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इडली अम्मा को आनन्द महिंद्रा दे रहे हैं घर, कोरोनकाल में भी 70 वर्षीय अम्मा मात्र 1 रुपये में इडली खिला रही थी

कोरोनाकाल में लगे लॉकडाउन में भूखे एंव विस्थापित प्रवासी मज़दूरों और बेरोजगारों को भोजन कराने के लिए कई लोग मसीहा के रुप में सामने आये। उनमें से ही एक नाम 85 साल की तमिलनाडू निवासी कमलाथल अम्मा(Kamalnathan Amma) का भी है।

कमलाथल अम्मा पिछले 35 वर्षों से केवल 1 रुपये में इडली-सांभर बेचकर गरीब व बेरोजगार लोगों का पेट भर रही हैं। यही कारण है कि अधिकांश लोग आज उन्हे ‘इडली अम्मा’ कहकर पुकारते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए कमलाथल अम्मा के वीडियो को देखकर कई सहद्रय लोग उनकी मदद के लिए सामने आये हैं, उन्ही में से एक ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप’ के चेयरमैन आनंद महिंद्रा(‘Mahindara and Mahindra Group’ Chairman Anand Mahindra) भी हैं। बता दें कि अम्मा के इस अद्भूत कार्य की आनंद महिंद्रा ने न केवल बेहद प्रशंसा की है बल्कि उन्हे एक घर देने का वादा भी किया है।

Idli Amma making Idli

साल 2019 में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था अम्मा की किचन का वीडियो

तमिलनाडू के कोयंबटूर (Coimbatore in Tamilnadu) निवासी कमलाथल अम्मा पिछले 35 सालों से गरीब व बेरोज़गार लोगों को निःस्वार्थ भाव से महज़ 1 रुपये में इडली-सांभर परोस रही हैं। वे बेहद छोटी सी जगह में अपनी ये इडली की दुकान चला रही हैं। साल 2019 में सोशल मीडिया पर अम्मा की इस रसोई के कुछ वीडियो वायरल हुए जिन्हे, लोगों ने बेहद पसंद किया। इसी दौरान काफी लोग उनकी मदद के लिए आगे आये। उन्ही में से एक नाम आनंद महिंद्रा का भी है। वर्तमान में, आनंद अम्मा को एक घर देने वाले हैं।

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आनंद महिंद्रा ने भी अम्मा की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है

अपने रोचक टवीट्स के लिए फेमस और दरियादिली की जीती-जगती मिसाल समझे जाने वाले ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप’ के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अम्मा का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा – “मैं अम्मा की इस सोच और सामाजिक कार्य से बेहद प्रभावित हूं और अम्मा के इस बिजनेस में अपना योगदान देना चाहता हूं, उनके लिए एक एलपीजी स्टोव(LPG Stove) भी खरीदकर देना चाहता हूं” इसके बाद आनंद ने अम्मा के लिए LPG स्टोव की व्यवस्था भी कराई थी।

अब लकड़ी से जलने वाले चूल्हे पर नही बनेगी अम्मा की इडलियां

आनंद महिंद्रा ने लकड़ी से जलने वाले चूल्हे पर इडली बना रही अम्मा को एक घर के साथ-साथ बेनागा एलपीजी गैस मुहैया कराने की बात भी कही थी। जिसके चलते आनंद ने इडली अम्मा को निरंतर एलपीजी उपलब्ध कराने के लिए भारत गैस कोयंबटूर (Bharat Gas, Coimbatore)का शुक्रिया अदा भी किया है। इन सब सुविधाओं की प्राप्ति के बाद अम्मा बिना किसी रुकावट के अपने समाज सेवा के उद्देश्य को अंजाम देने में सफल हो पाएंगी।

रेस्टोरेंट की शक्ल में होगा अम्मा को महिंद्रा द्वारा मिलने वाला घर

कम संसाधनों में कुछ बेहतर कर दिखाने वाले लोगों की मदद के लिए हमेशा से तैयार रहने वाले आनंद महिंद्रा ने एक बार फिर अम्मा के एक अन्य वीडियो को अपने टवीट् अकाउंट पर शेयर करते हुए कहा है कि- “दुनिया में शायद ही किसी सौभाग्यवान व्यक्ति को एक बड़े सामाजिक मकसद को अंजाम देने में छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिलता है और मैं इसके लिए इडली अम्मा के नाम से पहचाने जाने वाली कमलाथल अम्मा को धन्यवाद देना चाहता हूं। अम्मा के पास अब जल्द ही अपना घर होगा जो रेस्टोरेंट की शक्ल में होगा और जहां वो इडली बनाएंगी और बेचेंगी”

अम्मा से सलाह करके ही शुरु होगा घर का निर्माण कार्य

प्रशंसनीय बात ये है कि आनंद ने अम्मा के साथ किये अपने वादे को निभाते हुए वर्तमान में उनके घर के लिए न केवल ज़मीन खरीद ली है बल्कि अम्मा के नाम उसकी रजिस्ट्री भी करवा दी है। साथ ही, पूरी तरह अम्मा से सलाह मशविरा करके ही घर का निर्माण शुरु कराने की बात कही है। फिलहाल माना जा रहा है कि घर को एक रेस्टोरेंट का आकार दिया जाएगा।

तमिलनाडू की कमलाथल अम्मा पिछले 35 सालों से लोगों को केवल 1 रुपये में इडली-सांभर खिला रही हैं। उनकी सबसे प्रशंसनीय बात यह रही कि लॉकडाउन में जब लोग अनेक विषम आर्थिक परिस्थितियों से गुज़र रहे थे उस दौरान भी अम्मा ने अपनी इडली के दाम नही बढ़ाये और समाज के प्रति सेवा भाव रखते हुए अपने काम को करती करी। अम्मा कहती हैं- “कोविड-19 शुरु होने के बाद से हालात मुश्किल हो गये हैं, इडली का सामान भी और अधिक मंहगा हो गया है, लेकिन फिर भीय मेरी ही कोशिश है कि मैं अपनी इडली के दाम न बढ़ाते हुए हमेशा इसे केवल 1 रुपये में ही परोसूं”

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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