कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार हाथ से छिन गया था और सभी अपने-अपने घर लौट आए थे। कोरोना लॉकडाउन और नौकरी छुटने के बाद बहुत सारे लोगों ने खुद का रोजगार जेनरेट किया और अपने पैरों पर खड़े हुए ताकि फिर भविष्य में उन्हें ऐसा दिन न देखना पड़े।
उन्हीं लोगों मे से एक नाम दिगंत दास का है जिन्होंने कोरोना में नौकरी छुटने के बाद खुद का बिजनेस शुरु किया और आज एक सफल उद्दमी बन चुके हैं साथ ही कई लोगों को भी रोजगार दिया। उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर भी काफी प्रशंशाएं हो रही है।
वर्कर से बने बिजनेसमैन
दरअसल, दिगंत दास (Diganta Das) दक्षिण भारत में एक पैकेज्ड फूड कम्पनी में वर्कर का काम कर रहे थे लेकीन कोरोना महामारी की वजह से औरों की भातिं उनकी भी नौकरी चली गई। नौकरी छूटने के बाद वह वापस अपने घर लौट आए। उसी दौरान उनके दिमाद में खुद का बिजनेस शुरु करने का विचार पनपा।
उसके बाद दिगंत दास (Diganta Das) ने पैकेज्ड पराठे का बिजनेस (Packaged Parantha Business) किया जो अब सफल हो चुका है। वे इस काम में अपने अन्य दो मित्रों के साथ से दक्षिण भारत के तकनीक और मशीनरी के इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि अच्छी गुणवत्ता वाले पराठे का उत्पादन हो सके।
Diganta Das, a manual labour of Pkg food industry of South India, returned home during Covid & dared to open small packaged Parota making units in Biswanath Chariali & Lakhimpur, churning out avg 1200 packets daily at each centre capturing market from Tezpur to Tinsukia. 1/3 pic.twitter.com/mBzcV5sdEV
— Mrinal Talukdar (@mrinaltalukdar8) March 27, 2023
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अन्य लोगों को भी दिया रोजगार का साधन
दिगंत दास (Diganta Das) ने अपने इस बिजनेस से लोगों को भी रोजगार का मौका दिया। उनके हर इकाई में 10 से 13 लोग कार्य कर रहे हैं और सभी इकाइयो पर रोजाना लगभग 1200 पैकेज्ड पराठा का उत्पादन हो रहा है। उनकी इस कहानी को वरिष्ठ पत्रकार मृणाल तालुकदार द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया है।
With two other partners, & . Technology & machinery from South India, they are producing finest quality Parota with great packaging catching a market not used to half made Parota. Each unit emplpy 10-12 people. 2/3 pic.twitter.com/mmsbAumYko
— Mrinal Talukdar (@mrinaltalukdar8) March 27, 2023
पत्रकार ने किया तारीफ
पत्रकार मृणाल तालुकदार ने दिगंत दास की कहानी को शेयर करते समय कैप्शन लिखा है कि, वह बेहतरीन पैकेजिंग के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले पराठे का उत्पादन कर रहे हैं, जो आधे-अधुरे पराठे के आदि नहीं है। इसी के साथ उन्होंने वर्कर से बिजनेसमैन बने दिगंत दास की मेहनत की तारीफ की है।