Home Inspiration

मणिपुर का वह दबंग IAS अफसर जिसने बिना सरकार का सहायता लिए कई गांव की तस्वीर और तकदीर बदल दी

सफलता हमारे जीवन के लिए एक ऐसी राह है जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है लेकिन इसके लिए हमें परिश्रम पूरे लगन के साथ करना पड़ता है। सफलता पाने से पहले हमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की जरूरत है। अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने बनाए हुए रास्ते पर चलना जरूरी है। आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जो आईएएस अधिकारी हैं और जिन्होंने बिना किसी सरकारी सहायता के अपने गांव की पूरी कायापलट कर दी है।

इनका नाम है आर्मस्ट्रांग पेम

36 वर्षीय आर्मस्ट्रांग पेम का जन्म 23 सितम्बर 1984 को मणिपुर (Manipur) में हुआ। यह 2009 के बैच के IAS अधिकारी हैं। वह बिना सरकारी मदद के अपने गांव की तस्वीरों को बदले हैं। उनके गांव के कुछ क्षेत्रों में सड़क की कमी थी जिसके कारण वहां के व्यक्तियों को बहुत दिक्कतें हुआ करती थीं। वहां के लोगों को प्रस्थान करने के लिए नदी को पार कर पैदल चलना पड़ता था। अगर कोई व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हुआ तो उसे बांस के स्ट्रेचर की मदद से नदी के उस पर ले जाया जाता ताकि उनका इलाज हो सके। जब आर्मस्ट्रांग इन सब दिक्कतों को देखते तो उन्हें बहुत बुरा लगता और उन्होंने सोंच लिया कि वह IAS बनकर वहां की परेशानी दूर करेंगे।

Ias Armstrong pem

SDM के पद पर हुए नियुक्त

उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2009 में सफलतापूर्वक एसडीएम पद को संभाला। वे तौसेम जिले में तैनात हुए और उन्होंने यह तय किया कि वह सड़क की परेशानी को दूर करेंगे। साथ ही उन्होंने मणिपुर के लगभग 31 गांवों में जाकर वहां के लोगों से उनकी परेशानी पूछी ताकि वह उनकी समस्याओं को हल कर सकें।

यह भी पढ़ें :- आंखों से बिल्कुल नही दिखता, फिर भी IAS बनने का सपना देखे, मात्र तीसरी प्रयास में UPSC निकल बने अधिकारी

सरकार को लिखा पत्र

उनका लक्ष्य लोगों की परेशानी को दूर करना था। उन्होंने बजट को ध्यान में रखते हुए वहां के सरकार के पास लेटर लिखा। लेकिन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं था। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने फैसले पर अडिग रहे। फिर उन्होंने सोशल साइट के माध्यम से लोगों से सहायता की अपील की। उनका यह आइडिया काम आया और उन्हें बहुत से लोगों की मदद मिली। साथ ही उनके भाई ने भी उनका हर कदम पर साथ दिया। उनके भाई ने लगभग 1 लाख रुपये दिए। साथ हीं उनके पैरंट्स ने भी अपनी पेंशन से कुछ पैसे इकट्ठे किए और प्रेम ने लगभग 5 लाख रुपये लोगों की मदद के लिए दिए।

पीपल्स रोड का निर्माण

सोशल मीडिया की सहायता से और खुद अपने परिवार की मदद से उनके पास लगभग 40 लाख रुपए एकत्रित हो गया और साथ हीं उन्हें ठेकेदारों और वहां के स्थानीय लोगों का भी मदद मिला। फिर निर्माण हुआ पीपल्स रोड का। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने वहां के लोगों के लिए सड़क की समस्या को दूर कर यह सिद्ध किया कि अगर आप किसी कार्य को ठान लें तो आप कुछ भी कर सकते हैं।

लोगों की परेशानी को दूर करने और वहां के व्यक्तियों की मदद करने के लिए The Logically आर्मस्ट्रांग को सलाम करता है।

1 COMMENT

Comments are closed.

Exit mobile version