पुराने जमाने में महिलाओं को बन्दिशों में रखा जाता था। उन्हें आत्मनिर्भर बनने की आज़ादी नहीं थी लेकिन इस बदलते समाज में सबकुछ बदल रहा है। महिलाएं अब सभी बन्दिशों को तोड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। यह कहानी भी आत्मनिर्भर बनती महिला की है, जो खुद के साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं।
राजकुमारी बिनिता देवी मणिपुर (Manipur) की राजधानी इंफाल (Imphal) के मोईरंग कप्पू गांव की रहने वाली हैं। उनकी उम्र 50 वर्ष है। वे खुद के दम पर मशरुम की खेती (Mushroom Farming) द्वारा हर महीने लगभग 1.5 लाख रुपये की आमदनी कमाती हैं। बिनिता मशरुम से तरह-तरह के व्यंजन भी बना कर बेचती हैं। जैसे- अचार, कुकीज, चिप्स आदि।
बिनिता (Binita) ने बताया, ‘हम यहां 6 प्रकार के मशरुम उगाते हैं। उसके बाद उससे अचार, चिप्स, कुकीज आदि बना कर बेचते हैं। पीक सीजन में 1.5 लाख रुपये भी कमा लेते हैं। साथ ही हम लोगों को मशरुम की खेती (Mushroom Farming) करना भी सिखाते हैं।’
बिनिता खुद आत्मनिर्भर होने के साथ ही दूसरों को भी रोज़गार देती हैं। कोरोना काल से पहले इनके पास 10 लोग कार्य करते थे लेकिन इस माहमारी का प्रभाव बिजनेस पर भी पड़ा। वर्तमान में बिनिता के पास दो लोग कार्य कर रहें हैं और घर के लोग भी इसमें हाथ बटाते हैं।
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, बिनिता के मशरुम सेंटर में 6 कमरे हैं। उनके पास दो सोलर ड्रायर, एक कोल्ड स्टोरेज, नूडल बनाने की मशीन, बैगिंग मशीन, चैफ कटर और ह्युमिडिफायर भी है। बिनिता के अनुसार, यदि कोई एक माह में 3000 मशरुम के बैग तैयार करता है, तो 1 लाख रुपए तक का फायदा कमाया जा सकता है। (Mushroom Farming)
बिनिता देवी सभी महिलाओं के लिये एक मिशाल हैं। The Logically उनके कार्यों की सराहना करता है।