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मॉडल, मिस इंडिया, सफल अभिनेत्री और फिर बनी विश्वप्रसिद्ध शिक्षिका, डॉ.स्वरूप रावल को मिल चुका है ग्लोबल टीचर अवार्ड: Dr. Swaroop Rawal

चमत्कार शब्द तो आप शायद जानते ही होंगे।तो अब जरा गौर कीजिए ये (Dr. Swaroop sampat rawal) एक ऐसी हस्ती हैं जो वर्ष 1979 में मिस इंडिया चुनी जाती हैं, कमाल की बात है कि ये खुद मिस इंडिया नहीं बनना चाहती थी बल्कि इनके पिताजी ने इस कॉन्टेस्ट के लिए इनका फॉर्म भरा, जब वह मिस इंडिया जब चुनी गई तब इनसे सवाल पूछा जाता है कि आगे चलकर आप क्या योगदान देना चाहती हैं? उनका जवाब था मैं बच्चों के लिए कुछ करना चाहूंगी। लेकिन इसके बाद वो अभिनेत्री बन जाती हैं। 80s के दशक के आखिर में उन्होंने फिल्मो से लगभग दूरी बना ली लेकिन चमत्कार देखिए कि वर्ष 2019 में ग्लोबल टीचर (Global Teacher Award) से सम्मानित की जाती हैं। आपको उरी द सर्जिकल स्ट्राइक में विकी कौशल की माँ याद हैं ? ये शिक्षक वही है।परेश रावल जैसे अभिनेता को कौन नही जानता,ये उनकी धर्मपत्नी हैं।

पूर्वाग्रह को तोड़तीं लगन: (Dr. Swaroop sampat rawal)

हमसे ज्यादा हमारे पूर्वाग्रह हमें संचालित करते हैं। लेकिन पूर्वाग्रह भी टूटने के लिए ही होते हैं जैसे हमारी आज की प्रेरणादायक हस्ती हैं जिनका नाम है स्वरूप संपत रावल। जरा उनकी जीवन यात्रा देखिए-पहले मिस इंडिया,फिर भारतीय फिल्म अभिनेत्री और अब शिक्षिका। पूर्वाग्रह वाली बात कहना इसलिए भी आवश्यक था क्योंकि हमारे मन में यही रहता है कि एक अभिनेता या अभिनेत्री शिक्षिका नहीं हो सकती। लेकिन स्वरूप संपत रावल की कहानी इस मामले में बिल्कुल अलग है।आइए सबसे पहले उस बात की जिक्र करते हैं जिसके कारण मैं ये कहानी लिखने पे मजबूर हुई हूँ।

शिक्षिका स्वरूप संपत रावल (Dr. Swaroop sampat rawal)

क्या आप भरोसा करेंगे कि तकरीबन 37 साल की उम्र में स्वरूप रावल को लगा कि उन्हें दुबारा से अपनी पढ़ाई शुरू करनी चाहिए और उन्होनें इस उम्र में दूरस्थ शिक्षा के द्वारा अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए अपना नामांकन करवाया। उसके बाद स्वरूप जी यहीं नही रुकती बल्कि Ph.D के लिए भी अपना कदम बढ़ाया।

Dr. Swaroop Sampat Rawal

पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती

अपनी इस अनूठी यात्रा के विषय में बताते हुए स्वरूप कहती हैं कि जब वो उन्नीस साल की थी तभी मैंने मिस इंडिया और अभिनय की वजह से अपनी कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी।
उस व्यक्त एक घटना का जिक्र कर हुए स्वरूप कहती हैं कि अपने परीक्षा के दौरान जो पसंदीदा विषय का पेपर था उसको मैंने एकदम खाली छोड़ दिया। जब उनकी माँ ने पूछा कि तुमने ऐसा क्यूँ किया?ऐसा कोई करता है क्या?तब मैंने उनसे कहा कि जब सबकुछ सब कुछ आता हो तब लिखना बहुत बोरिंग हो जाता है,तब माँ ने कहा कि जब सबकुछ आता है तो लिखना चाहिए।
आपको सुनकर अजीब लगेगा कि स्वरूप अपने पसंद के विषय को छोड़कर हर विषय में पास हो गई। खैर फिर कुछ यूं हुआ कि स्वरूप ड्रामा,थिएटर,फिल्म और मॉडलिंग में व्यस्त हो गई और वक्त गुजरता गया।वो जब 37 साल की थी, कोई रोमांटिक उपन्यास पढ़ रही थी तभी उनके पति और हिन्दी फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता परेश रावल ने कहा कि तुम अब इस स्तर तक पहुँच गई हो? ये बात सुनकर उन्हें अजीब सा लगा और तब उन्होंने दुबारा से पढ़ाई करने का फैसला लिया और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम के द्वारा अंग्रेजी साहित्य में में परास्नातक(MA) की डिग्री ली।

कुछ यूं अपने अंदर के शिक्षक को जिंदा रखा (Success story of Dr. Swaroop sampat rawal)

कुछ गलतियां मिसाल बन जाती हैं।जैसे इनके मामले में हुआ।दरअसल स्वरूप जी दो बेटों की माँ भी हैं।किसी दिन कुछ यूं हुआ कि अपने बच्चों को पढ़ाने के दौरान इन्होंने अपने पति परेश रावल जी को कहा कि बच्चों को ‘ज’ सीखा दो लेकिन परेश रावल बच्चों को नुक्ता वाला ‘ज.’ सिखाने लगे। ये देखकर स्वरूप जी की को लगा कि नही मुझे बच्चों को खुद ही पढ़ाना होगा और उन्होंने अपने सारे काम को किनारे कर बच्चों को खुद पढ़ाना शुरू किया।
आपको बता दें कि इनके बच्चों ने कोई ट्यूशन नहीं लिया। अपने बच्चों की शिक्षक बनते बनते बात आगे बढ़ी। दरअसल अपने बारे में बात करते हुए स्वरूप बताती हैं कि जब मेरे बच्चे छोटे थे तब मैं पेरन्ट-टीचर एसोसिएशन में थी और मैं फिर उसके द्वारा बच्चों को पढ़ाने में संलग्न हो गई। पढ़ाने के दौरान ड्रामा का प्रयोग करने लगी। उनका जो पहला ग्रुप था जिसको वो पढ़ा रही थी वो काफी विवधता से भरा था। उस ग्रुप में स्लो लर्नर,डिसलेक्सिया से के पीड़ित,मेनटल डिसबिलिटीस।उनके शिक्षण की वजह से इन बच्चों को अत्यंत लाभ प्राप्त हुआ।

अभिनेत्री से शोधार्थी की ओर प्रयाण (Dr. Swaroop sampat rawal)

इन सारे बच्चों की सीखने में लाभ देख कर स्वरुप जी के मन मे आया कि क्यों न मैं ड्रामा में कोई कोर्स करूँ। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने वर्की नामक विश्वविद्यालय को इस कोर्स को करने के संबंध में एक पत्र लिखा।पत्र का जब जवाब आया तो वो हैरान रह गई क्योंकि पत्र में ये लिखा था कि आपके सीवी को देखते हुए हमें ये लगता है कि आपको पीएचडी करना चाहिए।ये सुनकर उन्हें हैरानी भी हुई और अजीब भी लगा कि इस उम्र क्या ये सही होगा कि मैं अपने बच्चों की पढ़ाई पे खर्च करने की जगह खुद पर खर्च करूँ।ये देखकर विश्वविद्यालय स्वरूप को पूर्ण स्कॉलरशिप देने के लिए तैयार हो गई और शोध की यात्रा का रास्ता तैयार हो गया। विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप की मदद पाकर वो शोध में जुट गईं।उन्होंने अपने इस शोध कार्य का टॉपिक रखा ड्रामा के जरिए शिक्षा। जब वो 42 साल की हुई तब उनको अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल की।

अभिनेत्री जो अब शिक्षिका बनी

क्या आप यकीन करेंगे उच्च शिक्षा हासिल कर चुकी स्वरूप जी छोटे कक्षा के बच्चो से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन के भी बच्चों को भी पूरी सक्रियता से पढ़ाया। वो अपने शिक्षण के समय बिल्कुल ही अलग लेकिन अत्यंत सक्रिय अंदाज़ में होती हैं। अपनी उच्च शिक्षा वारसेस्टर विश्वविद्यालय से सम्पूर्ण करने के बाद स्वरूप ने भारत के कई विद्यालयों में अपनी अनूठी शिक्षण कला का प्रयोग प्रारंभ किया और उससे अद्भुत परिणाम आने लगे। एक्टिंग और मॉडलिंग करियर के साथ साथ उन्होंने अपने भीतर के शिक्षक को हमेशा जींद रखा। कई वर्क्शाप आयोजित कर वो शिक्षक को प्रशिक्षण देती हैं। गजब की अभिनेत्री और अनूठी शिक्षक स्वरूप एक मिसाल हैं।

शिक्षण कार्यक्रम के दौरान की फोटो

वैश्विक सम्मान प्राप्त करने वाली शिक्षिका (Dr. Swaroop sampat rawal awarded with global teacher award)

अपनी इस अनूठी प्रतिभा के प्रयोग के द्वारा पूरी दुनिया में अपनी पहचान एक शिक्षिका के तौर पर स्थापित करने वाली अकेली शिक्षिका है। उनके इस अद्भुत कार्य को देखते हुए वर्ष 2019 में वर्गी फाउंडेशन ने ग्लोबल टीचर के 10 शीर्ष विजेताओं में उन्हें स्थान दिया गया। आपको बता दें की इस पुरस्कार के लिए दुनिया के 179 देशों से 10,000 नामांकन और आवेदन आए थे। पूरे साउथ एशिया और साउथ ईस्ट एशिया से स्वरूप अकेली ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है। उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने भी स्वरूप संपत को बच्चों को पढ़ाने के लिए एक स्पेशल प्रोग्राम के लिए चुना था। दूरदराज के आदिवासी गावों में जाकर बच्चों को पढ़ाती हैं। विशेष कर लर्निंग ऑफ़ डिस अबिलिटीज़ से ग्रसित बच्चों को जीवन कौशल सिखाती हैं।इस पुरस्कार को देने से पहले बहुत ही सख्त जांच की प्रक्रिया से गुजरना होता है।इस पुरस्कार के लिए फॉर्म भरने में ही एक सप्ताह का समय लगता है और फॉर्म में दी गई हरेक जानकारी की हर स्तर पर सख्ती से जांच करने के बाद पुरस्कार देने का अंतिम फैसला किया जाता है।

स्वरूप की अनूठी शिक्षण पद्धति

आइए जानते हैं की यह अभिनेत्री शिक्षण को लेकर क्या विचार रखती हैं उनका कहना है की हमने शिक्षा को तोता रटंत की प्रक्रिया मात्र बना कर रख दिया है। * इन्होनें 2007 से बहुत ही सक्रियता के साथ शिक्षण किया है। इन्होनें loc उरी से मदुरै तक शिक्षण किया है। हमने सारी चीज़ें बोरिंग और किताबी बना डाली हैं जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि नही रह जाती। मेरा मकसद ये है कि मैं चीजों को किताबों के बाहर लाकर उनको महसूस करवा कर सिखवाऊं।इस प्रक्रिया को एक्सपेरेंसल लर्निंग के नाम से जाना जाता है और इस एक्सपेरेंसल लर्निंग के लिए मैं ड्रामा का प्रयोग करती हूँ। अपनी शिक्षण शैली के बारे में बात करते हुए स्वरूप कहती हैं की आप कल्पना कीजिए कि विद्यार्थियों को दांडी मार्च के बारे में मुझे बताना है तो सम्पूर्ण घटनाक्रम को मैंने ड्रामा के माध्यम से बताया,बजाय इसके कि मैं उन्हें इसी बात को किताबों से पढ़कर बताऊं।उनका अपना एक यू ट्यूब चैनल भी है जिसका नाम है* –Drama in Education taking Gandhi out of the text book by swaroop sampat rawal

Miss India- Dr. Swaroop sampat Rawal

ऐसा सिलेबस तैयार किया जो दुनिया में कहीं नही है

ड्रामा के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने की इस प्रक्रिया का करीकुलर भी स्वरूप जी ने खुद तैयार किया है।मैंने खुद इसका सिलबस तैयार किया है। उनका कहना है कि ऐसा कारीकुलर पूरी दुनिया में कहीं नहीं है। मैं अपने प्रोग्राम को मैकिंग मैजिक कहती हूँ। ये एक ऐसा मैजिक है की अगर ये आपको छूएगा तो आपकी ज़िंदगी बदल जाएगी।

मॉडलिंग और फिल्मी करियर

वर्ष 1979 में मिस इंडिया के लिए चयनित इस खूबसूरत अभिनेत्री के विषय में क्या आप जानते हैं कि स्वरूप संपत ‘श्रृंगार’ बिंदिंयों का भी चेहरा रही हैं? उस वक्त स्वरूप मात्र 18 साल की थीं और हर ब्रैंड की टॉप चॉइस थीं। उनकी प्रमुख फिल्मों में नाखुदा,नरम-गरम ,हिम्मतवाला,की एण्ड का,उरी द सर्जिकल स्ट्राइक।उरी द सर्जिकल स्ट्राइक मैं उन्होंने विकी कौशल की माँ की भूमिका का निर्वाह किया था।

मॉडल और अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी

स्वरूप के बारे में जानने वाली खास बात ये है कि अभिनेत्री मॉडल होने के बावजूद इनका ग्लैमर के प्रति कोई रुझान नहीं था। स्वभाव से वो काफी शर्मीली थी।लेकिन उन्हें कैमरा से बहुत प्यार था,फोटो खिचवाना बहुत पसंद था। लेकिन वो कभी भी मिस इंडिया बनना नहीं चाहती थी।मिस इंडिया के लिए उनका फॉर्म उनके पापा ने भरा था।मिस इंडिया चुनने को लेके अपनी तैयारी के बारे में स्वरूप का कहना है कि उन्होनें इसके लिए कोई तैयारी नहीं की थी वो जो थी बस उसी को उन्होनें प्रस्तुत किया।अभनेत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा की वो अभिनेत्री भी नहीं बनना चाहती थी। ये सब एक्सीडेंटली हुआ जबकि उनके पति परेश रावल हमेशा एक अभिनेता बनना चाहते थे।

ऐसे बनी परेश रावल की जीवन संगीनी: Dr. Swaroop married to Paresh Rawal

परेश और स्वरूप कॉलेज के दिनों के दोस्त थे और वो ड्रामा में काम किया करते थे। उन्हीं दिनों उन्हें एक ड्रामे के लिए नायिका नहीं मिल रही थी तभी उन दोनों के बेहतरीन मित्र और अभिनेता शफी इनामदार ने कहा की चलो स्वरूप को ही ले लेते हैं और इस तरह से उनके ऐक्टिंग करिअर की शुरुआत हुई। उसके बाद उन्हें ऋषिकेश मुखर्जी और यश चोपड़ा की फिल्में मिली।

एक रचनात्मक व्यक्तित्व

स्वरूप रावल एक रचनात्मक व्यक्तित्व की धनि है उन्होंने फिल्मों से दूर रहकर कई अन्य प्रकार के चीजों में संलग्न रही जैसे उन्होनें जापानी पुष्पकला इकेबाना में डिग्री प्राप्त किया।इतने चुप चाप तरीके से इतना बड़ा काम करने के सवाल के जवाब में वो कहती हैं कि
शिक्षक बहुत चुप छाप से काम करते रहते हैँ। वो किसी स्टार की तरह मीडिया का ध्यान नहीं आकर्षित कर पाते हैं। फोटो जो है वो स्टार की लेना चाहते हैं शिक्षक की फोटो कौन लेना चाहते हैं।

एक सवाल के जवाब के दौरान स्वरूप संपत अपने सपने के विषय में कहती हैं- “जैसा कि मैंने अपने थीसिस में भी लिखा है कि मैं अपने देश के हर बच्चे के जीवन में बदलाव लाऊँ”!

The Logically उनके इस सपने को पूरा होने की कामना करता है।वो इसी तरह से मील के पत्थर को स्थापित करती जाएँ और उनकी इस अनूठी यात्रा के लिए हमारे तरफ से ढेरों शुभकामनाएं।

संध्या इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और लेखनी में काफी सक्रिय हैं। अभी तक संध्या अनेकों प्रतिष्टित मीडिया चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं, समाजिक मुद्दों पर अपनी मजबूत पकड़ रखने के कारण अब वह The Logically के साथ सकारात्मक खबरों को लिख रही हैं।

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