आजकल लड़कियां किसी भी मामले में लड़को से कम नहीं है। यदि लड़के सात समुंदर पार अच्छी-खासी नौकरी कर के शानदार जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो हमारे देश की बेटियां भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। बेटियां भी सभी क्षेत्रों में अपनी योग्यता और काबिलियत का लोहा मनवा रही है। इसके अलावा सामाज मे ऐसे लोगों के लिए नए मिसाल कायम कर रही जहां अभी भी बेटियों पर तरह-तरह की बंदिशे लगाई जाती हैं। लड़कियां भी उंची उड़ान भर सकती है।
आज हम आपको एक ऐसी हीं बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक छोटे से गांव के होने के बाद भी सिर्फ 26 वर्ष की उम्र में ही दुबई जैसे बड़े शहर में प्रत्येक वर्ष 22 लाख रुपये की कमाई कर रही है। आईए जानते हैं उस होनहार और देश का नाम रोशन करने वाली बेटी के बारे में…
ज्योति सिरसवा का परिचय
ज्योति सिरसवा (Jyoti Sirsawa) राजस्थान (Rajasthan) के झुंझनू जिले के नवलगढ़ उपखंड के परसराम गांव की रहने वाली हैं। उनका जन्म 23 जुलाई 1994 में हुआ था। उनके पिता का नाम शिवदान सिरसवा है तथा वह रियल स्टेट (Real state) का कार्य करते हैं। उनकी माता का नाम मंजू देवी है और वह एक गृहिणी हैं। ज्योति के बड़े भाई का नाम कृष्णा है और वह दिल्ली में नौकरी करते हैं। इसके अलावा उनके छोटे भाई का नाम ललित है तथा वह बीसीए की पढाई कर रहा है।
यह भी पढ़ें :- डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद मात्र 24 की उम्र में बनी सरपंच, ग्रामीण विकास है मुख्य उद्देश्य
ज्योति सिरसवा की शिक्षा।
ज्योति ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई गांव के हीं टैगोर स्कूल से किया। उसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई जेपीएस (JPS) नवलगढ़ से किया। उसके बाद ज्योति ने नवलगढ़ के पोद्दार कॉलेज से बीसीए (BCA) में दाखिला लिया। इसके साथ हीं उन्होंने मोबाइल एप के छोटे-छोटे प्रोजेक्ट पर कार्य करना भी आरंभ कर दिया। ऐसे हीं देखते-देखते ज्योति की रूचि मोबाइल ऐप बनाने में अधिक बढ़ गई। ज्योति ने पोदार कॉलेज से बीसीए की डिग्री हासिल करने के बाद जयपुर के आईआईआईएम (IIIM) कॉलेज से एमसीए करना चाहा जिसमें उनके परिवार वालों ने पूरा सहयोग दिया। एमसीए की पढ़ाई करने के साथ हीं वह ऐप डेवलप करने के शौक को जारी रखा।
कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया
ज्योति ने बताया कि उनकी कामयाबी के पीछे उनके माता-पिता की अहम भूमिका है। जहां समाज में पुरुषों की प्रधानता है वहां बिना कुछ परवाह किए उन्होंने मेरे लिए तरक्की की राह खोले और हमें बेटों की तरह हीं समझा।
ज्योति की पहली नौकरी
ज्योति जब एमसीए (MCA) के चौथे सेमेस्टर में थी तब उन्होंने बीआर सॉफ्टटेक में 8 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी किया। ज्योति ने 6 महीने बाद हीं जयपुर में कंटेंट इन्फों सॉल्यूशन एमएनसी में ज्वाइन कर लिया। वहां उन्हें प्रति माह 40 हजार रुपये तन्ख्वाह मिलती थी। वहां डेढ़ वर्ष नौकरी करने के दौरान ज्योति की टीम जेड अमेरिकन इंग्लिश नाम के एक मोबाइल ऐप पर कार्य कर रही थीं।
दुबई के ए के इंटरनेशनल से आया 22 लाख पैकेज का ऑफ़र
ज्योति ने बताया कि उन्होनें इस प्रोजेक्ट पर पूरे मन से कार्य किया जिसके परिणामस्वरुप उनके द्वारा किए गए कार्य को बहुत पसंद किया गया तथा दुबई के ए के इंटरनेशनल से 22 लाख रुपये सालाना पैकेज का जॉब ऑफर हुआ। उसके बाद ज्योति मार्च 2020 में जयपुर से दुबई चली गईं। वह बीते माह छुट्टियों पर घर आई हैं। वह 13 दिसंबर को दुबई वापस जाएंगी।
ज्योति सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह दुबई के ए के इन्टरनेशनल में एक टीम को लीड कर रही हैं। यह टीम ए के इंटरनेशनल हेल्थ इंटरफेम प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक ऐसा मोबाइल ऐप का निर्माण किया जा रहा है जिससे चिकित्सा के क्षेत्र में मदद मिलेगी। मरीज घर बैठे-बैठे चिकित्सा से सलाह ले सकेगा। आपको बता दें कि यह प्रोजेक्ट अगले महीने अमेरिका और भारत के साथ अन्य सात देशों में भी लॉन्च होगा।
ज्योति सिरसवा ने अपनी मेहनत, लगन और काबिलियत से जिस तरीके से सफलता के इतने बड़े मुकाम पर पहुंची हैं वह अन्य लोगों के लिए प्रेरणा है। The Logically ज्योति सिरसवा को बधाई देता है तथा उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता है।