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पिता करते हैं दिहाड़ी मजदूरी, मां नौकरानी, बेटे ने 76वीं रैंक लाकर हासिल की ओड़िशा सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता

Muna Sethi son of a daily wage laborer, passed the Odisha Civil Services Examination 2020 with 76th rank

अक्सर लोग गरीबी का हवाला देते हुए मंजिल को पाने की कोशिश नहीं करते हैं। लेकिन कहते हैं न सफलता इंसान के हौसले को आजमाती है और जो इस इम्तिहान में सफल होता है कामयाबी उसी के कदमों पर अपना सिर झुकाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है ओड़िशा के एक युवक की, जिसने अत्यंत गरीबी का सामना करते हुए आगे बढ़ने के जज्बे को कम नहीं किया और आज ओड़िशा सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 76 वीं रैंक हासिल करके सफलता का परचम लहरा दिया है।

कौन है वह प्रेरणादायक युवक?

यह प्रेरणादायक कहानी है मुना सेठी (Muna Sethi) की, जो ओड़िशा (Odisha) के ढेंकनाल जिले (Dhenkanal District) के परजंग ब्लॉक के अंतर्गत आनेवाला पतरपाड़ा पंचायत (Patarpada Panchayat) स्थित कटबहल गांव (Katabahal Village) के निवासी हैं। उनके पिता का नाम रविन्द्र सेठी है जो दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं वहीं उनकी माता का बसंती सेठी है। मुना अपने पैरंट्स के सबसे छोटे पुत्र हैं जिन्होंने Odisha Civil Services-2020 की परीक्षा में सफलता हासिल करके प्रेरणा की मिसाल पेश की है।

बीच में छोड़नी पड़ी पढ़ाई

मुना आरम्भ से ही पढ़ने में काफी होशियार थे। उनकी 5वीं तक की शिक्षा गांव के ही स्कूल पूरी हुई। उसके बाद उनका एडमिशन सारन्गा के नवोदय विद्यालय में हो गया जहां उन्होंने इंटरमीडिएट की शिक्षा हासिल की। बारहवीं के बाद स्नातक की पढ़ाई के लिए उन्होंने रेनशॉ यूनिवर्सिटी में नामांकन लिया और वाणिज्य विषय से स्नातक की शिक्षा पूरी की। मास्टर की पढ़ाई के लिए उत्कल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन पढ़ाई के दौरान ही उन्हें स्वास्थ्य खराब हो गया जिस वजह से बीच में ही उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुना का कहाना है कि, उन्होंने भविष्य क्या होगा और क्या नहीं होगा के बारें में नहीं सोचा था। भविष्य के बारें में सोचने के बजाय वे काफी मेहनत से अपनी पढ़ाई करते रहें। उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उनकी पढ़ाई बीच में छूट गई। Muna Sethi, son of a daily wage laborer, passed the Odisha Civil Services Examination 2020 with 76th rank.

परिवार की आर्थिक मदद के लिए शुरु किया ट्यूशन पढ़ाना

मुना का कहना है कि, पढ़ाई छोड़ने के बाद वे साल 2016 में वापस अपने गाँव आ गए थे। चूंकि, उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करके घर का भरण-पोषण करते थे लेकीन एक मजदूर की कमाई इतनी भी अधिक नहीं होती है कि उसके घर-परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं की भी पूर्ति हो सके। ऐसे में घर-परिवार की आर्थिक पूर्ति के लिए मुना की मां भी दूसरों के घर जाकर कपड़े धोने का काम करने लगी फिर भी स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं आया। घर की दयनीय स्थिति में कुछ सुधार करने के लिए मुनाने भी कुछ करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना शुरु किया।

चौथे प्रयास में हासिल की सफलता

मुना (Muna Sethi) ने ट्यूशन पढ़ाने के साथ ही खुद से ही ओड़िशा सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी करने लगे। उन्होंने इस परीक्षा में सफल होने के लिए जी तोड़ कोशिश की लेकिन पहली बार में उनसे प्री की परीक्षा में भी सफलता हाथ नहीं लगी। वे लगातार कोशिश करते रहें लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स तो पास कर लिया लेकिन मेन्स में फिर निराशा हाथ लगी।

परीक्षा में बार-बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोगुनी मेहनत से पढ़ाई जारी रखा। उसके बाद उन्होंने चौथा प्रयास किया और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने Odisha Civil Service 2020 की परीक्षा में चौथे प्रयास में 76 वीं रैंक हासिल करके सफलता हासिल की। Muna Sethi son of a daily wage laborer, passed the Odisha Civil Services Examination 2020 with 76th rank.

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बेटे की सफलता पर मां के आंखों से छलक आए आंसू

उन्होंने बताया कि, उनके पैरंट्स ने हमेशा उनका साथ दिया साथ ही उनके कुछ दोस्तों ने भी उनकी काफी सहायता की। अपने बेटे की सफलता पर उनकी मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए। उन्होंने बताया कि मुना दिन-रात काफी कठिन मेहनत करता था जिसे देखने के बाद वे अंदर ही अंदर रोती थीं और इश्वर से प्रार्थना करती थीं कि बेटे को सफलता हाथ लगे। अब वह इश्वर को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हैं।

ओडिशा सिविल सर्विस 2020 की परीक्षा में कायमबी हासिल करने के बाद मुना के परिवार के साथ पूरे गांव में खुशी का माहौल है। इतना ही नहीं उनके घर-परिवार और गांव समेत जिले में भी खुशी की लहर है। वास्तव में जिस प्रकार मुना सेठी ने कई चुनौतीयों का सामना करते हुए सफलता प्राप्त की है वह प्रशंशनीय है। The Logically उन्हें ढेर सारी बधाई देता है।

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