एक ऐसी बाइक जिसमें न तो जीवाश्म ईंधन उत्सर्जित करने वाले किसी प्रदूषण की आवश्यकता होती है और न ही इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में बैटरी चार्ज करने की आवश्यकता होती है। जी हां, यह सच है, झारखंड (Jharkhand) के एक तकनीकी विशेषज्ञ ने एक दोपहिया वाहन का डिजाइन और पेटेंट किया है जो एक हाइड्रोलिक प्रणाली पर चलता है और 82 किमी प्रति घंटे की ऊंचाई तक जा सकता है।
कौन हैं वह विशेषज्ञ
झारखंड (Jharkhand) राज्य के हजारीबाग (Hazaribaag) जिले के संतोष कुमार गुप्ता (Santosh Kumar Gupta) ने एक ‘उत्परिवर्तित बाइक’ विकसित करने में सफलता हासिल की है, जिसमें न तो जीवाश्म ईंधन उत्सर्जित करने वाले किसी प्रदूषण की आवश्यकता होती है और न ही इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में बैटरी चार्ज करने की आवश्यकता होती है। एक हाइड्रोलिक सिस्टम एक ड्राइव तकनीक है जहां एक तरल पदार्थ का उपयोग एक इलेक्ट्रिक मोटर से एक एक्ट्यूएटर, जैसे कि हाइड्रोलिक सिलेंडर को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
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न्यूज़ चैनल को दी, बाइक की पूरी जानकारी
संतोष कुमार गुप्ता (Santosh Kumar Gupta) ने एक न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि, पारंपरिक साइकिल की श्रृंखला को हाइड्रोलिक कॉइल से बदल दिया गया है। इस साइकिल में तीन गियर हैं, जो राइडर को बिना पैडल मारे तेज गति को छूने की अनुमति देते हैं। उन्होने आगे बताया कि, यह बाइक खास कर युवाओं तथा व्यापारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त देखते हुए भी इसका डिज़ाइन किया गया है।
संतोष कुमार गुप्ता का बाइक के लिए दावा
संतोष कुमार गुप्ता का दावा है कि, बाइक 82 किमी / घंटा तक की रफ्तार पकड़ सकती है तथा पर्यावरण पर भी इससे कोई नुकसान नही पहुँचेगा। बाइक 35,000 के प्राइस टैग के साथ आती है।
2011 में स्नातक होने के बाद, संतोष ने नौकरी लेने के खिलाफ इस परियोजना पर काम करने का फैसला किया। उनका सपना बिना इंजन तथा शून्य इंजन की बाइक विकसित करने का था, जो आज उन्होंने पूरा किया और उनका यह सपना पूरी मानव जाति के लिए लाभदायक है।