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ये 10 पौधे घर मे ऑक्सिजन की कमी को दूर कर देंगे, इन्हें घर पर जरूर लगाइए

कोरोना के दूसरे लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ी समस्या बनकर दुनिया के सामने आई थी। इसके कारण बहुत से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी।

नासा ने दी ऑक्सीजन की जानकारी

ऐसी स्थिति में अमेरिका (America) की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने ऐसे दस पौधों के बारे में बताया, जिससे घर की खुबसूरती बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन भी मिलेगा।

आज हम उन 10 पौधों के बारे में बताएंगे, जिससे आपके घर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। – oxygen giving plants

  1. गरबेरा डेजी (Gerbera daisy)
Gerbera daisy

इस पौधों को ज्यादातर लोग घर में सजावट के लिए लगाते हैं। ये होम प्लांट खुबसूरत होने के साथ-साथ रात में भी ऑक्सीजन बनाता है। गरबेरा डेजी को डायरेक्ट सन लाइट की जरुरत नहीं होती इसलिए इसे ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां कुछ घंटों तक ही सीधी धूप मिल सके।

गरबेरा डेजी के पौधे पर नासा की रिपोर्ट

नासा की रिसर्च के अनुसार, गरबेरा डेजी का पौधा वातावरण से ट्राईक्लोरोएथिलिन और बेनजेन को ओब्जॉर्ब कर लेता है। गरबेरा के पौधों को नियमित रूप से पानी देने की जरुरत होती है क्योंकि इसकी मिट्टी में नमी जरूरी है। इसे आप अपने कमरे में खिड़की के पास भी रख सकते हैं।

  1. चाइनीज एवरग्रीन (Chinese evergreen)

18 से 27 डिग्री तापमान के बीच धीरे-धीरे बढ़ने वाला चाइनीज एवरग्रीन पौधा रोशनी में भी पनप सकता है। इस पौधे की उंचाई अधिकतम 3 फीट होता है और इसकी पत्तियां बड़ी-बड़ी होती है। चाइनीज एवरग्रीन, वातावरण से बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को अवशेषित करता है।

इसे प्रतिदिन पानी की जरुरत नहीं पड़ती लेकिन इसे जानवरो से बचाकर रखे क्योंकि यह उनके लिए जहरीला हो सकता है।- oxygen giving plants

  1. स्पाइडर प्लांट (Spider plant)

स्पाइडर प्लांट को रिबन प्लांट भी कहा जाता है। 60 सेंटीमीटर उचा यह पौधा 2 डिग्री तापमान तक का ठंड सहन कर सकता है, लेकिन नासा के रिपोर्ट के अनुसार 18 से 32 डिग्री तापमान इसके लिए बेहतर होता है।

स्पाइडर प्लांट भी आसपास के वातावरण से कार्बन मोनोऑक्साइड और जाइलीन जैसी गैसों को अवशोषित कर लेते हैं। इसमे सप्ताह में एक बार पानी देने की जरुरत पड़ती है।

  1. ब्रॉड लेडी पाम (Broad lady palm)

ब्रॉड लेडी पाम को बैम्बू पाम के नाम से भी जाना जाता है। ये प्लांट क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में पाए जानेवाली अमोनिया गैस को सोख लेते हैं और हवा को साफ करके ऑक्सीजन की मात्रा को पूरा करते हैं।

ब्रॉड लेडी पाम 4 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इसे छांव में रखना चाहिए और हर रोज पानी देते रहना चाहिए।

  1. ड्रैगन ट्री (Dragon tree)

ड्रैगन ट्री को रेड-एज ड्रैसेनिया भी कहा जाता है। ये प्लांट्स वातावरण से खतरनाक गैस जैसे- बेनजेन, जाइलीन, टोलुईन और ट्राईक्लोरोएथिलिन को अवशेषित लेते हैं। इस पौधें को सूरज की रोशनी में रखा जाता है।

  1. वीपींग फिग (Weeping fig)

वीपींग फिग के नाम से पहचाने जाने वाला रुम प्लांट महारानी विक्टोरिया के समय से ही प्रसिद्ध है। इसके तनों से ही इसकी जड़ें निकलने लगती हैं। जब ये जड़ लटकते हुए जमीन तक पहुंच जाती हैं, तो स्वयं एक अतिरिक्त तना बना जाता है।

इसके अलावा जब इसकी पत्तियां नीचे लटकती हैं, तो आंसुओं के टपकने की तरह प्रतीत होता है इसलिए इसे वीपींग ट्री का नाम दिया गया है।

ये पौधा तेजी से कार्बन डाइऑक्साइड को सोख कर ऑक्सीजन छोड़ता है। इससे जानवरों को एलर्जी हो सकती है। 20 मीटर उंचाई वीपींग ट्री पौधें के जड़ें जमीन में बहुत तेजी से फैलती हैं।

  1. एरेका पाम (Areca Palm)

एरिका पाम कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन छोड़ता है। ये प्लांट हल्की रोशनी और कम पानी में भी रह सकता हैं। नासा के अनुसार अगर आपके घर में कंधे के बराबर चारे का प्लांट हो तो यह बहुत बेहतर होता है।

ये हवा में मौजूद खतरनाक गैसों जैसे- फॉर्मल्डिहाइड और जाइलीन को अवशोषित कर लेता है।- oxygen giving plants

  1. एलोवेरा (Aloe vera)

ब्यूटी केयर एलोवेरा के पौधों की पत्तियां वातावरण में मौजूद फ्लोर वार्निश, वार्निश और डिटर्जेंट में पाई जाने वाली फॉर्मल्डिहाइड को सोख लेती हैं। एलोवेरा को धूप में रखा जाता है तथा इसमें ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती।

  1. स्नेक प्लांट (Snake plant)

स्नेक प्लांट का पौधा रात के समय भी ऑक्सीजन रिलीज करता है। स्नेक प्लांट फॉर्मल्डिहाइड, जाइलीन ट्राईक्लोरोएथिलिन, बेनजेन, टोलुईन और ट्रिक्लोरो जैसी जहरीली गैसों को ओब्जॉर्ब कर लेते हैं।

  1. मनी प्लांट (Money plant)

मनी प्लांट का पौधा कम रोशनी में भी ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता रखता है। ये पौधा जानवरों और बच्चों के लिए बहुत जहरीला होता है। अगर कोई बच्चा गलती से भी मनी प्लांट खा लेता है, तो उसे उल्टी, दस्त, मुंह और जीभ पर सूजन जैसी संमस्या हो सकती है। इस पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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