कामयाबी के शिखर पर चढ़ना इतना आसान नहीं होता। इसके लिए हार के खट्टे-मीठे स्वाद चखने पड़ते हैं। आज हम आपके समक्ष एक ऐसे लड़के की कहानी प्रस्तुत करने जा रहें हैं जिन्होंने जीवन में आये विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए UPSC क्रैक करने की ठानी और सफ़ल हुए। अपने परिश्रम से इन्होंने अपनी मंजिल हासिल कर ही ली।
यह हैं बिहार के सुमित कुमार
सुमित कुमार (Sumit Kumar) बिहार (Bihar) के जमुई (Jamui) से ताल्लुक रखतें हैं। इनके घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी लेकिन इनके पेरेंट्स शिक्षा के महत्व को जानते थे। इनके गांव में ना तो बिजली की सुविधा थी ना ही अच्छे स्कूल की। इसलिए इनके घरवालों ने निश्चय कर मात्र 8 वर्ष की उम्र में इन्हें बोर्डिंग स्कूल भेज दिया।
लाखों की नौकरी थी फिर भी फोकस यूपीएससी की तरफ रखा
इन्होंने अपने परिश्रम के बल बुते IIT में नामांकन कराया और अपनी शिक्षा सम्पन्न की। इनका सैलरी पैकेज लाखों का था, फिर भी इन्होंने निश्चय किया कि यूपीएससी क्रैक करेंगे और इसकी तैयारी में जुट गयें। सुमित कहतें हैं कि अगर मन में किसी चीज़ को हासिल करने का ठान लिया जाए तो आख़िरीकार वह चीज़ आपके सामने घुटने टेक ही देती है।
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यूपीएससी क्रैक कर 53वीं रैंक हासिल किए
अब सुमित का ध्यान सिर्फ और सिर्फ यूपीएससी पर था। अपने प्रथम प्रयास में सुमित असफल हुयें। आगे इन्होनें फिर एग्जाम दिया और 493वीं रैंक प्राप्त की। सुमित निराश नहीं हुए और ना ही हार मानें। फिर से मेहनत किए और एग्जाम दिए जिसमें 53वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को पूरा किए। इनके छोटा भाई इनके नक्श ए कदम पर चल रहें हैं और अभी एमबीबीएस की तैयारी में लगे है।
सुमित का अन्य कैंडिडेट्स के लिए सलाह
सुमित बतातें हैं कि आप हार मत मानिए और लगातार प्रयत्न करते रहिए सफलता जरूर मिलेगी ज्यादा किताबों के पीछे ना दौड़े, टेस्ट सीरीज़ ज्वाइन करें और उसके माध्यम पढ़ाई करें, कुछ चुनिंदा किताबें से हमेशा रिवीजन करें, आप ज़रूर सफ़ल होंगे।
परिश्रम के दम पर सफलता हासिल करने और अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बनने के लिए The Logically सुमित को ढेर सारी बधाई देता है।