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इंजीनियरिंग के छात्र की अनोखी पहल, डिप्रेसन पीड़ितों की कहानी सुनते हैं और 10 रुपया देते हैं

अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर हम ख़ुद को समय नहीं दे पाते हैं। यही कारण है कि आज की युवा पीढ़ी अधिक मात्रा में डिप्रेशन का शिकार हो रही है। युवा अपनी समस्याओं को हर किसी से नहीं बताते। शायद उनके पास इतना वक़्त ही नहीं है कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से अपनी समस्या साझा करें।

इस वर्ष बहुत से व्यक्तियों ने डिप्रेशन के कारण आत्महत्या भी की है। आज की इस कहानी में हम आपको एक ऐसे छात्र के बारे में बताएंगे जो डिप्रेशन पीड़ितों को कहानी सुनता है ताकि उनका मन हल्का हो। इसके बदले यह 10 रुपये इन्हें देता भी है। वाकई इनकी यह कोशिश बहुत ही अच्छी है।

कोई भी कार्य या किसी भी चीज़ की एहमियत किसी को तब समझ आती है जब वह हमसे दूर हो जाती। सीधे शब्दों में कहें तो जब कोई व्यक्ति इस दुनिया से या किसी की जिंदगी से चला जाता है तब लोगों को उसकी एहमियत समझ आती है। लेकिन ऐसे से बहुत से व्यक्ति हैं जो लोगों को और उनकी बातों को समय रहते समझते हैं। इन्हीं में एक हैं राज विनायक डगवार।

depressed man

छात्र राज विनायक डगवार

राज विनायक डगवार (Raj Vinayak Dagvar) पुणे (Pune) के इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College) के छात्र हैं। यह उन लोगों की मदद कर रहें हैं जो डिप्रेशन के शिकार हैं और अपनी बात किसी से कहना चाहते हैं। यह पुणे में इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी (Institute of Computer Technology) से कंप्यूटर इंजीनियरिंग (Computer Engineering)
की शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं।

हर हफ्ता करतें हैं लोगों से बात

विनायक F.C. कॉलेज की सड़क के किनारे हाथो में बोर्ड लेकर खड़े रहतें हैं। यह इस बोर्ड लिखतें है, “मुझे अपनी कहानी बताओ मैं 10 रुपये दूंगा।” इनका यह तरीका बेहद खूबसूरत है। इनके इस तरीके से लोगों का मन भी हल्का हो जाता है।

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लोगों को भी मिलती है खुशी

इन्होंने यह बताया कि जब लोग हमसे अपनी बात कहते हैं तो बहुत दुखी होते हैं। कुछ तो ऐसे भी होतें हैं जिन्हें कुछ मालूम ही नहीं होता लेकिन एक बार जब वे बात शुरू कर देते हैं तो मेरे पास से जाना नही चाहते। वाकई में जब आप किसी अनजान व्यक्ति से कुछ कहेंगे तो आप तनाव मुक्त होंगे कि वह क्या सोचेगा या आपके और उसके रिश्ते पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। ऐसा करने से लोगों के मन का बोझ भी हल्का हो जाता है।

सोशल साइट से हुए प्रभावित

विनायक ने यह बताया कि इन्होंने एक विदेशी व्यक्ति की फोटो सोशल साइट पर देखा था जो प्लेटफार्म पर लोगों से यह कहता था कि मैं आपकी कहानी सुनने के बदले आपको 1 डॉलर दूंगा। जब इन्होंने यह देखा तो सोचा कि क्यों ना मैं भी यही करूँ और फिर शुरू किया इस कार्य को करना। इस कार्य के लिए इन्हें बहुत ही लोगों से तारीफ़ भी मिल रही है।

जिस तरह विनायक जी लोगों की मदद बिना किसी चाहत के कर रहें हैं ताकि दूसरों का मन हल्का हो, वह काबिल-ए-तारीफ है। The Logically तहे-दिल से शुक्रिया अदा करता है।

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