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पिता के देहांत के बाद नौकरी कर पढाई जारी रखी, पहले IIT फिर पहली प्रयास में UPSC निकाल IAS बनी

हमें हमारी सोच अन्य लोगों से अलग बनाती है। अक्सर हमारी सोंच हीं हमारी पहचान बन जाती है। ऐसी हीं सोच रखने वाली हैं नेहा बनर्जी। उनका मानना हैं कि दुनिया में किसी का भी दर्द हमारे दर्द से बड़ा होता है। इसी सोंच से उनकी कुछ अलग ही पहचान है।

नेहा बनर्जी (Neha Banerjee)

नेहा बनर्जी कोलकाता (Kolkata) की रहने वाली हैं। साल 2011 मे नेहा के पिता की मृत्यु हो गई उसके बाद उनकी माँ ने अकेले हीं नेहा की जिम्मेदारी उठाई। नेहा शुरू से हीं पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। साल 2018 में नेहा ने आईआईटी खड़गपुर (IIT kharagpur) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नोएडा (Noida) के एक कंपनी में नौकरी करने लगी।

Ias Neha Banarji

यूपीएससी (UPSC) का आया विचार

नेहा को नौकरी के दौरान यूपीएससी (UPSC) करने का ख्याल आया। उसके बाद नेहा ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। यूपीएससी की परीक्षा बहुत हीं कठिन होती है, उसके लिए तैयारी भी बहुत ज्यादा करनी पड़ती है। परंतु नेहा ने यूपीएससी की तैयारी नौकरी के दौरान हीं की। उन्होंने इंटरव्यू से सिर्फ 15 दिन पहले नौकरी से रिजाईन किया था।

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नेहा को आईं कुछ मुश्किलें

नेहा बताती हैं कि उन्होंने इंटरव्यू की पूरी तैयारी खुद हीं की इसलिए इंटरव्यू पैनल के सवालों का जवाब इतने आत्मविश्वास से दे पाईं। नेहा को आईआईटी में पढ़ाई के दौरान एक साइंस स्कॉलरशिप मिलता था। नेहा बताती हैं कि इसपर उनसे एक ऐसा सवाल पूछा गया, जिसे बताना किसी भी साइंस के स्टूडेंट के लिए बहुत मुश्किल था।

नेहा से पूछे गए अनोखा प्रश्न

नेहा एक इंटरव्यू के दौरान बताती हैं कि उनसे ट्र‍िकी प्रश्न के तौर पर पूछा गया था कि साइंस या रिलीजन में कौन बड़ा है,और उसके जवाब में नेहा ने कहा कि यह दोनों अलग-अलग फील्ड है। तो इंटरव्यूअर ने फिर उनसे पूछते हुए कहा कि साइंस लॉजिक पर आधारित है और रिलीजन आपके फेथ से जुड़ा है, आप किसे बड़ा मानती हैं?

नेहा का जवाब

नेहा बताती हैं कि मैंने भी बैलेंस जवाब देने की कोशिश की थी और जवाब में कहा कि दोनों का अलग-अलग रोल है, दोनों को मिक्स क्यों किया जाए। दोनों अलग-अलग दिशाएं देती हैं। साइंस हमें अलग तरह से आगे ले जाता है और धर्म हमें अलग तरह से ताकत देता है। नेहा बताती हैं की इंटरव्यूअर को उनका ये जवाब बहुत पसंद आया था। नेहा कहती हैं कि यूपीएससी में अक्सर ऐसा सवाल आपके व्यक्त‍ित्व को जांचने के लिए किया जाता है।

नेहा ने इस तरह की शुरूआत

नेहा अपने शुरूआती दिनों के बारे में बताते हुए कहती हैं कि इंजीनियरिंग बैकग्राउंड होने की वजह से पहले वो थोड़ा नर्वस थीं। नेहा ने यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत न्यूजपेपर पढ़ने से की। धीरे-धीरे उन्हें न्यूजपेपर पढ़ना अच्छा लगने लगा। दूसरे चरण की सिलेबस में नेहा को बहुत रोमांच आने लगा क्यूंकि अब उन्हें नए विषयों जैसे इतिहास, भूगोल, जीएस, पॉलिटिक्स वगैरह को भी समझने का मौका मिल रहा था।

नेहा ने दिए यूपीएससी के टिप्स

नेहा ने बहुत सारे टॉपर्स को सुना तथा कई टॉपर्स के तैयारियों और सफलता ने उन्हें प्रभावित किया। वह बताती हैं कि उनके लिए फाइनेंशियल इंडिपिंडेंस बनाए रखना भी बहुत जरूरी था जिसकी वजह से वो जॉब के साथ हीं यूपीएससी की तैयारी पूरी कीं और उसमें सफल भी हुईं। साल 2019 में 20वीं रैंक के साथ नेहा ने यूपीएससी क्लीयर किया। उन्होंने अपनी बुद्ध‍िमत्ता तथा समझदारी से पहले हीं प्रयास में कामयाबी हासिल किया। नेहा बताती हैं कि सिलेबस को समझकर, प्लानिंग, स्ट्रेटजी और कड़ी मेहनत से यूपीएससी का परीक्षा पास किया जा सकता है।

The logically नेहा बनर्जी के इस प्रयास की तारीफ करता है और उनको उनकी कामयाबी के लिए बधाई भी देता है।

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