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4 बार असफलता भी रोक नही पाई और 5वी बार मे IAS बन गईं, रुचि बिंदल की कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए: IAS Ruchi Bindal

कहते है न, अगर आप असफल होगें तो शायद आप निराश ही होगें लेकिन आप कोशिश ही नहीं करेंगे तो आप गुनहगार होंगे। आज हम एक ऐसी ही लड़की की कहानी बताने जा रहे है, जिन्होंने UPSC की परीक्षा में चार बार फेल होने के बाद भी हिम्मत नही हारी, और कोशिश करती रही। नतीजा यह मिला ही 5वें बार मे उन्होंने UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली और आज एक IAS अधिकारी है।

तो चलिए जानते है, उस होनहार लड़की की सफलता की कहानी…

हम जानते है कि, UPSC का परीक्षा कितना कठिन होता है, हर कोई इसमे बैठने की साहस नही रखता। अगर बैठ भी जाता है तो सबको सफलता नही मिलती। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते है जो बार-बार असफ़ल होने के बाद भी अपनी कोशिश जारी रखते है। और इन्ही कोशिश के बदौलत एक न एक दिन उनको कामयाबी जरूर मिलती है।

IAS Ruchi Bindal
IAS Ruchi Bindal

हम जिस लड़की की कहानी बताने जा रहे है उनका नाम रुचि बिंदल (IAS Ruchi Bindal) है, जिन्होंने UPSC की परीक्षा में चार बार असफल होने के बाद भी अपनी कोशिशें जारी रखी और अंततः वो 5वें बार मे UPSC सिविल सर्विसेज 2019 की परीक्षा में 39वीं रैंक हालिस कर सफल हो गई और एक काबिल IAS अधिकारी बन गई। ―Success Story of IAS Ruchi Bindal.

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परिचय

रुचि बिंदल (IAS Ruchi Bindal) राजस्थान (Rajasthan) के नागौड़ जिले (Nagaur District) के मकराना (Makrana) कस्बे की रहने वाली है। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री लेडी श्रीराम कॉलेज (Lady Shri Ram College) से प्राप्त किया तथा उसके बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) से वर्ष 2016 में MA की डिग्री हासिल की। उसके बाद UPSC की तैयारी करने में जुट गई और चार बार UPSC में असफल होने के बाद 5वें बार मे UPSC सिविल सर्विसेज 2019 की परीक्षा में 39वीं रैंक हालिस कर सफलता प्राप्त की और एक काबिल IAS अधिकारी बन गई। ―Success Story of IAS Ruchi Bindal.

IAS Ruchi Bindal

कामयाबी की सफर बहुत रही कठिन

बता दें कि, रुचि (IAS Ruchi Bindal) की कामयाबी की सफर बेहद कठिन रही। इनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक आईएएस अधिकारी बने। पिता के सपने को पूरा करने के लिए इन्होंने 4 बार UPSC का एग्जाम दिया, लेकिन हर बार इनको असफलता ही मिली। परन्तु इन्होंने भी ठान लिया था कि, कलेक्टर बनना ही है। इसके लिए वह लगातार UPSC की परीक्षा में बैठी….. वर्ष 2014 में पहली बार, फिर वर्ष 2015 में दूसरी बार, वर्ष 2016 में तीसरी बार और वर्ष 2017 में चौथी बार। लगातार परीक्षाओं में बैठने के बाद वो हमेशा असफल रही लेकिन अपने हौसलें को थोड़ा भी डगमगाने नही दिया और अपनी कोशिश बरकरार रखी। बता दें कि, वर्ष 2017 में उन्होंने अपना प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था लेकिन मेन्स नही निकाल पाई। इसके बाद वर्ष 2019 में वह फिर से UPSC की एग्जाम में बैठी और इस बार भी प्री को क्लियर कर लिया और आगे की तैयारी के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी जॉइन किया। आरसीए से प्रशिक्षण लिया और मेन्स तथा इंटरव्यू दोनों क्लियर किया और वर्ष 2019 में 39वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बन गई।

निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

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