आलू (Potato) एक ऐसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों को बनाने में किया जाता है और यही वजह है कि इसे सब्जियों का राजा कहा जाता है। अधिक इस्तेमाल होने के कारण मार्केट में इसकी डिमांड भी बहुत अधिक रहती है इसके बावजूद भी बाजार में इसका अधिकतम मूल्य 30 से 70 रुपये के बीच होता है। लेकिन यदि आपसे कहा जाए कि एक किलों आलू की कीमत सौ-दो सौ नहीं बल्कि हजारों में है तो शायद आपको यकीन न हो। लेकिन यह सच है।
जी हाँ, आलू (Potato) की एक ऐसी भी वेरायटी दुनिया में मौजूद है जिसके एक किलो का मूल्य 50 हजार रुपये है और उसे विश्व का सबसे महंगा आलू का खिताब भी मिल चुका है। तो इसी क्रम मे चलिए जानते हैं दुनिया के सबसे महंगे आलू (World’s Most Expensive Potato) के बारें में विस्तार से-
50 हजार रुपये है दुनिया का सबसे महंगे आलू की कीमत
हम जिस आलू के बारें में बात कर रहे हैं उसका नाम Le Bonnotte है और इसकी खेती फ्रांस के Ile de Noirmoutier नामक द्वीप में रेतीली मिट्टी पर जाती है। वहीं इसके लिए खाद के तौर पर समुद्री शैवाल काम में आते हैं। इस आलू की खेती के बारें में ऐसा कहा जाता है कि इसकी खेती के लिए सिर्फ 50 वर्ग मीटर की जमीन का ही प्रयोग किया जाता है।
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दुनिया के शीर्ष पांच महंगी सब्जियों में शामिल है यह आलू
पोटैटो रिव्यू नामक वेबसाइट के अनुसार, ला बोनोट (Le Bonotte) नामक आलू के एक किलों की कीमत 500 यूरो अर्थात 44282 रुपये है लेकिन इसकी में अंतर होते रहता है। इतना ही नहीं इस आलू कोकोंडे नास्ट ट्रैवल कम्पनी जो एक वैश्विक मीडिया कम्पनी है, के अनुसार विश्व के पांच सबसे महंगी सब्जियों की लिस्ट में शामिल किया गया है। The Most Expensive Potato of the World.
प्रत्येक वर्ष 10 दिनों के लिए ही पाया जाता है
दुनिया के सबसे महंगी सब्जियों में शामिल होने के अलावा इस आलू को दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में भी रखा जाता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि प्रति वर्षभर में महज 10 दिनों के लिए ही इसकी खेती की जाती है। वहीं अन्य प्रजाति के आलू की तुलना में Le Bonnotte की खेती में बहुत अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है तब जाकर इसका उत्पादन होता है।
खेती में बरतनी पड़ती है सावधानी
विश्व का सबसे महंगा आलू Le Bonnotte की खेती के लिए फरवरी माह में इसकी बुवाई की जाती है उसके तीन माह बाद मई महीने में खुदाई करके इसे जमीन के अंदर से बाहर निकाला जाता है। जमीन से बाहर निकालने के लिए हल्के हाथों का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यदि इस प्रक्रिया में सावधानी नहीं बरती जाएगी तो आलू को नुक्सान पहुंचेगा। इस तरह मेहनत करने के बाद इस आलू का उत्पादन किया जाता है।