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आजादी से पहले के ये 7 रेस्टोरेंट्स आज ही लोगों के दिलों पर करते हैं राज, जानिए यहां के खास डिशों के बारे में

भारत विभिन्न खाने के स्वाद के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। बहुत से लोगों का कहना है कि दुनिया के किसी भी कोने में भारत जैसा लाजबाब भोजन नहीं मिलता। – 100 years old restaurants in India

100 साल पुराने रेस्टोरेंट

आज भी कुछ ऐसे रेस्टोरेंट हैं, जो पिछले 100 सालों से जनता के दिलों पर राज कर रहे हैं। आज हम भारत के आज़ादी से पहले के कुछ ख़ास रेस्टोरेंट के बारे में बात करेंगे, जिनका स्वाद आज भी वही है। – – 100 years old restaurants in India

  1. टुंडे कबाबी (Tunde Kababi), लखनऊ

साल 1905 में लखनऊ के हाजी मुराद अली द्वारा ‘टुंडे कबाबी’ की स्थापना हुई थी। उस समय में मुराद अली बेहतरीन खाना बनाने के लिए फ़ेमस थे। उनके बाद भी उनका टुंडे कबाब पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

100 years old restaurants in India
  1. करीम (kareem), दिल्ली

करीम सन् 1913 में हाजी करीमुद्दीन द्वारा स्थापित किया गया था। करीम मुग़लई व्यंजनों के लिये काफ़ी लोकप्रिय है। अपने स्वाद के लिए करीम अब तक कई अवॉर्ड भी जीत चुका है।

  1. इंडियन कॉफ़ी हाउस (Indian Coffee House), कोलकाता

वर्षों पुराना यह कॉफ़ी हाउस कॉलेज छात्रों के बीच काफ़ी फ़ेमस है। कहते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर, अमर्त्य सेन, मन्ना डे, सत्यजीत रे, रविशंकर और कई अन्य बड़ी हस्तियां यहां अकसर आया करते थे।

  1. ब्रिटानिया एंड कंपनी (Britannia & Company), मुंबई

साल 1923 में पहली दफ़ा ब्रिटानिया ने फ़ोर्ट क्षेत्र में तैनात ब्रिटिश अधिकारियों के लिए अपने दरवाज़े खोले थे और तब से लेकर अब तक यह मुंबई का प्रसिद्ध रेस्टोरेंट बना हुआ है।

5. मित्र समाज (Mitr Samaj), उडुपी

100 साल पुराना यह रेस्टोरेंट डोसा, बुलेट इडली और गोली बाजे के लिये जाना जाता है। उडुपी परंपरा को मानते हुए यहां के भोजन में लहसुन, प्याज़ या फिर मूली नहीं डाली जाती।

  1. ग्लेनरी (Glenary), दार्जिलिंग

दार्जिलिंग का 100 वर्षीय पुराना यह रेस्टोरेंट बेकिंग और डेसर्ट के लिये स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों के बीच भी काफ़ी लोकप्रिय बना हुआ है। – 100 years old restaurants in India

7. रैयर्स मेस (Rayers Mess), चेन्नई

सन् 1940 में श्रीनिवास राव द्वारा इसकी शुरूआत हुई थी। यहां का कॉफ़ी और डोसा प्रसिद्ध है। – 100 years old restaurants in India

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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