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Bhagwant Mann का जीवन परिचय: जानिए कैसे एक साधारण कॉमेडियन पंजाब सरकार का मुख्यमंत्री बना

भगवंत मान (Bhagwant Mann) एक ऐसा सियासी चेहरा जो आज भारतीय राजनीति का केंद्र बिंदु बन गए हैं। यूं तो भगवंत मान (Bhagwant Mann Life story) का जीवन कई पड़ाव, कई आलोचनाओं, कई विवादास्पद घटनाओं की बानगी रहा है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में जिस तरीके से उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी पैठ बनाई वह बेहद ही प्रेरणादायक और प्रशंसनीय है।

एक कॉमेडियन (Comedian) के रूप में अपनी पारी की शुरुआत करने वाले भगवंत मान कई पड़ाव से होते हुए राजनीति में दस्तक दी और वे पहली बार में एक नवनिर्मित आम आदमी पार्टी (AAP) की टिकट पर चुनाव लड़ कर देश की संसद पहुंचे। राजनीति (Politics) में उनका कद निरंतर रूप से बढ़ता चला गया और आज वे पंजाब के मुख्यमंत्री (Chief Minister) के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। चुनाव से पूर्व आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान (Bhagwant Mann) को पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) का चेहरा घोषित किया था। जिसके बाद चुनावी परिणाम अप्रत्याशित रही और लोगों ने उनके नेतृत्व को जमकर स्वीकारा। आईए जानते हैं मौजूदा राजनीतिक स्टार भगवंत मान के शुरुआती जिंदगी से लेकर आज मुख्यमंत्री बनने के पूरे सफर को विस्तार से…

भगवंत मान का परिचय (Bhagwant Mann Life story)

Bhagwant Mann life story

भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सताओ में हुआ था। वह एक जट सिख हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा चीमा गांव में स्थित एक सरकारी स्कूल से हुई जिसके बाद उन्होंने उधम सिंह महाविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक किया। उनके पिता का नाम महेंद्र सिंह (Mahendra Singh) और मां का नाम हरपाल कौर (Harpal Kaur) है।

कॉमेडी से करियर की शुरूआत

भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉमेडी (Comedy) के क्षेत्र में कदम रखा वह अपने कॉलेज के टाइम में भी कॉमेडी और कविता प्रतियोगिताओं में भाग लिया करते थे। कॉलेज टाइम के अनुभव को ही उन्होंने अपनी पढ़ाई के बाद भी आगे बढ़ाया। उनकी पहली कॉमेडी तथा गानों की टेप सन 1993 में “गोबी दी ए कच्चिए व्यापारने” आई। इस शुरुआती कॉमेडी के बाद भी कॉमेडी की दुनिया में काफी पसंद किए जाने लगे। इस कॉमेडी शो के बाद उनका यह सफर निरंतर चलता रहा और 2013 तक लगभग 25 कॉमेडी की एल्बम बाजार में आईं। 1993 के बाद लगभग हर साल उनकी कॉमेडी की एल्बम आती रही। कुल्फी गरमा गरम, मिठियां मिर्चा, बोल मदारी बोल, कोको दे बच्चे, मम्मी डैडी मुर्दाबाद, पंच दुनी वीह, दक्का स्टार्ट, जगदे रहो, कुर्सी रानी, खारियां-खारियां, रुकावट का खेद है, गुस्ताखी माफी, लल्लू करे क्वालियां, भगवंत मान 420, सद्दी बिल्ली शानू मियां, भगवंत मान हाजिर हो, भगवंत मान नॉनस्टॉप, भगवंत मान फुल स्पीड, सावधान! अगला भगवान, का मैंने झूठ बोला, भगवंत मान मोस्ट वांटेड, हासो हासओ, जस्ट लाफ बाकी माफ, कुल्फी हॉट हॉट 2, पॉलीवुड में पुलिस, 22 जी तुसी घेंट हो आदि इतनी सारी कॉमेडी एल्बम लाकर उन्होंने खुद को एक कॉमेडी स्टार के तौर पर मजबूती से स्थापित कर दिया। उन्होंने जुगनू, झंडा सिंह, बिबो बुआ, पप्पू पास जैसे कॉमेडी के पात्र को भी निभाया। उन्होंने जगतार जग्गी और राणा रणवीर के साथ भी कॉमेडी की और ‘जुगनू मस्त-मस्त’ जैसे पॉपुलर कॉमेडी टीवी शो और ‘नो लाइफ विद वाइफ’ जैसे स्टेज शो भी किए।

भागवंत मान का फिल्मी सफर (Bhagwant mann in film)

एक कॉमेडियन (Comedian) के तौर पर भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने काफी ख्याति तो पाई ही साथ में भगवंत मान ने बहुत सारी फिल्मों में भी रोल किए और अपने अभिनय से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। भगवंत मान को गायक करमजीत अनमोल ने अभिनय के क्षेत्र में लाए। वे एक कवि भी हैं लेकिन उन्होंने अब तक अपनी कोई भी पुस्तकें प्रकाशित नहीं करवाई हैं। उनकी अभिनीत फिल्में तबाही, नैन प्रीतो दे सुखा, मैं मां पंजाब दी, सिकंदरा, अपना, एकम-मिट्टी का बेटा, सुखमणि-जीवन के लिए आशा, हीरो हिटलर इन लव, मोगा से मेलबर्न वाया चंडीगढ़ इत्यादि है।

भगवंत मान (Bhagwant Mann) को बोलने की कला तो शुरुआत से ही रही है। कॉमेडी शो और फिल्मों में अदायगी के जरिए उनकी बोलने की कला में धार बनती गई। ऐसा कहा जाता है कि जब वे खेतों में पानी दे रहे होते थे या लकड़ी काट रहे होते थे तो लकड़ी को ही माइक बना लेते थे और भाषण देने का अभ्यास करते थे। वर्तमान ने अपने स्तर पर लोगों की काफी हद तक मदद भी की है। जब बादल परिवार में मनमुटाव हुआ तो मनप्रीत बादल (Manpreet Badal) से भगवंत मान (Bhagwant Mann) की मुलाकात हुई और उन्होंने भगवंत मान को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।

राजनीतिक सफर का आगाज (Bhagwant Mann political journey)

भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने राजनीति में आते ही मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था “मैं अपनी कॉमेडी के माध्यम से एक तरह की राजनीतिक और सामाजिक कॉमेंट्री ही करता रहा हूं अब मुझे लगता है कि कीचड़ को साफ करने के लिए कीचड़ में उतरना पड़ेगा इसलिए मैं अब सक्रिय राजनीति में आ गया हूं” उस वक्त उन्होंने कहा था “अकाली और कांग्रेस ने मिलकर सत्ता का जो चक्र बनाया है पंजाब के लोग उसमें पीस रहे हैं पंजाब को एक विकल्प की जरूरत है और हम इसे देने की भरसक कोशिश करेंगे”।

वैसे तो शुरुआती तौर पर उन्होंने विभिन्न पार्टियों के लिए काम किया लेकिन वह किसी भी पार्टी के सदस्य नहीं बने। मार्च 2011 में जब मनप्रीत बादल ने पंजाब (Punjab) में पीपुल्स पार्टी (PPP) का गठन किया तो भगवंत मान उस वक्त पीपुल्स पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक थे। भगवंत मान (Bhagwant Mann) सबसे पहले फरवरी 2012 में पंजाब (Punjab) विधानसभा का चुनाव लड़ा और पीपीपी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की दिग्गज नेता राजिंदर कौर भट्ठल (Rajindar Kaur Bhatthal) के खिलाफ चुनावी ताल ठोकी जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2012 के चुनाव में पीपुल्स पार्टी की हार के बाद मनप्रीत सिंह बादल कांग्रेस की ओर रुख करने लगे जिसके बाद भगवंत मान(Bhagwant Mann) ने कांग्रेस में जाने के बजाय अपना एक अलग राजनीतिक रास्ता चुना और 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) को ज्वाइन किया।

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2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने पंजाब (Punjab) में 4 सीटें जीती। उस लोकसभा चुनाव में भगवंत मान संगरूर (Sangrur) से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और अकाली दल (Akali Dal) के एक वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को 2,11,721 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। भगवंत मान अगले 5 साल तक लोकसभा के सांसद के रूप में कार्य करते रहे। 8 मई 2017 को भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाया लेकिन उन्होंने कुछ ही दिनों बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया। 2017 में आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को जलालाबाद से सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ाया लेकिन इस बार वे बादल से 18500 वोटों से हार गए। अब आगे 2019 के लोकसभा चुनाव की बारी थी इस चुनाव में भगवंत मान ने पुनः संगरूर लोक सभा क्षेत्र से 1,11,111 मतों से चुनाव में जीत हासिल की।

विवादों से रहा है गहरा नाता

भगवंत मान का विवादों से गहरा नाता रहा है। हालांकि उन पर कोई भ्रष्टाचार करने जैसा कोई गंभीर आरोप नहीं लगाया है लेकिन उन पर एक बड़ा रुपया है कि वह शराब पीते हैं। 2015 में आम आदमी पार्टी के बागी नेता योगेंद्र यादव ने भगवंत मान के बारे में यह बात कही थी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी भगवंत मान पर शराब पीने और शराब के आदी होने का आरोप लगाया था उसके बाद आपके एक और बाकी नेता हरिंदर सिंह खालसा ने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से अपनी सीट इसलिए बदलने की मांग की थी कि भगवंत मान के मुंह से शराब की गंध आती है। संसद भवन में बोलने के दौरान भगवंत मान पर भाजपा के भी कई नेताओं ने उन्हें नशे में होने की बात कही थी। इन सभी शराब के आरोपों को भगवंत मान और उनके समर्थकों ने एक राजनीतिक साजिश करार दिया। 20 जनवरी 2019 को एक सभा में अपनी मां की उपस्थिति में यह घोषणा की कि आपसे वह शराब को हाथ नहीं लगाएंगे।

मुख्यमंत्री के तौर पर लोगों की पसंद बने

पंजाब (Punjab) के चुनावी परिणाम आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें तो इस बार शुरुआत से ही भगवंत मान चर्चा के केंद्र बिंदु थे। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने भी इस चुनाव में पंजाब (Punjab) में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भगवंत मान का नाम घोषित किया था। जिसके बाद से पूरे पंजाब में लोगों के बीच भगवंत मान का नाम काफी मशहूर हुआ। इस बार पंजाब के लोगों ने दशकों से चली आ रही कांग्रेस अकाली दल और भाजपा को अस्वीकार करते हुए आम आदमी पार्टी को चुना और भगवंत मान (Bhagwant Mann) को मुख्यमंत्री (Chief Minister) के तौर पर अपनी स्वीकृति प्रदान की। 2022 के इस विधानसभा चुनाव में पंजाब के लोगों ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अप्रत्याशित जनादेश दिया। आम आदमी पार्टी ने यह चुनाव भगवंत मान की अगुवाई में चुनाव प्रचंड वोटों से जीता और पंजाब की कुल 117 सीटों में से 92 सीटें हासिल की। 16 मार्च को भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।

पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस (Bhagwant Mann withdrew security of MLAs)

भगवंत मान अपने शपथ से पूर्व ही किए गए कुछ घोषणाओं से लोगों की उम्मीदों पर खङा उतरने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने शपथ से पूर्व 122 पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने की घोषणा कर दी। लोगों ने इसे वीआईपी कल्चर ( VIP Culture) को खत्म करने का एक सुगम प्रयास करार दिया और भगवंत मान की खूब तारीफ की। उनका यह फैसला पंजाब सहित पूरे देश में चर्चा और प्रशंसा का कारण बना।

भगत सिंह के गांव में लेंगे मुख्यमंत्री का शपथ (Bhagwant Mann Chief minister)

भगवंत मान (Bhagwant Mann) वीआईपी कल्चर से दूर रहते हुए अपने मुख्यमंत्री बनने की शपथ है जालंधर चंडीगढ़ हाईवे से करीब 1 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव खटकड़ कलां में लेंगे गौरतलब हो कि या गांव महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह (Bhagat Singh) का गांव है। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए भगत सिंह के गांव का चयन भी लोगों के बीच एक चर्चा का कारण बना हुआ है। लोग इस प्रयास की भी काफी प्रशंसा कर रहे हैं।

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