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प्रेरणा : एक हाँथ नहीं है फिर भी मास्क बनाकर जरूरतमंद स्टूडेंट्स में वितरत किया

कोरोना काल ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को पिछले कई दिनों से बुरी तरह प्रभावित किया है। लोग अपनी जान बचाने के लिए अलग-अलग तरीकों से प्रयास कर रहे हैं जबकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी उदारता से मानवता का नया मिसाल कायम कर रहे हैं।

ऐसे ही एक कहानी कर्नाटका उडुपी , के 10 वर्षीय सिंधुरी की है जिन्होंने पिछले दिनों परीक्षा देने आए स्टूडेंट्स के लिए मास्क बनाकर उनमें वितरित किया। आपको यह जानकर हैरानी होगी किस सिंधुरी के बाएं हाँथ का केहुनी के नीचे का हिस्सा बचपन से ही नहीं है, फिर भी उनका यह जज्बा समाज को एक बहुत बड़े प्रेरणा स्त्रोत का नमूना पेश कर रहा है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 10 वर्षीय सिंधुरी ने एसएसएलसी के विद्यार्थियों की मदद के लिए मास्क बनाना शुरू किया। मिली जानकारी के अनुसार जन्म के साथ ही सिंदूरी का बाया हाथ केहुनी के नीचे नहीं है फिर भी उन्होंने अपने अथक प्रयास से कुछ मास्क बनाये और विद्यार्थियों में वितरित किया।

मुख्य बिंदु:
*सिंधुरी का बचपन से ही बाए हाथ के केहुनी के नीचे का हिस्सा नही है ।
*मास्क वितरण में मिली प्रेरणा से सिंधुरी अब एक लाख मास्क वितरित करना चाहती हैं

सिंधुरी का कहना है कि जब उन्होंने मास्क बनाना शुरू किया तब उनके लिए एक मास्क बनाना भी बहुत मुश्किल था । लेकिन इस कार्य मे उनकी मां ने उन्हें भरपूर सहयोग दिया । इस कार्य में मिली खुशी मेरे संघर्ष से कहीं अधिक थी और अब मैं चाहती हूं की एक लाख मास्क बनाकर जरूरतमंद लोगों में वितरित करूं।

मिली जानकारी के अनुसार सिंधुरी कलीमपुर के माउंट रोज़री इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती हैं और वह एक होनहार विद्यार्थी हैं। सिंधुरी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद समाज हित मे कुछ बड़ा करना चाहती हैं ।

सिंधुरी जैसे लोग , समाज के लिए प्रेरणा हैं। ऐसे लोगों की अविलक्षण प्रतिभा यह साबित करती है कि हम शारीरिक रूप से असक्षम होने के बाद भी बहुत कुछ कर सकते हैं , और ज़िन्दगी में सफल होने के लिए केवल दृढ़ इक्षाशक्ति की जरूरत होती है।
सिंधुरी के प्रयासों को Logically नमन करता है और इन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।

तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

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