“बेटियां हैं हम, हर परिस्थिति का सामना करना हमें आता है”। चाहे घर की परेशानियों में घर वालों की ताकत बनकर सम्भालना हो या अपनी पढ़ाई में अव्वल स्थान लाना। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिनके पिता चपरासी हैं तो पैसे के अभाव के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए किताबें उधार लीं और एसएससी में 98.2% अंक लाकर सफलता की इबारत लिख डाली। आईए जानते हैं कि कैसे उन्होंने अभाव में रहते हुए सफलता के शिखर को प्राप्त किया।
अपेक्षा काले
16 वर्षीय अपेक्षा काले (Apeksha Kale) महाराष्ट्र (Maharastra) की रहने वाली हैं। इनके पिता का नाम तानाजी बाबूराव काले (Tanaji Baburav Kale) हैं जो एक चपरासी (Peon) हैं।
किताबें उधार लेकर की तैयारी
98.2 प्रतिशत स्कोर करने वाली अपेक्षा काले ने अपनी परीक्षा की तैयारी करते समय सभी अभ्यास पत्रों और पुस्तकों को खरीदने के बजाय चचेरे भाई और दोस्तों से उधार लिया था। उन्होंने फर्ग्यूसन जूनियर कॉलेज (Forgusson Junior Collage) में विज्ञान विषय में दाखिला लिया और तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने किताबों के साथ यूट्यूब (YouTube) की भी मदद ली।
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पढ़ाई के साथ घर वालों का रखती हैं ध्यान
अपेक्षा के पिता ने बताया कि हमें कभी भी अपेक्षा को पढ़ाई के लिए बैठने और अध्ययन करने के लिए नहीं कहना पड़ता, बल्कि वह अपना हर काम वक़्त पर कर लेती है। अपने काम को लेकर वह इतनी मशगूल रहती कि हमे हीं उसे बोलना पड़ता था कि बेटा थोड़ा पढ़ाई से विराम लेना जरूरी है। अपेक्षा को गाना सुनना और साइकिल चलाना बहुत पसंद है।
उनका एक छोटा भाई है जो मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम है फिर भी वह पढ़ाई करता है। अपेक्षा बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई में थोड़ी दिक्क़तें हुई तो हमने सिंगिंग का प्रयास किया। लेकिन जब मेरा रिजल्ट आया तब मेरा भाई भी खुशी से झूम उठा।
The Logically अपेक्षा को उनकी सफलता के लिए बधाईयां देता है और अन्य युवाओं से उम्मीद करता है कि वह भी अपने परिश्रम से सफलता हासिल करेंगे।
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