही महिला हूं जो पहले दूसरों पर निर्भर रहा करती थी परंतु मैं आज अपने परिवार का खर्च उठा रहीं हूं जो “स्वयं सहायता समूह” के बदौलत ही संभव हो पाया है। -Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation
वह बताती है कि मैंने यह निश्चय कर लिया था कि मैं खेती में कुछ अलग कार्य करूंगी जिससे अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनूं। मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और मुझे गुलाब की खेती (Rose cultivation) के बारे में ट्रेनिंग मिला। साथ ही “जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी” द्वारा झारखंड बागवानी महानता और माइक्रो इरिगेशन परियोजना के विषय में भी जानकारी भी मिली। इन सारी मदद की बदौलत उन्होंने गुलाब की खेती प्रारंभ की और इसमें धीरे-धीरे उन्हें सफलता हासिल होने लगी।-Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation
लिया बैंक से लोन
अपने इस कार्य को शुरू करने के लिए उन्होंने बैंक से 50 हजार रुपए लोन लिए और खेती प्रारंभ कर दी। गुलाब की खेती में उन्होंने सिंचाई के लिए ड्रीप इरिगेशन तकनीक को अपनाया जिसने खेती करने की लागत को कम करने में काफी मदद की। उन्होंने मात्र 25 डिसमिल भूमि पर 6 हजार डच प्रजाति के गुलाब के पौधे लगाएं और गुलाब की खेती में उन्हें अपार सफलता मिली। मार्केट में का डिमांड बढ़ने के कारण हाथों-हाथ इसकी बिक्री भी होने लगी जिससे उनका मनोबल बढ़ा। वह अपने खेती से अच्छा लाभ अर्जित कर लेती है और आज आत्मनिर्भर वही बनी हुई हैं। -Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation
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आप भी कर सकते हैं गुलाब की खेती
बैंक से लोन लेकर शुरू किए गए इस गुलाब की खेती में उन्हें एक अलग पहचान भी दिलाई और साथ ही हर माह 30 हजार रुपए कमाकर बैंक का लोन चुकाना भी उनके लिए काफी आसान रहा। गुलाब का डिमांड अत्यधिक क्षेत्र में है क्योंकि इसका उपयोग पूजा-अर्चना के साथ-साथ होम डेकोरेशन के लिए भी किया जाता है। आजकल पार्टी फंक्शन में सजावट के लिए लोग कच्चे गुलाब के फूल का उपयोग कर रहे हैं जिस कारण प्रतिदिन इसका डिमांड मार्केट में बढ़ता जा रहा है। -Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation
अगर आप भी चाहते हैं कि खेती में कुछ अलग करें जिससे एक अलग पहचान बने और अच्छा खासा मुनाफा मिले तो आप गुलाब की खेती प्रारंभ कर सकते हैं। साथ आगे इससे अन्य लोगों को जोड़कर उन्हें भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं। –Lalita Devi of chhattisgarh achieved success in rose cultivation