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पर्यावरण संरक्षण के लिए लंदन की नौकरी छोड़, दिल्ली की ‘नवधा’ आज लोगों तक शुद्ध हवा पहुंचाने की मुहिम चला रही हैं

नीचे लिखी Quotation हॉलीवुड के विख्यात अभिनेता (Actor) Leonardo Di Caprio के हैं. ये line सबसे जरूरी चीज की बात कर रहें हैं. अगर हमने इस बारे में नहीं सोचा तो सारी मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा आ जाएगा. : (Help Delhi Breathe)

Climate change is real. It is happening right now, it is the most urgent threat facing our entire species and we need to work collectively together and stop procrastinating.”

                Leonardo Dicaprio, Actor & Environmentalist

मानवीय गतिविधियों और क्रियाकलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन अब मानव जीवन के हर पहलू के लिए खतरा बन चुका है. हम फिर भी इसको लेकर इतने गंभीर नहीं है.

हम सबको इस बात की ओर ध्यान देने की जरूरत है कि जलवायु परिवर्तन का मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है. इस नकारात्मकता में Anxiety जैसे केस का बढ़ना प्रमुख है. इसलिए जरूरी है कि  Climate Change  जैसे शब्दों से डरने के बजाए इस पर बात की जाए और इसका सामना किया जाए. अपने नेताओं से पॉलिसी मेकिंग पर सवाल किए जाएं. आज की कहानी ऐसे ही एक लड़की की है जो Climate Change को लेकर बहुत संजीदा (Sensitive) हैं. इनका नाम नवधा मल्होत्रा है.

दिल्ली में पली-बढ़ी 34 साल की नवधा (Navdha Malhotra) दिल्ली की है और ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई लेकिन मास्टर्स के लिए लंदन चली गई. लंदन में पढ़ाई की और तीन साल वहां काम भी किया. लेकिन फिर लगा कि भारत में इससे ज्यादा परेशानियां हैं और वहां काम किया जाना चाहिए.मां सोशल वर्कर हैं तो बचपन से उनके साथ काम वॉलिंटियर के तौर पर काम किया. उन्हें लोगों की मदद करते देखा. जबकि उनके पापा मीडिया में काम करते थे.

इंडिया वापस आकर किया Climate Change के लिए काम- Navdha Malhotra, Help Delhi Breathe

इंडिया वापस आ गई और ‘परपस’ के साथ काम शुरू किया. परपस एक ग्लोबल संस्था है. यहां वो साल 2015 से कैंपेनर डायरेक्टर के पद पर काम कर रही हैं. इस संस्था के जरिए क्लाइमेट चेंज, सेक्सुअल रिप्रोडक्टिव हेल्थ (Sexual Reproductive Health) और पिछले तीन साल से कोविड पर काम कर रही हैं.

हेल्प दिल्ली ब्रिद (Help Delhi Breathe)  कैंपेन से बताई प्रदूषण की समस्या

साल 2015  वह समय था, जब दिल्ली में वायु प्रदूषण हर घर की समस्या बन गया था. इसके लिए उनकी संस्था और उन्होंने मिलकर ‘हेल्प दिल्ली ब्रिद’(Help Delhi Breathe) कैंपेन चलाया. इस कैंपेन के जरिए घर-घर जाकर लोगों को समझाया कि वायु प्रदूषण आपकी सेहत के लिए कैसे नुकसानदायक है. साथ ही सरकारों के साथ मिलकर पॉलिसी मेकिंग पर भी काम किया. अभी इनके पास 15 कैंपेनर हैं, जो दिल्ली, मुंबई, यूपी-बिहार में काम कर रहे हैं. हम दूसरी संस्थाओं के साथ मिलकर भी सामाजिक मुद्दों पर काम करते हैं.

साफ हवा भी दुर्लभ

साफ हवा हम सभी का हक है लेकिन दुर्भाग्य देखिए वह भी दुर्लभ हो रहा है. वायु प्रदूषण से सक्षम व्यक्ति तो बच सकता है लेकिन वह व्यक्ति जिसे रोज कमाने जाता उसके लिए तो कोई सुविधा नहीं  है. जिसे तीन वक्त की रोटी कमाने की जद्दोजहद रोज लगी रहती है उसके लिए वायु प्रदूषण समस्या होकर भी उसमें जीना मजबूरी है. ऐसे ही लोगों की जिंदगी बचाने में नवधा सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं. साथ ही सोचते हैं कि इस परेशानी का हल क्या हो सकता है.

सरकार से सवाल करना सीखें

दिल्ली में जब भी प्रदूषण बढ़ता है तो कंस्ट्रक्शन साइट्स Construction Site को बंद कर दिया जाता है ऐसे में उस काम में लगे डेली वर्कर Daily Worker भूखे मरने की कगार पर आ जाते हैं.  इन मजदूरों को कैसे बचाया जाए, इसको लेकर भी सरकारों के साथ काम करते हैं. साथ ही सवाल भी करते हैं कि कैसे इन्हें आजीविका दी जाए.

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दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर जागरूकता फैलाने का करती हैं काम।

इंडिया में लोग क्लाइमेट चेंज से घबराते हैं

हमारे यहाँ जलवायु परिवर्तन को अछूत माना जाता है. हमें लगता है जैसे ये वैज्ञनिकों का मामला है. लेकिन हकीकत यह है कि ये हमारी साझी जिम्मेदारी और जवाबदेही है. विदेश में क्लाइमेट चेंज को लेकर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है लेकिन भारत में लोग क्लाइमेट चेंज पर बात करने से ज्यादा इससे घबराते हैं. हमारी बढ़ती जरूरतों ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है, इसलिए कारण और समस्या दोनों हम ही हैं.

कैंपेनर के तौर पर नवधा मल्होत्रा (Navdha Malhotra) ने यह बात पहुंचाने का काम है कि पर्यावरण किसी एक की नहीं बल्कि हैम सब की साझी समस्या है. प्रदूषण से सबसे ज्यादा गरीब तबका प्रभावित होता है और उसी की रोज रोटी सबसे पहले छिन जाती है. आखिर ऐसा क्यों? इस पर सरकार को सोचना होगा.

एक नागरिक के तौर पर क्या कर सकते हैं?

सरकार को अपने स्तर पर बड़े और नीतिपरक बदलाव करने की ज़रूरत है लेकिन बतौर जिम्मेदार नागरिक हम अपने स्तर पर भी इस प्रयास का हिस्सा बन सकते हैं. हमारे छोटे-छोटे प्रयास जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में उपयोगी साबित हो सकते हैं. जैसे –

●      विमान सेवा का कम इस्तेमाल

●      कार का उपयोग ना करें या फिर करें तो इलेक्ट्रिक कार का

●      ऊर्जा बचाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करें

इस तरह आप भी पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर सकते हैं।

संध्या इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और लेखनी में काफी सक्रिय हैं। अभी तक संध्या अनेकों प्रतिष्टित मीडिया चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं, समाजिक मुद्दों पर अपनी मजबूत पकड़ रखने के कारण अब वह The Logically के साथ सकारात्मक खबरों को लिख रही हैं।

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