किसी ने ठीक ही कहा है “दुनिया में एक ही विकलांगता है और वो है नकारात्मक सोच” इस बात को एक 10वीं वर्ग के एक विद्यार्थी ने साबित कर दिया, जी हां हम बात कर रहे है अंबिकापुर के रहने वाले महेश की,जिन्होंने कभी भी अपनी शारीरिक अक्षमता को कमजोरी नहीं बनने दिया।
परिचय
महेश अंबिकापुर की डिगमा पंचायत के रहने वाले है, जो अबकी बार 10वीं के परीक्षा में शामिल होने वाले है।
बचपन से ही है दिव्यांग
महेश का दोनों हाथ सक्षम नहीं है। एक हाथ अविकसित है तो दूसरा है ही नहीं,फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी बल्कि कड़ी मेहनत कर कक्षा 9वीं की पढ़ाई पूरी कर इस साल 10वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले है। आगे इनका लक्ष्य एक शिक्षक बनने का है। महेश जैसे लोग हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए है,इनसे हम सीख सकते है कि कुछ करने के लिए केवल शारीरिक क्षमता ही नहीं बल्कि मन मे सच्चे लगन और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है।
The Logically के लिए इस कहानी को निधि ने लिखा है, निधि बिहार की रहने वाली हैं और अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।