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शादी के बाद मैरिटल रेप, डिप्रेशन से लड़ीं और आज नेशनल चैंपियन बन चुकी हैं: Ekta Kapoor

हमारे समाज में आज भी कहीं ना कहीं ऐसा देखने को मिलता है कि बहुत छोटी उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती है, जो मानसिक और शारीरिक रूप से शादी के लिए तैयार नहीं होती। ऐसा ही कहानी,आज हम आपको बताने वाले है एक लड़की की,जिनकी शादी 18 साल की उम्र में हो गई, उसने अपनी कठिनाइयो को एक चुनौती समझा और आज वो एक मशहूर फिटनेस ट्रेनर है, जी हम बात कर रहे है देहरादून की एकता कपूर (Ekta kapoor)की,जिन्होंने कभी हार मानना नहीं सीखा बल्कि मुश्किलों से लड़ना सीखा है।

‌परिचय

‌एकता कपूर (Ekta Kapoor) भारत के उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य की रहने वाली है,इनका जन्म नैनीताल मे हुआ। जब ये 15 दिन की थी तो इनकी मां ने इन्हे छोड़ दिया क्यूंकि उन्हें लड़की नहीं चाहिए थी। पिता ने इनको संभाला लेकिन कुछ रिश्तेदार ने इनके पिता से कहा कि आप अकेले आदमी के लिए एक बच्ची को पालने में मुश्किल होगी, इस बच्ची गोद दे दीजिए परन्तु इनके पिता ने इनको अपने सिना से लगा लिया और इनका पालन – पोषण एक माता के तरह किया।

 Ekta kapoor


‌पिता ने स्कूल में शिक्षक के रूप में किया काम:-

‌अपना पेट पालने के लिए एकता के पिता ने नैनीताल के बिड़ला विधा मंदिर मे एक शिक्षक के रूप में काम किया। जब पिता स्कूल में काम करने लगे तो उनको एकता के लिए समय नहीं मिल पाता था तब एकता ने खुद को संभाला। अब कोई भी घर पे नहीं था जो समय पर भोजन बना सके और इनका होमवर्क करा सके। बहुत छोटी उम्र में एकता ने घर का सारा काम – काज करना सीख लिया।

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‌18 वर्ष की आयु में वैवाहिक बंधन में बंधी:-

‌एकता की उम्र 18 साल की थी तब इनके पिता ने इनकी शादी करवा दी। शादी बाद इनको अपने पति के व्यवसाय के बारे में पता लगा जो की अवैध व्यापार में शामिल थे।‌ एकता बताती है, ” मै बहुत छोटी थी और शारीरिक संबंध के लिए तैयार नहीं थी, मैंने वैवाहिक बलात्कार का सामना किया, कुछ ऐसा जिसे हमारे समाज में बलात्कार के रूप में भी विभाजित नहीं किया गया है। इसके बाद मै नैनीताल चली गई और तलाक लेने का फैसला किया। जब मै किसी समारोह मे जाती तो लोग मुझे तलाकशुदा लड़की के नजरो से देखते और कुछ लोग टिप्पणियां भी करते। मेरा जीवन पूरी तरह से तबाह हो चुका था, मैंने खुद की जिंदगी खत्म करने की भी कोशिश की परन्तु मुझे पता लगा कि मैं गर्भवती हूं।”‌ उन्होंने आगे कहा, “मेरा हीमोग्लोबिन वास्तव मे कम था और मेरा शरीर पूरी तरह से कमजोर थी। मुझे अपने स्वास्थ्य और गर्भावस्था को स्थिर करने के लिए कई प्रतिक्रियाओं से गुजरना पड़ा ।”


‌गर्भावस्था के दौरान स्तंभ बने रहे पिता :-

‌एकता ने बताया,” मेरे पिता गर्भवास्था के दौरान समर्थन के एक स्तंभ थे, मेरे लिए हर एक पल खड़े रहे । वो हमेशा से एक पिता और माता दोनों का कर्तव्य निभाए है।


‌एक बेटी को दिया जन्म:-

‌एकता ने एक बेटी को जन्म दिया, ये बेटी उनके जीवन में एक उजाला बनके आई, और उनके लिए वो बच्ची जीवन में आगे बढ़ने और जीवन के सफर को जीने के लिए प्रेरणा की स्रोत बन गई। उसने अपनी बेटी की परवरिश करने के साथ नैनीताल के एक निजी संस्थान से कॉलेज की डिग्री प्राप्त किया। जब बेटी 3 साल की हो गई तो एकता ने उस बेटी को अपने दादा के देखभाल में छोड़कर अपनी कैरियर की शुरुआत के लिए दिल्ली चली गई। एकता बताती है,” मै थोड़े दिन रिश्तेदारों के साथ रही और पता लगाया कि मेरे लिए कौनसा जॉब सही रहेगा। दिल्ली में मैंने अपने नाम के अनुरूप एकता कपूर (फिल्म निर्देशक) के अभिनय कक्षाओं मे भी शामिल हुई। मैंने फैशन डिजाइनिंग, वित्त, आतिथ्य और यहां तक ​​कि शिक्षकों के प्रशिक्षण भी किया। लेकिन मुझे आनंद नहीं मिली। जब मै अपने उद्देश्य की खोज कर रही थी तब एक दोस्त ने मुझे बचपन के खेल को याद दिलाया, जिसमे मै हमेशा अव्वल रहती थी। उसने बोला कि तुम फिटनेस प्रमाणन मे शामिल हो। मुझे लगा फिटनेस के लिए मुंबई अच्छा रहेगा। काफी परेशानियों से जूझने के बाद एकता मायानगरी ,मुंबई में मै 1 अप्रैल को स्थानांतरित हो गई। आखिरकार एकता को उनका मंज़िल मिल ही गया वो था, “स्वास्थ्य और फिटनेस”



‌मुंबई में उनका लक्ष्य बना “स्वास्थ्य और फिटनेस”

‌मुंबई आने के बाद एकता ने फिटनेस उद्योग का पता लगाया, हालांकि वो बचपन से खेलो में बहुत अच्छी थी। वह योग कक्षाओं में शामिल हुई और फिटनेस प्रदर्शनों मे भाग लिया।‌ एकता बताती है,” जब मैंने 1 जून को फिटनेस फर्स्ट ज्वॉइन किया तो वहां मुझे एक शक्स मिले, जो उत्तराखंड से थे। हम एक – दूसरे को नहीं जानते थे फिर भी हमारे बीच बहुत सारे कनेक्शन थे। मै उस समय उस उद्योग में नई थी और वो मुझसे बहुत वरिष्ठ थे, मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। इस उद्योग में वो मेरे लिए मार्गदर्शन के स्रोत बने रहे उसके बाद से हमें कोई नहीं रोक रहा था। आज मै और शशांक अपनी खुशहाल जिंदगी के सफर मे है।‌ आज शशांक, एकता और उनकी बेटी (जो अब 12 साल की है) देहरादून में रहते है।

‌कभी भी कठिनाइयो से भागे नहीं खुल कर सामना करे:- एकता कहती है,” महिलाओं को खुल कर मुसीबतों का सामना करना चाहिए कभी भी परेशानियों से भागना नहीं चाहिए, एक ना एक दिन मंज़िल और आपकी जीत जरूर होती है।


‌फिटनेस का पूरा रखे ध्यान:-

‌स्वस्थ रहने के लिए किसी को महंगे वर्कआउट गियर, फैंसी जूते और सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है। तेज चलना, नट और फल, नियमित कसरत के साथ पानी आपके अंगों को सक्रिय रखने बनाए रखती है। हमेशा अपने फिटनेस पर ध्यान दे।

‌आज, एकता कपूर देहरादून में माउंटस्ट्रॉन्ग पर्सनल फिटनेस स्टूडियो की सह-संस्थापक, केटलबेल शिक्षक, पावरलिफ्टिंग में राष्ट्रीय चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित निजी प्रशिक्षक हैं। हम सभी के लिए एकता कपूर एक प्रेरणा की स्रोत बनी हुई है जिन्होंने बहुत संघर्षों के बाद अपनी मंजिल पाई। हमे भी कठिनाइयो को देखकर भागना नहीं बल्कि उसका सामना करना चाहिए।


निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

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