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कद छोटा लेकिन कार्य बङा, इस शख्स ने बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में स्थान प्राप्त किया

अगर आप परिश्रम करें तो सफलता निश्चित हीं मिलती है। लेकिन आप कठिनाईयों से डरकर पहले ही हार मान लेंगे तो असफलता भी निश्चित है। एक सफल इंसान बनने के लिए उम्र, कद काठी एवं सामान्य इंसान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे बहुत से लोग भी हैं, जिन्होंने अपने हैसियत से ज्यादा कार्य कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

आज हम आपको एक ऐसे शख़्स से रूबरू कराएंगे जिन्होंने बॉडी बिल्डिंग के लिए “गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में अपना नाम दर्ज किया है। अब आप कहेंगे कि ये कौन सी बड़ी बात है ऐसा तो हर बॉडी बिल्डर कर सकता है? लेकिन आपकी जानकारी के लिए हम आपको यह बताते दें कि वह शख़्स मात्र 3 फिट 4 इंच का हीं है, जिसने अपने बॉडी को इस तरह तैयार किया है कि बड़े-बड़े लोग देखकर दंग रह जाए रहे हैं।

प्रतीक विट्ठल मोहिते (Pratik Vitthal Mohite) की हाईट मात्र 3 फीट 4 इंच है

26 वर्षीय प्रतीक विट्ठल मोहिते (Pratik Vitthal Mohite) ने ऐसा कार्य किया है जिससे सब उनके फैन हो गए हैं। आज वह हर उस शख़्स के लिए रोल मॉडल हैं जो अपने बॉडी को तरह बिल्ड करना चाहते हैं कि सब उनकी तरफ आकर्षित हों। उन्होंने अपने नाम विश्व का सबसे छोटा प्रतिस्पर्धा बॉडी बिल्डर होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज किया है। उनकी हाईट मात्र 3 फीट 4 इंच है। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

26 years old Prateek ranked in Guinness Book of World

लोग उड़ाया करते थे मज़ाक

वह बताते हैं कि मैंने अपने छोटे कद के कारण बहुत कठिनाईयां झेली हैं। लोग मेरा बहुत मजाक उड़ाया करते थे परंतु मैं उनकी बातें नहीं सुनता था। मैंने अपने इस छोटे कद को हथियार बनाकर वह सफलता हासिल की जिससे आज मैं अन्य लोगों को प्रेरणा बना हूं। वह बताते हैं कि एक बार तो मुझ पर कुत्तों ने हमला कर दिया था शायद इसलिए कि सामान्य व्यक्तियों के जैसा नहीं हूं। तब मैंने यह निश्चय किया कि मैं अपना बॉडी बिल्ट करूंगा। वह बताते हैं कि जब मैं स्कूल या कॉलेज जाया करता था तो सफर के दौरान लोग मुझे लोकल ट्रेन में देखकर मजाक उड़ाते और मुझ पर हंसा करते थे। उस दौरान मैं यह सोचता था कि अगर मैं सभी को जवाब देने लगा तो ऐसा कोई शख़्स नहीं होगा जिससे मेरी लड़ाई ना हो। इसलिए मैं लोगों की बातों को नजरअंदाज करता हुआ आगे बढ़ता गया। वह बोलते हैं कि मैं उन बातों को याद नहीं रखता जिससे मुझे तकलीफ हो बल्कि उन बातों को याद रखता हूं जिससे मेरा मनोबल बढें। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

किया मुश्किलों का सामना

वह बताते हैं कि “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में अपना नाम दर्ज कराने के लिए मैंने बहुत सारी कठिनाईयों का सामना किया है। मैंने वर्ष 2016 में बॉडी बिल्डिंग के कंपटीशन में हिस्सा लेना प्रारंभ किया। शुरुआती दौर में जब मैं स्टेज पर जाता था उस दौरान मुझे डर लगता था कि कहीं लोग मेरा मजाक बनाकर जोक के तौर पर सोशल मीडिया पर वीडियो को शेयर ना कर दें। मैंने डर को अपने अंदर दबाया और यह निश्चय कर लिया कि मुझे सफलता की ऊंचाई पर चढ़ना है। जब मैं स्टेज पर जाने लगा तो मुझे लोगों से बहुत सारा प्यार मिला, जिससे मेरी हिम्मत बढ़ी और फिर मैंने कई कंपटीशन में हिस्सा भी लिया। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

कॉम्पिटेटिव बॉडी बिल्डर का मिला खिताब

वर्ष 2018 में उन्होंने महाराष्ट्र के लिए खेला और उसमें उन्होंने सिल्वर मेडल जीता और वर्ष 2018 में वह राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुए। इस वर्ष उन्होंने पंजाब के लुधियाना में राष्ट्रीय गेम खेला। वह बताते हैं कि मेरे एक दोस्त ने मुझे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दी थी फिर मैंने 3 वर्ष पूर्व इसके लिए अप्लाई कर दिया। जिसमें मुझे तीन बार रिजेक्ट भी किया गया। जब मैंने रिजेक्शन के बारे में पता लगाना शुरू किया तो मुझे यह जानकारी लगी की मैं टाइटल गलत भर रहा था। उन्होंने मुझसे कई प्रमाण पत्र मांगे जैसे कि मेरी लंबाई कितनी है या फिर मेरी लंबाई हमेशा से ही इतनी है? इसके अतिरिक्त मैंने बोर्डिंग बिल्डिंग के साथ कितने कंपटीशन में हिस्सा लिया है उसके सर्टिफिकेट भी मांगे। ये सारी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद मेरा नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे छोटे कद का “कॉम्पिटेटिव बॉडीबिल्डर” के नाम पर दर्ज हुआ। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

अपने बारे में जानने के बाद टूटा सपना

वह बताते हैं कि मेरा सपना फौजी बनने का था परंतु जब मुझे 12 वर्ष की उम्र में यह जानकारी लगा कि मैं सामान्य व्यक्तियों की तरह नहीं हूं बल्कि बहुत छोटा हूं तो मुझे तकलीफ हुई और मेरा सपना टूट गया। वह बताते हैं कि मेरे माता-पिता को भी यह बात सुनकर बहुत बुरा लगा था और फिर उन्होंने मुझे हैंडीकैप हॉस्टल में डाला। मैंने वहां 3 साल तक पढ़ाई की और फिर मुझे यह समझ में आया कि यदि मुझे किसी सफलता को हासिल करना है तो चुप रहने से नहीं होगा कुछ बड़ा करना होगा। आगे मैंने ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की। मेरी दिलचस्पी ज्यादा पढ़ाई में नहीं थी इसीलिए मैंने खेल का क्षेत्र चुना। वह बताते हैं कि मेरी मेहनत रंग लाई और मैंने वह सफलता हासिल कर ली जिससे मुझे एक अलग पहचान मिली। जब मेरे परिवार वालों ने इस विषय में सुना तो उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था हालांकि जब वह इस बात को जान गए तो खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

परिवार को देते हैं सफलता का श्रेय

अपनी सफलता का श्रेय वह अपने परिवार को ही देते हैं। उनका मानना है कि मैं अपने परिवार की मदद से ही आज यहां तक आया हूं। मेरे पिताजी जो भी कमाया करते थे उससे कुछ बचाकर वह मुझे दिया करते थे। मेरी मां भी कपड़े सिलकर कुछ पैसे इकट्ठा करती एवं मुझे देती ताकि मैं बॉडी बिल्डिंग में पैसे लगा सकूं। वह कहते हैं मैं कंपटीशन के लिए अलग-अलग शहरों में जाया करता था अगर मेरी फैमिली मुझे सपोर्ट ना करती तो मैं वहां नहीं जा सकता। आगे वह कहते हैं कि मैं अपने आपको अब मिस्टर वर्ल्ड के लिए तैयार करने में लगा हूं, ताकि अपने देश के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त कर सकूं। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

दिया छोटे कद वालों को संदेश

अपनी कद के लोगों के लिए मैसेज देते हुए कहते हैं कि ” हमारा कद भले ही छोटा है परंतु हम किसी से कम नहीं है, छोटा कद छोटा होना मायने नहीं रखता बल्कि सोंच बड़ी होनी चाहिए।” वह कहते हर किसी में कुछ ना कुछ कमियां जरूर होती है परंतु अगर हम कमियों को ढूंढे तो सफलता कभी भी हासिल नहीं कर सकते इसलिए हमें उसे अपनी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत मनाकर आगे बढ़ना चाहिए और एक कामयाब शख़्स बनना चाहिए। -Pratik Vitthal Mohite gotted the title of Competitive Bodybuilder

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