हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां के ज्यादातर लोग कृषि पर आधारित हैं। कई किसान रासायनिक खादों से खेती करते हैं तो कई अपने नए प्रयोग करके और अपने अनुभव के साथ जैविक खादों का प्रयोग करके खेती करते हैं। जैविक खादों से खेती करने से खेतों की उर्वरा शक्ति बनी रहती है, स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और पैदावार भी अच्छी होती है। उन्हीं जैविक कृषकों में है एक हैं योगेश जोशी। योगेश खुद तो जैविक खेती करते हीं हैं साथ हीं दूसरों को भी जैविक खेती अपनाने की सलाह देते हैं। आईए जानें योगेश और उनकी कृषि के बारे में…
योगेश जोशी राजस्थान के जलोर जिले के रहने वाले हैं। योगेश जोशी ने जैविक फार्मिंग में डिप्लोमा किया है। उन्हें खेती करने का बहुत शौक था परन्तु योगेश जोशी के घर वाले नहीं चाहते थे कि वे खेती को अपना रोजगार बनाए। उनके घर में सभी सरकारी नौकरी में थे। इसलिए योगेश के घर वाले चाहते थे कि योगेश भी कोई सरकारी नौकरी ही करें। परन्तु योगेश जोशी ने मन बना लिया था कि वे खेती हीं करेंगे।
योगेश जोशी ने साल 2009 में खेती करने की शुरुआत की। उस समय जैविक खेती ज्यादा नहीं होती थी। लेकिन उन्होंने मन बना लिया था कि वे जैविक खेती हीं करेंगे। योगेश जोशी ने 2 बीघा में जीरे की जैविक खेती की। लेकिन वो उसमें असफल रहे। वे बताते हैं कि मुझे जैविक खेती में ज्यादा अनुभव नहीं था। इसलिए उपज ना के बराबर हुई। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।
योगेश जोशी बताते हैं कि उन्होंने जैविक खेती के जानकार कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरुण के. शर्मा से मुलाकात की जो जोधपुर में रहते थे। डॉ. शर्मा ने योगेश जोशी को काफी मदद की। डॉ. शर्मा योगेश जोशी के गांव आए और योगेश जोशी के साथ-साथ अन्य किसानों को भी जैविक खेती के बारे में बताया। योगेश जोशी कहते हैं कि डॉ. शर्मा के सलाह से हमें काफी लाभ मिला और जीरे की फसल में किसानों को कामयाबी हासिल हुई।
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योगेश जोशी बताते हैं कि अगर अकेले खेती करने के बजाय मै यूनिटी बनाकर जैविक खेती करूं तो काफी सफलता मिल सकती है। योगेश जोशी ने एक यूनिटी बनाई जिसमें केवल 7 किसान ही जुड़े लेकिन जो भी किसान उनके यूनिटी से जुड़े उन्हें इस बात का यकीन था कि रसायन मुक्त खेती कैसे करें। योगेश जोशी बताते हैं कि डॉ. शर्मा ने हमें जैविक खाद और दवाइयां बनाना सिखाया। उन जैविक खाद और दवाइयों को खेतों में प्रयोग करने से जो पैदावार हुई वो काफी बेहतर थी।
योगेश जोशी बताते हैं कि शुरुआत में मेरे साथ सिर्फ 7 किसान हीं जुड़े थे। लेकिन मेरी शुरुआत अच्छी हुई और आज हमसे 3000 से अधिक किसान जुड़ गए हैं। रैपिड ऑर्गेनिक प्रा. लि. कंपनी के जरिए सभी किसान एकत्रित होकर जैविक खेती करते हैं। योगेश जोशी सभी किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। योगेश बताते हैं की 1000 किसान पिछले 5-7 सालों में पूरी तरह जैविक प्रमाणित है तथा 1000 किसान कन्वर्जन -2 में हैं व 1000 किसान सी-3 फेज में हैं। योगेश जोशी ने सभी किसानों को जैविक खेती से जुड़ी ट्रेनिंग करवाई और जैविक खेती करने के लिए छोटी सी छोटी बात को हल्के में ना लेने की सलाह दी।
योगेश जोशी बताते हैं कि इसी बीच इंटरनेट के माध्यम से एक जापान की कंपनी से संपर्क हुआ। उस कंपनी के कुछ स्टाफ लोग मेरे गांव आए और हमारे किसानों की खेती को देखा। पूरी तरह जांच करने के बाद कंपनी ने हमारे साथ एक डिल किया। हमने उस कंपनी को सबसे पहले जीरे का सप्लाई किया जिससे उस कंपनी ने हमें काफी सराहना की। और उस कंपनी ने हमारे साथ टाईअप कर लिया और जिसके चलते हमने जीरे के अलावा सौफ, धनियां, मेथी इत्यादि भी सप्लाई करने लगे। इसके बाद हैदराबाद की एक कंपनी ने हमारे किसानों के साथ उनके खेतों में 400 टन किनोवा का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर रखी है।
योगेश जोशी कहते हैं कि हमारे किसानों की मेहनत, परिश्रम और लगन से जैविक खेती करते हुए मुझे बताते हुए खुशी मिलती है कि हमने आज 60 करोड़ रुपए से अधिक का टर्न ओवर पार कर लिया है। 2009 में हमारा टर्न ओवर केवल 10 लाख था।
योगेश जोशी ने जिस तरह खुद से जैविक खेती की और दूसरों को जैविक खेती के प्रति जागरूक किया, समूह बनाकर बृहद संख्या में किसानों को जोड़ा, इन सभी कार्यों के लिए The Logically योगेश जोशी जी की खूब सराहना करता है।