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भूख मिटाने के लिए मां बांधती थी पेट पर कपड़ा, घर से भागकर अथक मेहनत किये फिर बने फाइटर विमान के पायलट: प्रेरणा

कई लोगों सशस्त्र बल में शामिल होकर देश सेवा करने का सपना देखते हैं लेकिन विपरीत परिस्थितियों के कारण डगमगा जाते हैं। हालांकि कुछ लोगों के लिए सेवा का मार्ग अक्सर सामाजिक और प्रणालीगत जटिलताओं से भरा होता है। परीक्षण, क्लेश और विजय की ऐसी ही एक कहानी सुनाते हुए एक लड़ाकू पायलट है, जो सोशल मीडिया पर एस्टन वून (Aston Wun) के नाम से जाने जाते हैं।

वह सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं। ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे से बात करते हुए उन्होंने कुछ जानकारी दी है।

भारतीय वायु सेना के इस अधिकारी ने कहा कि उन्हें बहुत पहले ही एहसास हो गया था कि गरीब होना एक अपराध है। एक समय ऐसा भी था, जब घर में भोजन की कमी होने के कारण मैं अपना भोजन पूरा नहीं खाता था ताकि सब थोड़ा-थोड़ा खा सकें।

भूख मिटाने के लिए मां बांधती थी पेट पर कपड़ा

उन्होंने बताया कि मां भूख मिटाने के लिए हमारे पेट पर कपड़ा लपेटती थी। वही एक बेटी की शादी करने के लिए पापा को अपनी जमीन का एक हिस्सा बेचना पड़ा। आगे जीवनयापन के लिए जैसे-जैसे समय बीतता गया, मां ने अपने गहनों को गिरवी रखना शुरू कर दिया।

IAF Pilot's Story Of Struggle And Success Inspires The Internet

पिता की तबियत बिगड़ी

12वीं की शिक्षा पूरी करने के बाद जब उन्हें उड़ान भरने के लिए एनडीए का आवेदन मिला उस वक़्त उनके पापा को दौरा पड़ा। जिस कारण उन्हें पढ़ाई छोड़कर काम ढूंढना पड़ा। हालांकि धीरे-धीरे पापा ठीक हो गए और खेती करने लगे।

पिता ने किया एनडीए का विरोध

आगे एक चचेरे भाई ने वायुसेना के सपनों को उड़ान भरने के लिए फिर से पंख दिए। तब उन्होंने उनको अपने साथ वापस ले जाने के लिए राजी किया लेकिन पापा ने एक शर्त पर हामी भरी कि तुम्हें इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करनी होगी लेकिन वहां पहुंचकर उन्होंने एनडीए का फॉर्म भर दिया। चार महीने बाद उन्होंने अपनी परीक्षा दी और इसमे पास भी हुए। तब उन्हें वायु सेना कैडेट के रूप में एनडीए में शामिल होने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।

भागना पड़ा घर से

हालांकि परिवार के विरोध के कारण महत्वाकांक्षी फाइटर पायलट को घर से भागना पड़ा। एनडीए में प्रवेश के प्रमुख प्रभारी ने उन्हें कहा प्रवेश बंद है, लेकिन उन्होंने याचना की और कहा, “सर, मैं अपने पापा का डुप्लीकेट साइन अच्छे से कर सकता हूं।” इस पर सामने खड़े शख्स ने कहा, “मैंने लोगों को एनडीए से भागते देखा है। यहां पहुंचने के लिए आप घर से भागने वाले पहले व्यक्ति हैं।” जल्द ही उन्होंने प्रवेश के प्रभारी मेजर की मदद से अपने पिता को अपने निर्णय का समर्थन करने के लिए मना लिया। हालांकि संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुए।

अंग्रेजी भाषा के कारण हुई मुश्किल

एक कैडेट के रूप में उन्हें भी अंग्रेजी भाषा की चुनौती का सामना करना पड़ा। इसके बाद एक दुर्घटना हुई, जिसमें उनका एक सेमेस्टर खत्म हो गया। उनकी मोशन सिकनेस भी उनके उड़ने के अभ्यास में आड़े आ गई और उन्हें उड़ने से रोकने के लिए कहा गया। तब उन्होंने एक आखिरी मौके के लिए गुहार लगाई। उसके बाद ‘करो या मरो’ के दम पर सफलता हासिल की। इतने सालों में उन्होंने जो पैसे बचाए, उससे उसने अपनी मां के गिरवी रखी गहने वापस खरीद लाए।

दोस्त के अवशेष रेगिस्तान में मिले

एक अधिकारी के रूप में उन्हें अपने दोस्त और रूममेट की दुखद मौत का भी सामना करना पड़ा, जिसके लिए उन्होंने खुद को दोषी ठहराया क्योंकि वह उस दिन उड़ान भरने में असमर्थ थे और उनके रूममेट ने उनकी जगह ले ली थी। उन्होंने बताया “मेरे बजाय मेरे बॉस ने मेरे रूममेट को उड़ान भरने के लिए कहा। जाने से पहले उन्होंने मुझे ताना मारा, ‘तेरे चक्कर में जा रहा हूं मैं आज, आके बहुत मारूंगा तुझे।”

उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर उनका विमान लापता हो गया, जो मेरे लिए बहुत दुःखद था।

पिता की मौत ने तोड़ दिया

इसके बाद उन्होंने अपने पिता को भी एक दुर्घटना में खो दिया, जिसने दुनिया के प्रति उनके दृष्टिकोण को बदल दिया। यह दुर्घटना तब हुई जब वे अपने पिता को अस्पताल से घर लेकर आ रहे थे और लिफ्ट की जरूरत थी लेकिन लोगों ने मदद नहीं की। मेरे पापा ने अंतिम सांस मेरी गोद में ली। जब मैंने पापा का अंतिम संस्कार किया, तो मैंने मन ही मन सोचा- ‘क्या मेरे पिता इतनी क्रूर मौत के लायक थे?’ हर दिन मैं सीमा पर अपनी जान जोखिम में डालता हूं, ताकि मेरे साथी भारतीय घर पर सुरक्षित रह सकें और बदले में मुझे यही मिलता है?’”

असली सेवा देश सेवा

हालांकि जब उन्होंने 10 साल के लड़के को लिफ्ट मांगते देखा, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनकी असली पुकार अपने देशवासियों की मदद करना है। उन्होंने यू-टर्न लिया और लड़के को उठाकर उसकी मंजिल तक पहुंचा दिया। आकांक्षी कैडेटों को अंतिम सलाह के रूप में उन्होंने कहा, “सीमा पर देश की सेवा करना काम नहीं है, यह जुनून है। यहां दिमाग नहीं लगाते, सीधे दिल लगाते हैं।”

लोग कर रहे तारीफ

इस पायलट की प्रेरक कहानी ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। छह पोस्ट की एक श्रृंखला में साझा किए गए पोस्ट ने हजारों लाइक और टिप्पणियों को बंटोर लिया है।

एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा,
“एक सच्चे हीरो…आप जैसे लोगों की वजह से ही हम सुरक्षित हैं… सम्मान।” “सर, आप एक प्रेरणा हैं।”

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