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पहाड़ की बंजर भूमि को इस पद्मश्री किसान ने अपनी मेहनत से बना दिया उपजाऊ, आज लहलहा रहे हैं फसल

हर क्षेत्र में सफलता सम्भव है अगर आप उस क्षेत्र में मन लगाकर कार्य कर रहे हैं। अब चाहे वह क्षेत्र किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की हो या फिर खेती-बाड़ी की। अगर आप खेती में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास दृढ़ संकल्प होना आवश्यक है क्योंकि हर कार्य के शुरुआत में हमें कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अगर आप इसमें दृढ़ निश्चयी रहेंगे तो सफलता भी निश्चित है।

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको एक ऐसे किसान के विषय में जानकारी देने वाले हैं जिन्होंने खेती में सफलता हासिल कर इससे बहुत से लोगों को जोड़ा है। उन्हें उन्नत खेती के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।

टनल मैन अमाई महालिंग नाइक

अमाई महालिंग नाइक (Amai Mahalinga Naik) जिन्हें लोग टनल मैन (Tunnel Man) के नाम से पहचानते हैं। वह कर्नाटक (Karnataka) के कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट से ताल्लुक रखते हैं। उनकी उम्र 72 वर्ष है और उन्होंने इस उम्र में बहुत तजुर्बा हासिल किया हुआ है। उन्होंने खेती में अपनी मेहनत के बदौलत अपार सफलता हासिल की और आज वह सबके लिए उदाहरण बने हुए हैं। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

Amai mahaling converted banjar land into fertile land

पहाड़ी पर पौधा उगाया

72 वर्षीय किसान अमाई महालिंग नाइक ने मात्र 2 एकड़ जमीन पर मेहनत कर इस काबिल बनाया कि वह उसमें खेती कर सकें। उन्होंने बंदरगाह शहर मंगलुरू से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दक्षिण पूर्व में आद्यनाडका के निकट एक पर्वत पर पौधा लगाया और उसे अपने मेहनत की बदौलत विकसित भी किया। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

उन्होंने मात्र 2 एकड़ जमीन को अपने बलबूते पर सींचा और आज उस बंजर जमीन पर लगभग 75 नारियल के पेड़, 200 केले के पौधे, डेढ़ सौ काजू के पेड़ एवं 300 से भी ज्यादा सुपारी के पौधे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने यहां काली मिर्च भी उगाई है। अपनी दृढ़ निश्चय एवं संकल्प के साथ उन्होंने बंजर पड़ी जमीन को हरियाली में तब्दील कर दी। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

मिला जमीन भेंट में

जानकारी के अनुसार पहले यहां आपको सिर्फ घास हीं देखने को मिलता था एवं नाइक अपने जीवनयापन के लिए नारियल एवं सुपारी तोड़कर उन्हें बेचा करते थे। एक जमींदार उनकी ईमानदारी से काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने सन् 1978 में उन्हें बंजर पड़ी जमीन भेंट स्वरूप दी। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

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पानी की थी समस्या

अब उन्होंने 2 एकड़ जमीन पर अपने रहने के लिए एक झोपड़ी का निर्माण किया और अपने बच्चों एवं पत्नी के साथ यहां निवास करने लगे। यह जमीन पहाड़ पर थी और इसकी सबसे बड़ी समस्या यह थी कि यह ढलान थी। यहां पानी की समस्या थी अगर वह कहीं से पानी लाते भी तो वह उसे रखने में समस्याओं का सामना करना पड़ता। उन्होंने निश्चय किया कि वह यहां खेती करेंगे परंतु इस बीच यह समस्या थी कि सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था कहां से हो?? -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

शुरू किया सुरंग बनाना

अब उन्होंने इसके बारे में सूचना प्रारंभ किया इसके साथ वह दूसरों के खेतों में काम किया करते थे ताकि आजीविका चल सके उन्होंने अपने खेतों में सुरंग बनाना प्रारंभ किया क्योंकि अब उनका लक्ष्य पानी लाना था इसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

मेहनत कर लाया पानी

अब वहां के सभी ग्रामीण इनकी सुरंगो की अवहेलना कर रहे थे परंतु उन्होंने सब की बातों को नजरअंदाज करते हुए अपने कार्य को जारी रखा। वह लोगों की बातों को अनदेखा करते हुए कहते, “एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब इस जगह में हरियाली के लिए पर्याप्त पानी अवश्य ही होगा।” उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की और सफलता को हासिल करके ही दम लिया। उन्होंने पांचवें प्रयास में यहां पानी ला हीं दिया जिससे वह काफी खुश हुए। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

भूमि को बनाना था समतल

अब उनका उद्देश्य पहाड़ी को समतल भूखंड बनाने का था ताकि खेती करने में समस्याएं ना आए। इसके लिए उन्हें पत्थरों की जरूरत थी परंतु उन्हें पत्थर मिल नहीं रहे थे। अब उन्होंने अपने कार्यस्थल से लगभग 6000 से भी ज्यादा लेटराइट पत्थरों को अपने खेत में रिटेनिंग वॉल के निर्माण एवं मिट्टी के कटाव में बाधा डालने के लिए ले गए। वह लोगों के खेतों में काम करके आते थे और फिर यहां अपने खेतों में इन सारे कार्यों को करते थे। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

लोगों के लिए बने मिसाल

आज वह पथरीली पहाड़ी हरे-भरे पेड़-पौधों से लहलहा रही है और यहां अनाज का उत्पादन हो रहा है। उनके लिए यह कार्य करना इतना आसान नहीं था परंतु उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय के साथ इस में सफलता हासिल की और आज वह सब के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। लोग उन्हें मिसाल मानकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें अपने कार्य के लिए पद्मश्री से सम्मानित भी किया जा चुका है। -Amai Mahalinga Naik of Karnataka made the hill green, got Padma Shri award

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