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एक गीत को 6 भाषाओं में गाने वाला संगीतकार, राजस्थान के विरासत को विश्वपटल तक पहुंचाने के लिए मिला पद्मश्री

पद्मश्री लाखा खान

अगर हम समझते हैं कि काम का वास्तविक अर्थ पूजा है, तो काम वास्तव में वास्तविक पूजा है क्योंकि बिना काम के हमारा जीवन बेकार है। यदि हम अपने जीवन में इसका अच्छी तरह से पालन करते हैं, तो यह सफलता, प्रगति और खुशी की कुंजी के रूप में कार्य करता है।

इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है राजस्थान के जोधपुर जिले के रहने वाले लाखा खान (lakha khan) जिन्होंने अपने लोक संगीत के जरिए पुरी दुनिया को भारतीय कला से परिचित कराया है। लाखा खान के लोग संगीत की खासियत यह है कि वो एक गीत को 6 भाषाओं में गा सकते हैं। यही कारण है कि उन्हें पद्मश्री पुरस्कार (padma shri award) से सम्मानित किया गया है। एक छोटे से जगह से आने के बावजूद उन्होंने अपने नाम को चारों तरफ रौशन किया है। आइये जानते हैं उनके बारे में।

संगीत में थी खास रुचि

लाखा खान राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) जिले के रनेरी गांव के रहने वाले हैं। उनके परिवार में संगीत को अधिक महत्व दिया जाता था यूँ कहें तो वह एक संगीतकार परिवार में ही जन्में थे। बचपन से लाखा को सारंगी (sarangi player) बजाने का बहुत शौक था। लोक संगीत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया।

पीछे मुड़ के नही देखा

लाखा (lakha khan sarangi player) को बहुत छोटी उम्र में संगीत की शिक्षा स्कूल में शुरू हो गई। जोधपुर के कोमल कोठारी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अलग मुकाम पर ले गए। साठ के दशक में उनकी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति कोमल कोठारी के सहयोग से ही संभव हो पाई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। लाखा खान ने विदेशों में अपने बेहतरीन लोक संगीत का ऐसा जादू बिखेरा की लोग उनके मुरीद हो उठे थे।

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अमेरिका में अलग पहचान

लाखा साल 2013 में पहली बार अमेरिका (America) गए। वहां उन्होंने अलग ही पहचान बनाई। यहीं कारण है कि इसके बाद वे छह बार अमेरिका का दौरा कर चुके हैं। लाखा खान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले जोधपुर रिफ की शान माने जाते हैं। वे हर बरस दुनिया के विभिन्न स्थान से आने वाले नामी संगीतकारों के साथ जुगलबंदी करते नजर आते हैं। सूफी संगीत में उन्होंने महारत हासिल है।

Folk singer of jodhpur rajsthan padmashri lakha khan
Padmashri Lakha Khan

कई भाषाओं में गीत

लोक संगीत (Folk Music) को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने के लिए लाखा खान ने अपना पूरा जीवन लगा दिया। इस कलाकार ने अपने भजन के अलावा लोक संगीत के अलावा सूफी कलाम भी गाए। वो हिंदी, पंजाबी, मुल्तानी, सिंधी और मारवाड़ी के अच्छे जानकार है और इन सभी भाषाओं में लोक गीत गाए हैं।

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सरकार ने किया सम्मानित

अपनी कला के माध्यम से अंतरष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले लाखा खान (lakha khan padma shri award) को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित देश विदेश में कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है। लाखा खान को मारवाड़ रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है संगीत के लिए कई पुरस्कार पाने वाले लाखा को भारत सरकार ने लोक संगीत को पहचान दिलाने के लिए पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया है।

लोगों के लिए प्रेरणा

लाखा खान ने अपने कला के माध्यम से यह साबित कर दिया है कि अगर किसी के अंदर कुछ करने की शक्ति हो तो किसी भी प्रकार की परेशानी बाधा नही बन सकती है। आज लाखा खान उन सभी कलाकारों के लिए प्रेरणा (Inspiration) हैं जो छोटे जगहों से आने के कारण अपने कला को नही दिखा पाते हैं। जहां भी मौका मिलता है अपने कला को लोगों के सामने प्रस्तुत करें। अपने अंदर की कला को पहचान कर सफल अवश्य बना जा सकता है।

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