Home Inspiring Women

पति की शहादत से प्रेरणा लेकर इन 8 लेडी अफसरों ने थामी देश की सुरक्षा की कमान, जानिए इन वीरांगनाओं की कहानी

हमारे देश के जवान अपने दिलों में देशप्रेम की भावना लिए अपनों की परवाह किए बगैर बॉर्डर पर हमेशा तैनात रहते हैं, ताकि हम देशवासी सुरक्षित रहे। कभी उन बूढ़े माता-पिता की आंखे अपने बेटे की एक झलक देखने को तरस जाती है, फिर भी उनके बच्चे उनसे मिलने नहीं आते।

आज की हमारी यह पेशकश उन लेडी अफसरों की है, जिनके जज़्बे को हमेशा ही सलाम किया जाता है। उन लेडी अफसरों ने अपने पति के शहादत के उपरांत उनका यूनिफॉर्म पहनकर उनके फ़र्ज़ को पूरा करने का निश्चय किया और सबके लिए उदाहरण बनी। आइए जानते हैं उन लेडी अफ़सरों के बारे में।- lady officers who is serving nation after death of their husbands

  • निकिता कौल

वर्ष 2019 और 18 फरवरी का दिन हर किसी को याद रहेगा। जहां इस दिन सभी प्रेमी-प्रेमिका अपने प्यार का इज़हार करते हैं। उसी दिन हमारे देश के बहुत से जवान पुलवामा अटैक में मारे गए।

इस अटैक में मेजर ढौंडियाल शहीद हुएं जिनकी शादी निकिता से मात्र 9 माह पूर्व ही हुई थी। शायद उनका साथ कुछ महीनों का था, लेकिन उनका प्यार इतना गहरा हो चुका था कि निकिता ने यह फैसला ले लिया कि अब वह अपने पति के यूनिफॉर्म को पहनकर उनका फ़र्ज़ पूरा करेंगी।

lady officers who is serving nation after death of their husbands

निकिता ने अपने मल्टीनेशनल कम्पनी के नौकरी को त्याग अपना फोकस सेना जॉइन करने पर किया और आखिरकार उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया।

गत वर्ष पूर्व उनकी ट्रेनिंग प्रारंभ हुई और इस वर्ष OTA की पासिंग आउट परेड में वह लेफ्टिनेंट का यूनिफॉर्म पहने देश की सेवा के लिए तैयार हैं।lady officers who is serving nation after death of their husbands

  • गरिमा अबरोल

वर्ष 2015 में गरिमा की शादी गजियाबाद के निवासी स्क्वाड्रन लीडर समीर से हुई। उनकी शादी को सिर्फ 4 वर्ष ही हुए थे, तब मिराज-2000 लड़ाकू विमान के क्रैश होने के कारण समीर शहीद हो गए थे।

आगे गरिमा ने अपने फिजियोथेरेपिस्ट को छोड़कर देश सेवा का निश्चय किया और इसमें लग गईं। उन्होंने वाराणसी से SSB के एग्जाम में सफलता हासिल कर फ्लाइंग ऑफिसर का पोस्ट हासिल किया।

  • गौरी प्रसाद महादिक

गौरी प्रसाद महादिक की शादी 7 बिहार रेजिमेंट के मेजर गणेश प्रसाद से हुई थी लेकिन उनकी शादी को मात्र 2 वर्ष ही बीते थे कि वर्ष 2017 में भारत-चीन बॉर्डर के पास उग्रवादियों के हमले में गणेश शहीद हो गए।

अब गौरी ने यह निश्चय कर लिया कि वे भी देश की सेवा करेंगी। गौरी ने अपने द्वितीय प्रयास में ऑफिसर्स प्रशिक्षण एकेडमी से प्रशिक्षण हासिल कर, वर्ष 2020 में लेफ्टिनेंट का पोस्ट प्राप्त कर इंडियन आर्मी जॉइन किया।

  • संगीता मल्ल

संगीता और शिशिर स्कूल के दिनों से ही एक दूसरे को जानते थे और एक साथ पढ़ते थे। हालांकि कॉलेज के बाद संगीता शिक्षिका बन गईं और शिशिर 3/9 गोरखा राइफल्स में जॉइन किया।

अब उन दोनों ने वर्ष 2013 में विवाह की और खुशहाल जीवन बितने लगा लेकिन वर्ष 2015 में जब शिशिर 32RR में पोस्टेड हुए और जम्मू-कश्मीर के बारामुला सेक्टर में तैनात हुए‌ और आतंकवादियों के साथ हुई झड़प में देश के लिए शहीद हो गए।

संगीता ने एक तो अपना पति खोया और दूसरा उनका गर्भपात हो गया। इस वक़्त उन्होंने खुद को कैसे सम्भाला होगा शायद ही कोई अंदाज़ा लगा सकता है। उन्होंने अपनी बहादुरी का परिचय देने के लिए देश की सेवा को चुना और लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा कर रही हैं।

  • नीरू संब्याल

नीरू संब्याल का विवाह राइफलमैन रविंद्र से हुआ था। वर्ष 2015 में रविन्द्र शहीद हो गए, उस वक्त उनकी बेटी 2 वर्ष की थी। अब नीरू ने यह निश्चय कर लिया कि वे अपने बेटी के जीवन में माता-पिता दोनों की भूमिका अदा करेंगी।

उन्होंने देश सेवा का जुनून दिखाया और उसके बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई से 1 वर्ष की ट्रेनिंग ली और आर्मी के ऑर्डिनेंस कोर में लेफ्टिनेंट बनी।

  • प्रिया सेमवाल वर्ष 2006 में प्रिया का विवाह 14 राजपूत रेजिमेंट नायक अमित सेमवाल से हुई। अमित जब तवांग में पोस्टेड थे उस वक़्त सेना के ऑपरेशन ऑर्किड के दौरान वह देह के लिए शहीद हो गए।

उस वक़्त उनकी 4 साल की एक छोटी बेटी थी। अमित प्रिया को हमेशा यह कहते थे कि तुम आगे पढ़ो। प्रिया ने पढ़ाई जारी की और वह वर्ष 2014 में अपनी काबिलियत के बदौलत सेना के IME कोर में नियुक्त हुईं।

  • स्वाति महादिक

स्वाति की शादी 41 राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल सन्तोष महादिक से हुई। सन्तोष को अपने वर्दी से बहुत ही प्रेम थे। वर्ष 2015 में सन्तोष लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंवादियों के साथ हो रहे झड़प में शहीद हो गए।

उस वक़्त स्वाति 2 छोटे बच्चों 8 मां थी और उन्होंने प्रण लिया कि अब वे देश की सेवा कर अपने पति के वर्दी प्रेम को पूरा करेंगी। 37 वर्ष की होने के बावजूद भी उन्होंने 11 महीने का कठोर प्रशिक्षण लिया और सेना में लेफ्टिनेंट बनी।

 * शालिनी सिंह

शालिनी की शादी सेना के जवान अविनाश सिंह भदौरिया से हुई। शादी के कुछ वर्ष बाद उन्हें एक बेटा हुआ और उनका खुशी-खुशी गुजर रहा था लेकिन वर्ष 2001 में अविनाश ने आतंकवादियों को
अपने साहस के बदौलत मार गिराया और अपने जान को देश के लिए न्योछावर कर दिया।

शालिनी ने निश्चय कर लिया कि वे अपने पति के सपने को साकार करेंगी। वर्ष 2002 में वे इंडियन आर्मी में कमीशन ऑफिसर पोस्ट पर तैनात हुई।lady officers who is serving nation after death of their husbands

अपने रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर अपने पति का नाम गौरवान्वित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने बहुत से ब्यूटी कान्टेस्ट में भी सफलता हासिल की है।- lady officers who is serving nation after death of their husbands

Exit mobile version