हमारे समक्ष ज्यादातर मामले यही देखने को मिलते हैं, कि अगर हम या आप कहीं किसी रास्ते से होकर गुजरते हैं, तो रास्ते में मिले गरीब और बेबस लोगों की हमें तकलीफ़ नहीं दिखाई देती बल्कि उनके शरीर पर मैले कपड़े दिखाई देते हैं। हमें उनसे घृणा होने लगती है, लेकिन अगर आप या हम उनकी तकलीफ़ को देखें तो हमें कपड़ों की गंदगी नहीं, बल्कि लाचारी और बेबसी दिखेगी।
गरीबों की मददगार भाग्यश्री खड़खड़िया
वह इंसान भगवान ही तो है, जो गरीबों से घृणा ना कर उनके तकलीफ़ को समझकर उनसे हमदर्दी दिखाए। गरीबों की मदद करने वाले इंसान में से एक हैं, भाग्यश्री खड़खड़िया (Bhagyashree Khadkhadiya). वह इंदौर (Indore) से सम्बंध रखती हैं और गरीबों की मदद करतीं हैं। अगर उन्हें कोई गरीब, बेसहारा, बीमार और असहाय व्यक्ति मिले तो वह उनकी मदद करती हैं। यहां तक कि अगर उन्हें कोई लवारिस लास भी मिले तो वह अंतिम संस्कार भी करती हैं।
फादर टेरेसा से हुई प्रेरित
भाग्यश्री (Bhagyashree) ने पुरातत्व (Archaeology) में पीएचडी किया है। जानकारी के अनुसार उन्हें अमरजीत सिंह सुदान (Amarjeet Singh Sudan) से प्रेरणा मिली और वह इस क्षेत्र में आईं। अमरजीत सिंह को लोग इंदौर के “फादर टेरेसा” कहते हैं। उन्होंने लगभग 5 सालों तक फादर टेरेसा के साथ कार्य किया है।
मिलता है अपनों का समर्थन
भाग्यश्री (Bhagyashree) के पिता का नाम ब्रजमोहन (Brajmohan) और पति का नाम नवीन (Naveen) है। ये दोनों उनकी हमेश समर्थन करते हैं। उनके पति रेलवे में हैं और डियूटी के बाद वह उनकी मदद भी करते हैं। भाग्यश्री का एक सुपुत्र भी है। उन्होंने बताया कि ऐसे बहुत से व्यक्ति है, जो हमसे सम्पर्क करते हैं और हम उनकी मदद करते हैं। कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं, जो अस्पतालों में मिले हैं। उनकी स्थिति देखने के बाद उन्हें ज्योति निवास आश्रम में ले जाया जाता है।
जानकारी के अनुसार अगर उन्हें कोई लावारिस लास मिले, तो वह उनका दाह संस्कार करती हैं और सारा ख़र्च स्वयं उठाती हैं। कई बार वह स्वयं एम्बुलेंस ड्राइव कर श्मशान जाती हैं। जिस तरह भाग्यश्री (Bhagyashree) गरीबों की मदद कर रहीं हैं, वह प्रशंसनीय है। The Logically भाग्यश्री की सराहना करते हुए उन्हें नमन करता है।