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बिना किसी स्कूल गए 8 विदेशी भाषाएं बोलता है मध्यप्रदेश का कालू, अब टूरिस्ट गाइड का काम करता है

लोगों का मानना है कि अगर हमें कुछ सीखना है तो इसके लिए स्कूल जाने की जरूरत है। लेकिन अगर लगन और जुनून मन में है तो बिना किसी स्कूली शिक्षा ग्रहण किए भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। आज की कहानी ऐसे ही एक लड़के की है जो बिना स्कूल गये 8 प्रकार की विदेशी भाषा बोलता है। आइए जानते हैं उस बच्चे के बारे में कि उसने कहां और कैसे सीखी ये सारी भाषाएं?

जिंदगी के किसी न किसी मोड़ पर हमारी ऐसे लोगों से मुलाकात होती है जिन्हें देखकर लगता है कि क्या ये सच में हमारे ही जैसे हैं? हमारे देश में प्रतिभावान व्यक्तियों की कोई कमी नहीं है। हर क्षेत्र में बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान और महिलाएं कार्यरत हैं। ऐसे ही प्रतिभाशाली बच्चा है 15 वर्षिय कालू टूरिस्ट

कालू का परिचय

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में कालू घूमने आये हुये विदेशी पर्यटकों को 4 से भी अधिक भाषाओं में मार्गदर्शक करते दिखेंगे। यह बात बहुत आश्चर्यजनक है कि अगर वह कभी स्कूल नहीं गए तो फिर उन्हें इतनी भाषाएं कैसे आती है। लेकिन कहते हैं ना कि अगर मन में लगन है तो आप किसी भी चीज को सीख सकते हैं। चाहे वह हमारी भाषा हो या फिर विदेशी भाषा

गरीब परिवार में जन्मे, पढ़े-लिखे नहीं होने के बावजूद भी ग्वालियर में हैं प्रसिद्ध

कालू का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ है। इनकी मां जीवन-यापन करने के लिए सड़क के किनारे सामानों को बेचकर अपना गुजारा करती हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं कि वह अपने बच्चों को पढ़ाये। लेकिन उनका बेटा पढ़ा-लिखा ना होने के बावजूद भी अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। इनका लड़का अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश और अन्य विदेशी भाषाएं बोलता है। कालू को इन यात्रियों से बोलता देख आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि यह लड़का अनपढ़ है। आप यह जरूर सोच सकते हैं कि इसने कहीं इन भाषाओं को सीखने के लिए जरूर ट्रेनिंग लिया है। कालू ग्वालियर और हमारी संस्कृति के बारे में किले पर घूमने आए हुय पर्यटकों को बहुत ही नायब तारिक से बताते हैं।

घमुने आये यात्री ने किया प्रसिद्ध

एक बार ऐसा हुआ कि एक पर्यटक ने कालू के इस काम को अपने फ़ोन में रेकॉर्ड किया। उस वीडियो को अपने fb आईडी प्रोफ़ाइल में अपलोड कर दिया। कालू के इस वीडियो को खूब सराहना मिली। वह वीडियो पूरे देश में फैल गया। वीडियो जैसे-जैसे वायरल हुआ, इस तरह से यह सवाल उठने लगा है कि आखिर यह बच्चा इतनी भाषाएं कैसे बोलता है। उन सबको कालू ने जवाब दिया कि जब वह छोटे थे तो खेलने जाया करते थे, किले और उन सभी जगहों पर जहां पर्यटक घूमने आया करते थे। खेल के दौरान उनकी बातों को ध्यान से सुनते थे और उन्हें वह बहुत अच्छा लगता था। देखते-ही-देखते कालू उन सभी भाषाओं की सीखने का मन बना लिए। भाषाएं सीखने के लिए वह पर्यटकों की बातों पर ध्यान देने लगें।

पूरा दिन किलों पर ही व्यतीत करते

अब कालू का सम्पूर्ण दिन वहीं किले पर ही गुजरता था। वह पर्यटकों की भाषाओं को सीखते थे और उसे बोलने की कोशिश करते थे। अंग्रेजी के लिए वह उनकी भाषाएं हमेशा सुनते फिर बोलने की प्रयास करते। जो वर्ड उन्हें समझ नही आता उसके लिए वह पर्यटकों की बातों को फिर सुनते कि कौन यह वर्ड यूज कर रहा है। इन्ही सबको ध्यान में रखते हुये कालू अच्छी इंग्लिश बोलना सीख गयें। इसी प्रकार कालू आगे चलकर और अन्य भाषाएं भी सीखें।

कभी स्कूल ना जाने के बावजूद भी इनती भाषाओं को बोलने औऱ समझने के लिए The Logically कालू को सलाम करता है और उम्मीद करता है कि वह आगे चलकर अपनी ज़िंदगी में बहुत अच्छा करेंगे।

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