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पिता एक मामूली दुकानदार थे, बेटी ने अभाव में रहकर पढ़ाई किया और आज IAS है

“जीवनपर्यन्त की सन्तुष्टि जो हमारे निजी जीवन और कार्य सार्थकता के तत्व को सृजति है सफलता कहलाती है”। यह आवश्यक नहीं कि सफलता बड़ी चुनौती को पूर्ण करने से मिले बल्कि छोटे-छोटे उद्देश्यों के सहारे आगे बढ़ना भी सफलता है।

ऐसे बहुत से व्यक्ति हैं जिन्हें ज़िंदगी में सुविधाएं मिलती हैं फिर भी वह कुछ बड़ा नहीं कर पाते जिससे उनका कल बेहतर हो। लेकिन कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं जो छोटी-से-छोटी इकाई को महत्व देते हुए सफलता की ऐसी कहानी लिखते हैं जिससे वह सभी के दिलों में अपना स्थान बना लेते हैं। UPSC जैसे कठिन एग्जाम क्रैक करने के लिए हमारे देश के युवा कई वर्षों तक कोशिश करते रहते हैं।

आज हम आपके सामने एक ऐसी लड़की की कहानी प्रस्तुत करने जा रहे हैं जिसने अपने सेल्फ स्टडी के दम पर देश का कठिन एग्जाम UPSC को पास किया। यह परीक्षा उन्होंने बिना किसी कोचिंग ज्वाइन किए पास की और IAS ऑफिसर बनीं। उनके पिता दुकान चलाकर अपनी आजीविका चलाते, अब बेटी ने IAS ऑफिसर बनकर उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। आईए जानते हैं उनके बारे में…

Namami Bansal IAS

नमामि बंसल का परिचय

नमामि बंसल (Namami Bansal) उत्तराखंड (Uttrakhand) के ऋषिकेश (Rishikesh) से सम्बन्ध रखती हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा एनडीएस गुमानिवाला (NDS Gumanivala) से ग्रहण किया जिसके अंतर्गत वह अपनी 10वीं कक्षा में लगभग 93% मार्क्स वहीं 12वीं में 95% मार्क्स पाए। इतने अच्छे मार्क्स प्राप्त कर उन्होंने अपने पिता के साथ स्कूल का नाम भी गौरवान्वित किया। ग्रेजुएशन की डिग्री उन्होंने अर्थशास्त्र विषय से प्राप्त की।

पिता चलाते हैं बर्तन की दुकान

नमामि के पिता का नाम राज कुमार बंसल (राज Kumar Bansal) है जो कि बर्तन दुकान चलाते हैं। उनके आजीविका का एकमात्र स्रोत वह बर्तन दुकान हीं है। जब राजकुमार जी को एक फोन कॉल के माध्यम से यह जानकारी मिली कि नमामि UPSC को पास कर चुकी हैं और IAS के लिए चयनित होंगी उस दौरान उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

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मिला है गोल्ड मैडल

यूनिवर्सिटी टॉपर नमामि को राज्यपाल के द्वारा वर्ष 2017 में स्वर्ण पदक मिला है जिसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में लग गईं। उन्होंने यह जानकारी दिया कि यूपीएससी की तैयारी में किसी कोचिंग को ज्वाइन नहीं किया और सेल्फ स्टडी से हीं उसमें सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि वह जो भी तैयारी कीं इंटरनेट के माध्यम से कीं और आप चाहे तो हर चीज नेट पर ढूंढ सकते हैं। सेल्फ स्टडी के माध्यम से हीं उन्होंने टॉप कर 17वीं रैंक हासिल किया।

नमामि की सफलता से बेहद खुश हैं मां

नमामि की मां का नाम शरिता बंसल हैं। उन्होंने बताया कि मेरी बेटी घर के कामों में मेरा अक्सर हांथ बटाया करती थी साथ हीं पढ़ाई भी करती। आज उसकी सफलता से मुझे बहुत खुशी है और ये क्षण हमारी ज़िंदगी के बेहतर क्षण है जब हमारी बेटी IAS बनी है। बतौर आईएएस वह अपने उत्तराखंड के साथ राजस्थान में अपनी सेवाएं देना चाहती हैं।

बिना कोचिंग के खुद के दम पर पढ़ाई कर UPSC को पास कर IAS बन एक प्रेरणा का संचार किया है। The Logically नमामि जी की काबिलियत की खूब सराहना करता है तथा उन्हें को ढेर सारी बधाइयां देता है।

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