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बिहार के अंशुमान ने गांव का नाम किया रौशन, पहले IRS और फिर IAS बनकर सफलता के शिखर तक पहुंचे

यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास करना जितनी बड़ी बात हैं, उतनी ही ज्यादा उसकी तैयारी कठिन है। अक्सर लोग इसकी तैयारी करने में हिम्मत हार जाते हैं। आज हम एक ऐसे व्यक्ति की बात करेंगे जिसने बहुत से मुश्किलो का सामना किया परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी। इस शख्स का नाम है, अंशुमान राज।

अंशुमान राज (Anshuman Raj) बक्सर के रहने वाले हैं। इनकी शुरूआती पढ़ाई बक्सर में ही हुई। बक्सर के जवाहर नवोदय स्कूल से इन्होंने दस्वी तक की पढ़ाई पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए रांची चले गए। वहां से इन्होंने बारहवीं तक की पढ़ाई की। उन्हें उनके परिवार के तरफ से ज्यादा सुविधाएं नहीं मिली परंतु इन्होंने कभी इस बात का अफसोस नहीं किया, ना हीं कभी हार माने। ज़िंदगी की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रखें। अंशुमान ने चार बार यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें से वह दो बार सेलेक्ट हुए। दूसरे बार में आईएएस पद के रूप में उन्हें अपनी मंजिल मिली।

Anshuman Raj IAS

अंशुमान ने दी है यूपीएससी परीक्षा की जानकारी

अंशुमान बताते हैं कि यूपीएससी परीक्षा के लिए ज्यादा किताबे इकट्ठा ना करें। बस कुछ मुख्य किताबों से ही बार-बार रिवाइज करें। उसके बाद मॉक टेस्ट के जरिये प्रैक्टिस करें। इससे उत्तर लिखने के सही तरीके की जानकारी होती है। अंशुमान बताते हैं कि हिस्ट्री (History) के लिए जितना हो सके उतना छोट नोट्स बनाना चाहिए। इसके अलावा करेंट अफेयर्स की जानकारी के लिए रोज नियम से न्यूज पेपर पढ़ें।

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यूपीएससी परीक्षा के लिए पेशेंस रखना बहुत जरूरी हैं

अंशुमान कहते हैं कि एमसीक्यू (MCQ) ज़रूर सॉल्व करें। इससे प्री परीक्षा में बहुत मदद मिलती है। साथ ही अपनी गलतियों का पता चलता है तथा स्पीड भी बढ़ती है। जरूरी नहीं कि एक ही प्रयास में आपको सफलता मिल जाएगी इसलिए पेशेंस रखना बहुत जरूरी हैं। अपनी कमियों को स्वीकार करे ताकि लोग आपको आपकी गलती बताए तो आप उसे दूर कर सकें। प्रैक्टिस जारी रखना चाहिए यह बहुत ही आवश्यक है।

यूपीएससी परीक्षा की टिप्स

स्ट्रेटजी हमेशा अपने हिसाब से बनाना चाहिए और लोगों से लगातार फीडबैक लेते रहना चाहिये। अंशुमान कहते हैं कि प्रयास करते वक्त रिजल्ट के बारे में नहीं सोचना चाहिए। अगर प्रयास सही दिशा में कर रहें हैं तो कामयाबी अवश्य मिलेगी। इस परीक्षा के लिए सबसे जरूरी है, सही स्ट्रेटजी या प्लानिंग करना तथा उसका पालन करना।

वीडियो में अंशुमन द्वारा दिए गए सुझाव को देखें

प्रयास सही दिशा में होना चाहिए

प्री और मेन्स का कोर्स इंटीग्रेटेड होता है। इसलिए दोनों की तैयारी साथ करें और आंसर राइटिंग स्पीड का भी खास ख्याल रखें। पहले अपने वीकनेस पर ख़ास जोर दे कर उसे ख़त्म करे। इसके बाद पिछले कुछ साल के पेपर्स देखे, इससे परीक्षा का पैटर्न समझने में आसानी होगी। आंत में अंशुमान कहते हैं कि जब प्रयास सही दिशा में हैं तो सफलता भी जरूर मिलती है।

The Logically अंशुमान राज के हौसले की तारीफ करता है और उन्हें उनके कामयाबी के लिए बधाई देता है।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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