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इस अनोखे ब्रेसलेट को पहनकर बुजुर्गों को दवा लेने का वक्त याद रहेगा: एक लड़की ने किया यह अविष्कार

7वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट ने एक ब्रेसलेट डिजाइन कर कमाल कर दिखाया है। दरअसल मुंबई (Mumbai) के कैथेड्रल और जॉन कॉनन मिडिल स्कूल के 7वीं कक्षा की स्टूडेंट आस्था मेहता (Aastha Mehta) ने मेडिब्रेस (Medibrace) के नाम से एक ब्रेसलेट डिजाइन किया है। ब्रेसलेट बनाने के पीछे उनका उद्देश्य सीनियर सिटीजंस को समय पर दवा लेने की याद दिलाना है। – medical bracelet

Aastha Mehta makes medical bracelet for old age people

अपने दादाजी की परेशानी को दूर करने के लिए बनाया ब्रेसलेट

आस्था बताती हैं कि वह अक्सर अपने दादा को दवा का टाइम भूलते हुए देखती थी और दवा हर दूसरे दिन टेबल पर वैसी ही रखी रहती थी। जब आस्था जब उन्हें दवा की याद दिलाती थी तब उनके दादा कहते थे कि मैं दवा लेना भुल गया। उनकी इस परेशानी को देखते हुए आस्था मेहता (Aastha Mehta) ने ऐसे ब्रेसलेट को बनाने का फैसला किया, जिससे लोगों को अपने दवा खाने का समय याद रहे। – medical bracelet

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अब बड़े पैमाने पर बना रही ब्रेसलेट

बुजुर्गों के बारे में सोचते हुए आस्था ने एक ऐसा ब्रेसलेट बनाया है, जिसे पहनना बहुत आसान है। उन्होंने अपने कॉन्सेप्ट को यंग इंटरप्रेन्योरशिप एकेडमी क्लास में भी डिस्कस किया। वहां से मिले सपोर्ट के बाद आस्था ब्रेसलेट बनाने का काम बड़े पैमाने पर करने लगी। आस्था बुजुर्गों की मदद का यह सबसे अच्छा तरीका मानती हैं। – medical bracelet

दो तरह के ब्रेसलेट हैं मार्केट में उपलब्ध

आस्था द्वारा डिजाइन किए गए ब्रेसलेट के दो वेरिएशंस अब मार्केट में उपलब्ध हैं। एक सिलिकॉन मेडिब्रेस (Silicon Medibrace) है, जिसकी कीमत 600 रुपए है और दूसरी मेटल मेडिब्रेस (Metal Mediabrace) है, जो 900 रुपए में उपलब्ध है। अब आस्था मेहता (Aastha Mehta) का लक्ष्य है कि वह भविष्य में ऐसा अविष्कार करें, जिसे बिजनेस में भी बदला जा सके। – medical bracelet

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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