सौ लोगों की भीड़ में भी एक व्यक्ति ऐसा जरूर मिलता है, जो दूसरों की मजबुरी समझता है और उसे दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। दिल्ली तथा यूपी पुलिस आए दिन अपने काम की वजह से चर्चा का विषय बनी रहती है। आज हम एक ऐसे ही पुलिस वाले की बात करने वाले हैं, जो अपनी एक पहल से बहुत से बच्चों का भविष्य उज्वल करने की कोशिश कर रहे हैं।
संजय सांवरे (Sanjay Sanvre)
संजय इंदौर के रहने वाले हैं, इनकी आयु 40 वर्ष हो चुकी हैं। वह ना केवल अपनी पुलिस की ड्यूटी निभा रहे हैं, बल्कि झुग्गी के बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं संजय अपने पैसों से बच्चों को किताबें, कॉपियां, स्कूल बैग आदि भी देते हैं। संजय के इस कार्य में उनके साथी भी उनकी मदद करते हैं।
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संजय गरीब बच्चो की पढाई में करते हैं मदद
संजय के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिससे प्रेरित होकर संजय ने साल 2016 में क्लास शुरू किया। संजय चाहते हैं कि जो तकलीफ उन्हें बचपन में उठानी पड़ी, वह किसी और बच्चे को ना उठानी पड़े। इसके लिए उन्होंने ऑपरेशन स्माइल नाम से एक छोटी सी पहल की। इसके तहत संजय उन बच्चों को शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं जो स्कूल नहीं जा पाते। संजय के क्लास में ज्यादातर छोटे बच्चे ही पढ़ते हैं।
संजय के पास 40-50 बच्चे पढ़ रहे हैं
संजय ने जब इस क्लास की शुरूआत की तो उनके पास मात्र 3-4 बच्चे आते थे, परंतु अब इनकी संख्या बढ़कर 40-50 हो गई है। इनके पास 1 से 10 साल की उम्र के बच्चे आते हैं। संजय बताते हैं कि उनके यहाँ आने वाले ज़्यादातर बच्चों को उनके परिवारवालों ने कहीं न कहीं काम पर लगा रखा था। उनके प्रयास से अब वहाँ शिक्षा का वातावरण बना पाया है। संजय हर रविवार को क्लास लगाते हैं। इस करता में उनके साथी भी उनकी मदद करते हैं। वे सभी उन ज़रूरतमंद बच्चों को अच्छी एजुकेशनल फ़ैसिलिटी देने की कोशिश कर रहे हैं।
रविवार को संजय कराते हैं 12 से 13 क्लास
संजय बताते हैं कि रविवार को 12 से 13 क्लास होती है जिसमें अन्य पुलिस वाले भी वॉलंटीयर करते हैं। पढाई के दौरान बच्चों के बीच प्रतियोगिताएं भी रखी जाती है और उन्हें इनाम भी दिया जाता है। इससे उन बच्चों में पढ़ने का उत्साह बढ़ता है। The logically संजय सांवरे (Sanjay Sanvre) के इस कार्य की तारीफ करता है।
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