आज हमारे देश में कई बच्चे पढ़ाई के दम पर ऊंचे मुकाम हासिल कर रहे हैं। वे यूपीएससी की तैयारी कर लोक सेवा के क्षेत्र में जा रहे हैं। इस परीक्षा में वही बच्चे सफल होते हैं जिनके अंदर जज्बा हो, हिम्मत हो और अपने जिंदगी में आईएएस अधिकारी बनने की ठान लें। आज आप सब के सामने प्रस्तुत है ऐसे ही एक कहानी अर्पित उपाध्याय की जिन्होंने इंजीनियरिग करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर ली।
अर्पित उपाध्याय एक इंजीनियर थे। उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद लगभग दो साल एक कंपनी में नौकरी की। नौकरी करने के दौरान उनकी मुलाकात एक अधिकारी से हुई। इस अधिकारी से मिलकर अर्पित काफी प्रभावित हुए और अर्पित ने ठान लिया कि वे भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करेंगे। एक अधिकारी बनकर समाज की सेवा करेंगे। इसी सोंच के साथ अर्पित ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। अर्पित को यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए पांच साल का समय लगा। जिससे उन्होंने इस परीक्षा के लिए चार अटेंप्ट दिए। उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे। अर्पित को चौथे अटेंपट में सफलता हासिल हुई और वे एक आईएएस अधिकारी बने।
अर्पित बताते हैं कि यूपीएससी परीक्षा के लिए निबंध काफी अहम होता है। इस निबंध पेपर से आप अपना रैंक बढ़ा सकते हैं। जिससे मिलने वाली नौकरी पे असर होता है। अगर यूपीएससी कैंडिडेट इस निबंध पेपर को पूरी गंभीरता से लें तो कम तैयारी में भी कैंडिडेट अच्छे अंक ला सकते हैं। वे कहते हैं कि कैंडिडेट रोज एक निबंध या हफ्ते में एक निबंध लिखते रहें या फिर अपने जरूरत के हिसाब से तैयारी करते रहें और अभ्यास करते रहें।
अर्पित कहते हैं कि अगर आप निबंध लिखते हैं तो सबसे जरूरी होता है उसे आसान करना। निबंध जितना अच्छे तरीके से लिखा गया हो, सटीक हो और टू द प्वाइंट लिखा हो वह उतना ही अच्छा अंक दिलाता है। वे कहते हैं कि निबंध के माध्यम से कोई आपकी भाषा की नॉलेज को नहीं देखता। इसलिए ज्यादा सजावटी और क्लिष्ट भाषा का प्रयोग ना करें। अपनी भाषा को सीधे या जितना साफ कह सकें, कहें! निबंध का शीर्षक बनाने का अभ्यास करें। अपनी बात को कहें और एक बात के बाद दूसरी वही बात को उठाएं जो पहले बात को आगे लाए।
यह भी पढ़ें :- पहली बार UPSC में 260वा रैंक और फिर पहला रैंक, इस तरह इन्होंने 2 बार देश का सबसे कठिन एग्जाम निकाला
अर्पित कहते हैं कि यूपीएससी कैंडिडेट को ऐसा लगता है कि वो अलग टॉपिक ना चुनकर जेनरल टॉपिक चुनेंगे तो उन्हें ज्यादा अंक मिलेगा पर ऐसा नहीं है। टॉपिक एक समान हो या फिर अलग-अलग, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपने उसके अंदर क्या कंटेंट डाला है फर्क उससे पड़ता है। इसलिए यूपीएससी कैंडिडेट को जिस विषय में ज्यादा जानकारी हो उसी विषय का चयन करना चाहिए। निबंध को सबसे पहले इंट्रोडक्शन, बॉडी और कन्क्लुजन जैसे भागों में बांटकर लिखने से एग्जामिनर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
यहां देखें अर्पित उपाध्याय द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अर्पित बताते हैं कि निबंध के अभ्यास करने के बाद सबसे अहम होता है उसको मूल्यांकन करना। यह काम आप किसी और से भी करा सकते हैं या फिर खुद भी कर सकते हैं। इसमें शुरुआत में कैंडिडेट को समझ में नहीं आता। लेकिन कुछ दिनों बाद अभ्यास करने से निबंध को खुद मूल्यांकन करेंगे तो समझ में आने लगेगा कि कहां क्या कमी है। अगले चरण में इस कमी को दूर कर सकते हैं। कैंडिडेट विषय जो भी चयन करें पर कोशिश रहे कि उसे हर पहलू को कवर करते हुए लिखें और निबंध को कभी भी समस्या या सवाल के साथ खत्म नहीं करें। अपने विषय के साथ उसका जो भी आंसर या सॉल्यूशन हो उसे लिखें। निबंध लिखने से पहले एक पेज पर सभी पॉइंट्स को लिख लें जिससे निबंध खत्म होने तक कुछ भी ना छुटे। थोड़ी मेहनत और अभ्यास से इस पेपर में काफी अच्छे अंक प्राप्त हो सकते हैं।
अर्पित ने जिस तरह एक IAS अधिकारी प्रेरित होकर खुद मेहनत की और IAS बनकर अपनी सफलता का परचम लहराया वह प्रेरणादायी है। The Logically अर्पित जी की भूरि-भूरि प्रशंसा करता है।