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पति की मौत के बाद संभाली घर की जिम्मेदारी, बनी झारखंड की पहली महिला मूर्तिकार: माधवी पाल

आज के समय में महिलाएं आत्मविश्वासी हैं। वे अब किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। अब हर वह कार्य महिलाएं कर रही हैं, जो कभी केवल पुरुषों के लिए ही माना जाता था। कुछ ऐसा ही झारखंड (Jharkhand) की रहने वाली माधवी पाल (Madhavi Pal) ने भी किया है। वे पिछले कई सालों से देवी और देवताओं की मूर्तियां बनाती आ रही हैं। आज वे किसी भी मूर्ति को बड़े आराम और आसानी से बना देती हैं। – After the death of husband, Madhavi Pal makes idols of gods and goddesses.

After the death of husband Madhavi Pal makes idols of gods and goddesses

पति के मौत के बाद ली परिवार की जिम्मेदारी

दरअसल पति के मौत के बाद परिवार के व्यवसाय को आगे बढ़ना माधवी के लिए बिल्कुल आसान नहीं था। ऐसी कठिन परिस्थिति में उन्होंने हिम्मत और लगन से काम लिया। उसका नतीजा है कि आज वे झारखंड की पहली महिला मूर्ति निर्माता बन चुकी हैं। मूर्तियां बनाकर माधवी अपने पति का सपना पूरा करने के साथ-साथ परिवार का खर्च भी चला रही है।

7 से 8 लोगों को दिया रोजगार

ना केवल अपना बल्कि माधवी 7 से 8 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं। माधवी साल 2012 से पहले अपने पति के साथ छोटे-मोटे काम करती थी, परंतु पति के मौत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई इसलिए मूर्ति बनाना उन्होंने अपना मुख्य व्यवसाय बना लिया। माधवी बताती हैं पति की मौत के बाद घर का माहौल बेहद ही बुरा था क्योंकि उस समय घर में पति के अलावा कमाने वाला कोई नहीं था। – After the death of husband, Madhavi Pal makes idols of gods and goddesses.

खराब परिस्थिति में व्यवसाय को बढ़ाया आगे

खराब परिस्थिति में भी उन्होंने व्यसाय को आगे बढ़ाने का फैसला किया। माधवी पाल (Madhavi Pal) की दुकान झारखंड के कोकर इलाके में है, जहां वे देवी दुर्गा, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाती है। माधवी के साथ 7 से 8 लोग काम करते है। यहां से टीपू दाना, रामगढ़ आदि जगहों के लोग मूर्तियां खरीद कर ले जाते है। माधवी का बेटा इंजीनियर है और उनकी बेटी बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल है।

माधवी राज्य की पहली मूर्तिकार है

पहले माधवी के पति झारखंड के एक बेहतरीन मूर्तिकार माने जाते थे और अब उनकी पत्नी माधवी राज्य की पहली मूर्तिकार के तौर पर सम्मान पा चुकी हैं। माधवी की इस प्रयास और हौसले की जितनी प्रसंशा की जाए वह कम है। – After the death of husband, Madhavi Pal makes idols of gods and goddesses.

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