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गरीब और जरूरतमन्दों के लिए मात्र 5 रुपये में भोजन, दो दोस्तों ने मिलकर शुरू किया यह शानदार पहल

साल 2020 में जारी किए गए ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की सूची में 107 देशों में भारत 94 वें स्थान पर था। ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत इस सूची में लगातार कई सालों से पिछड़ता जा रहा है। DNA की रिपोर्ट अनुसार देश में 19 करोड़ लोग रोज भूखे सोते हैं। ये आंकड़े सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि एक ओर जहां डिजिटल भारत की परिकल्पना और तरक्की के अनेक वायदे किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भोजन जैसी मूल आवश्यकता से हमारी जनसंख्या का बड़ा हिस्सा संघर्ष करता नजर आ रहा है।

Deepak dhawan
दीपक धवन- जीवन ही उद्देश्य

5 रुपए में मिलता है भरपेट नाश्ता

“जीवन एक उद्देश्य” एक ऐसी संस्था है जो तीन सालों से कई लोगों के पेट भरने का काम कर रही है। होटल तो दूर किसी ठेले पर भी अगर भरपेट नाश्ता करना हो तो 40 – 50 रुपए हाथ में होने चाहिए। ये सभी के बस की बात नहीं की कि इतना खर्च कर सकें। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मात्र 5 रुपए में ये संस्था लोगों को नाश्ता कराने के लिए आगे आई।

तीन साल में कई लोगों को भोजन मिला

दीपक धवन और जीतेश खरे ने “जीवन ही उद्देश्य” की नींव 15 अगस्त 2018 में रखी थी। देखते ही देखते चार साल पूरे होने को है। इस दरमियान ये दोनों दोस्त कई स्लम, फुटपाथ, चौक चौराहों पर अपंग, असहाय और गरीब लोगों का सहारा बने।

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इन जगहों पर लगाई जाती है स्टाल

1-2 चौक, NIT-1 फरीदाबाद और उत्तम नगर लेबर चौक, नई दिल्ली पर हर वीकेंड शनिवार और रविवार की सुबह आपको लोगों की भीड़ दिखेगी। यहां जरूरतमंद लोगों के लिए मात्र 5 रुपए में नाश्ता मिलता है। सांभर वडा, मटर कुलचे, ब्रेड पकोड़ा, चाय। हर सप्ताह अलग – अलग नाश्ते के साथ संस्था की टीम तड़के इस उद्देश्य के साथ पहुंचती है कि हर व्यक्ति के दिन की शुरुआत भरपेट ऊर्जा के साथ हो।

जितेश खरे(दाएं)- जीवन ही उद्देश्य

ब्रेकफास्ट के साथ अब लंच भी

इस संस्था के बारे में हम आपको पहले भी बता चुके हैं। तब “जीवन ही उद्देश्य” की टीम लोगों को केवल ब्रेकफास्ट मुहैया कराती थी। लेकिन अब लंच की भी की तैयारी है। दीपक धवन एक बार फिर The logically से मुखातिब हुए और उन्होंने अपने नए प्लान की जानकारी भी साझा की। संस्था अब 5-10 रुपए में लंच भी मुहैया कराने की तैयारी में जुट चुकी है। दीपक का कहना है कि ” हमारा उद्देश्य प्रॉफिट कमाना बिल्कुल भी नहीं है। लोगों को पेटभर खाना मिल जाए और कोई भी भूखा न रहे यही हमारी नित्य उपलब्धि है। यदि किसी के पास बिल्कुल भी पैसे न हो तो हम उन्हें मुक्त भोजन देते हैं।”

लोगों को इस तरह मिल रहा रोजगार

बता दें कि शुरुआत में दीपक खुद नाश्ता तैयार कर के टीम के साथ सुबह वीकेंड पर लोगों के बीच पहुंचते थे। लेकिन अब यह काम दो एम्पलॉइज के हाथों सौंप दिया गया है। आगे अन्य लोगों को भी इसमें जोड़कर रोजगार देने का प्लान है। खासकर उन लोगों को जिनमें खाना बनाने के गुड़ और रोजगार की आवश्यकता हो।

दीपक धवन का Feed to 3 फार्मूला दिया

इसके अंतर्गत वे बताते हैं कि हर सक्षम व्यक्ति सप्ताह में कम से कम तीन भूखे लोगों को खाना खिलाए। जिससे भूखे लोगों तक भोजन पहुँचाने का कार्य देश के हर क्षेत्र में संभव हो सकेगा और इस समस्या से निजात पाने में हम धीरे – धीरे सफल होंगे। इस तरह से जन भागीदारी से भुखमरी की समस्या दूर हो सकती है।

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