कोरोना के इस दर्दनाक दौर में पीड़ितों और संक्रमित की मदद के लिए सैकड़ों लोग रात-दिन एक किए हुए हैं। कोई संक्रमितों को अस्पताल ले जा रहा, कोई उन्हें दवाई दे रहा तो कोई ऑक्सीजन की भीषण कमी के बीच भी ऑक्सीजन मुहैया करा रहा। उन्हीं कोरोना वारिअर्स में से एक नाम जितेंद्र शिंदे का है जो एक ऑटो चालक हैं। वे अब तक हजारों कोरोना मरीजों को अपने ऑटो से अस्पताल पहुंचा चुके हैं। आइए जानते हैं कि जितेंद्र किस तरह कोरोना के इस युद्ध में लोगों का साथ निभा रहे हैं
मुफ्त में पहुंचाते हैं अस्पताल
जहां एक ओर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में एम्बुलेंस की कमी आ रही है और एम्बुलेंस के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है ऐसे में जितेंद्र शिंदे अपने ऑटो से ही कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। जो लोग पैसे देने में सक्षम नहीं होते हैं उन्हें जितेंद्र शिंदे मुफ्त में अस्पताल पहुंचाते हैं। वे अब तक 1000 से भी ज्यादा मरीजों को मुफ्त में अस्पताल पहुंचा चुके हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंच जाते वक्त वे दूरी का भी ध्यान नहीं रखते, चाहे जितनी भी दूरी तय करनी पड़े वे मरीजों को हर हाल में अस्पताल पहुंचाते हैं।
1| Meet Jitendra Shinde, 50, an autorickshaw driver from Kolhapur who has ferried over 15,000 patients – including more than 1,000 coronavirus patients to the hospitals for free. pic.twitter.com/gJ9SeoJzQy
— Sanket Jain (@snktjain) May 6, 2021
हजारों मरीजों को पहुंचा चुके हैं अस्पताल
जितेंद्र शिंदे को दिनभर अलग-अलग जगहों से फोन आते रहते हैं इसके बाद भी जितेंद्र ना तो थकते हैं ना रुकते हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का यह क्रम उन्होंने निरंतर जारी रखा हुआ है। वे अब तक कुल 15000 से भी अधिक मरीजों तो अस्पताल पहुंचा चुके हैं। सबसे पहले बे मरीजों का हालचाल पूछते हैं उसके बाद से उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाते हैं।
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लोगों की मदद पर हजारों रुपए खर्च कर डाले
जितेंद्र शिंदे का सेवा भाव इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की एक ऑटो वाले के रूप में उनकी आमदनी कितनी होगी फिर भी वे लगभग ₹200 प्रतिदिन पेट्रोल पर खर्च कर देते हैं अभी तक 5000 से भी ज्यादा रुपए उन्होंने पीपीटी के लिए खर्च कर दिया है।
कोरोना संक्रमित उनके बीच जहां लोग जाने से भी डरते हैं मुझे दर्शन दे उन्हें अपनी ऑटो में बिठाकर अस्पताल पहुंचाते हैं यह उनकी नेकनियति और उनकी परोपकारिता को दिखाता है। The Logically जितेन्द्र शिंदे जी की दरियादिली और उनके कार्य के लिए उन्हें सलाम करता है।