देश की अधिकतम युवा पीढ़ी सरकारी नौकरी के प्रयास में लगी हुई है। लगातार कोशिशों के बाद भी असफल होने के बाद ज्यादातर युवा आस खो देते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होंने यह संभव कर दिखाया है। The logically पहले भी ऐसे कई लोगों के बारे में आपको बता चुका है।
सीकर राजस्थान के रहने वाले योगेश फगेड़िया (Yogesh fageriya from Sikar Rajasthan)
को अब तक नेशनल, स्टेट लेवल और PSU में कई जॉब मिल चुकी है। इसकी शुरुआत 2014 से हुई। बीते सालों में उन्हें कई सरकारी नौकरियां हासिल करने में सफलता मिली लेकिन नज़र तो राजस्थान प्रशानिक सेवा पर टिकी हुई थी। इसलिए वह सभी अवसरो को नकारते हुए आगे बढ़ते गए।
एक के बाद एक कई सरकारी नौकरियों आई हाथ
2014 में डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट (सीकर) में क्लर्क के तौर पर नियुक्ति हुई। इस परीक्षा में वह डिस्ट्रिक्ट टॉपर रहे। लेकिन 14 महीनों के बाद ही उन्होंने नौकरी से रिजाइन कर दिया।
2015 में सिंडिकेट बैंक में क्लर्क और SBI (PO) की परीक्षा पास की। फिर 2016 में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय (DGDE) में UDC पद के लिए भी चयनित हुए।
IDBI Bank में P.O, पंजाब नेशनल बैंक में IT officer और क्लर्क में भी नाम आया। इसके अलावा LIC इंडिया में AAO (Assistant adminstrative officer) SSC CPO – SUB Inspector के लिए भी चयन सुनिश्चित किया।
बेहतर तैयारी के लिए स्मार्ट शेड्यूल
योगेश ने इन सभी उपलब्धियों के बाद खुद को RAS (Rajasthan adminstrative service) के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर के तौर पर कार्यरत होते हुए वह परीक्षा के लिए काफी व्यवस्थित तौर पर तैयारी कर रहे हैं। उनका शेड्यूल कई नौकरीपेशा लोगों के लिए मददगार है जो प्रतियोगिता की तैयारियों में जुटे हैं।
The logically से बातचीत में उन्होंने दूसरे अभ्यर्थियों के लिए खास टिप्स भी साझा की है। कोचिंग, रिवीजन, टेस्ट सीरीज के साथ कैसे परीक्षा की तैयारी करनी है इस पर नजर डालते हैं।
देख परख कर करिए कोचिंग का चयन
योगेश ने बताया कि हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क की भी जरूरत होती है। जरूरी टॉपिक्स को पहले वरीयता दें। किस न्यूज को पढ़ना है किसे ज्यादा महत्व नहीं देना है यह कोई कोच या प्रोफेशनल व्यक्ति ही बताता है। बेहतर कोच आपको बेहतर ट्रिक्स समझा सकते हैं जिससे आप को बेहतर स्कोर करने में मदद मिलेगी।
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टेस्ट सीरीज और रिवीजन का महत्व
टेस्ट सीरीज काफी महत्वपूर्ण है प्रीलिम्स और मेंस दोनों के लिए। इससे हमारी बेहतर प्रैक्टिस तो होती ही है साथ ही वीक पॉइंट्स का भी पता चलता है। इन सब के बाद अगर बेहतर रिवीजन न हो तो तैयारी अधूरी समझिए। लंबे चौड़े सिलेबस को अगर ज्यादा से ज्यादा बार रिवाइज कर लिया जाए उतना ही बेहतर है। यह हर टॉपर का मूल मंत्र है।
अंतिम में परीक्षा के दिन इस बात को ध्यान में रखें कि कौन सा प्रश्न छोड़ना है और क्या अटेंप करना है। निर्धारित समय सीमा के बीच यह तय करना आवश्यक है।
स्टडी मटेरियल के बीच कंफ्यूज न हो
योगेश ने बताया कि वह खुद भी ज्यादा सोर्सेज पर निर्भर नहीं रहते हैं। बुक्स को लेकर वह काफी सेलेक्टिव हैं और ज्यादा फोकस पढ़े हुए टॉपिक्स के रिवीजन पर करते हैं। वह सॉफ्ट कॉपीज अपने साथ रखते हैं ताकि ऑफिस में काम करने के बीच अगर फ्री टाइम मिलता है तो करंट अफेयर्स, न्यूज, टेस्ट सीरीज को पढ़ सके।
खुद को मोटिवेट करने के लिए ढूंढिए वजह
हालांकि ऑफिस से लौटने के बाद काफी थकान होती है लेकिन खुद को मोटिवेट करने के लिए उन्होंने रोल मॉडल की तस्वीरें वर्किंग डेस्क पर लगा रखी हैं। इससे मनोबल बना रहता है। इसके अलावा खुद को रिफ्रेश और फिट रखने के लिए वह ऑफिस के बाद एक घंटे के लिए जिम भी जाते हैं।
प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए मिथकों से दूर रहें
योगेश का मानना है कि कुछ पाने के लिए खुद को फोकस्ड रखना जरूरी है। इसके लिए खुद को कंफर्ट जोन से दूर रखिए। ज्यादातर लोग इस मिथक में होते है कि प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के लिए 13-14 घंटों की पढ़ाई जरूरी होती है। लेकिन ऐसा केवल उन्हीं लोगों के लिए है जो अपने विषय के बारे में बिल्कुल नहीं जानते हैं। जरूरी यह है कि आप अपना सिलेबस समय से खत्म कर नियमित तौर पर पढ़ाई करें।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर देश की सेवा में अपना योगदान देने के सपने को लेकर आगे बढ़ रहे योगेश फगेड़िया को The Logically भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।