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बिहार के ये IAS अधिकारियों ने अपने गांवों में खोला है पाठशाला, गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाते हैं

शिक्षा के बगैर मनुष्य इस पृथ्वी पर उन विचरते जानवरों के समान है जिनका सुबह कही और शाम कहीं और होता है। शिक्षा के महत्व को वही समझ सकता है जिसने बेहद कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपने को उड़ान दी हो और सफलता की इबादत लिखकर सबके लिए मिसाल बने हो।

आज की हमारी यह कहानी बिहार से ताल्लुक रखने वाले उन आईएएस (IAS) ऑफिसर की है जिन्होंने अपने गांव में पाठशाला खोली ताकि वहां के बच्चे शिक्षित हो सकें। अब उस पाठशाला में वहां के बच्चे निःशुल्क शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

पाठशाला की स्थापना

हमारे देश के बिहार (Bihar) राज्य से नाता रखने वाले सीनियर अफसरों ने शिक्षा हासिल करने के लिए पाठशाला का शुभारंभ किया है। “उस पाठशाला का नाम अंबेडकर इनिशिएटिव फ़ॉर दी मार्जिनलाइज्ड AIM” है। ये पाठशाला हमारे बिहार राज्य के समस्तीपुर गोपालगंज एवं औरंगाबाद जिले में प्रारंभ हुआ है। पाठशाला की आधारशिला समाजिक दायित्व के नाते हुआ है।

Bihar born these 3 IAS officers started Pathshala to educate poor children

निःशुल्क होती है पढ़ाई

जानकारी के अनुसार यहां जो बच्चे पढ़ने जाते हैं उन्हें कोई फीस नहीं देनी पड़ती। अगर हम इस बात पर जोड़ दे कि वहां कितने बच्चे हैं तो शायद ही सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा कि इतने बच्चों के पढ़ाई का खर्चा कहां से आता है। पाठशाला में लगभग 500 बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं और वह भी बिल्कुल फ्री। यहां 40 फीसदी लड़कियां हैं जिन्हें सारे स्टडी मटेरियल और ट्यूशन भी पढ़ाया जाता है। ये सारी चीजें यहां फ्री हैं।

वे ऑफिसर संतोष कुमार (Santosh Kumar) विजय कुमार (Vijay kumar) और रंजन प्रकाश (Ranjan Prakash) हैं। ये चाहते हैं कि बच्चों को शिक्षा हासिल हो जिसके वो हकदार हैं। लेकिन ये तभी सम्भव होगा जब उन्हें स्कूल भेजा जाए। वरना बच्चों को क्या पता है कि शिक्षा क्या है और इसका महत्व क्या है?? संतोष का चयन आईएएस (IAS) के पोस्ट के लिए वर्ष 2014 में हुआ और आज वो स्टाफ सिलेक्शन के तौर पर अरुणाचल प्रदेश में कार्यरत हैं। बात कर विजय की करें तो वह इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस में यूपी के गोरखपुर में कार्यरत हैं वह सन्तोष के बैचमेट भी हैं। वही रंजन प्रकाश सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट के तौर पर असम में अपना कार्यभार संभाल रहे हैं।

वर्ष 2019 में पाठशाला का हुआ शुभारंभ

बच्चों को शिक्षा देने के लिए वर्ष 2019 में तीनों ऑफिसर ने AIM पाठशाला का श्रीगणेश किया। सन्तोष ने जो पाठशाला खोली है वह समस्तीपुर के बसंतपुर रमनी ग्राम में है। वही विजय ने गोपालगंज में स्थित पिठौरी ग्राम में खोली है। तीसरा पाठशाला रंजन प्रकाश ने औरंगाबाद के तरारी ग्राम में खोली है। यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए 6 शिक्षक रखे गए हैं जिनकी सैलरी ये ऑफ़िसर देते हैं।

ऑफिसर्स चुकाते हैं बिल

उन पाठशाला में जितना भी खर्च लगता है सब ये ऑफिसर देते हैं। चाहे वह खर्च टीचर की फीस हो या फिर बच्चों का स्टडी मटेरियल। जब यहां बच्चे नहीं थे तो ऑफिसर खुद ही बच्चों को पढ़ाया करते थे और आज भी जब वे छुटियों में आते हैं तो बच्चों को पढ़ाते हैं।

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