हर कोई चाहता है कि उसका घर हरियाली से घिरा हो ताकि उसके घर में सकारात्मकता आए और वह सुकून की ज़िंदगी जिएं। आज के भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में लोग इस कदर व्यस्त हो चुके हैं कि स्वयं के लिए वक्त नहीं है। ऐसे में अगर कोई शख्स अपनी बालकनी, छत या आंगन में गार्डेनिंग कर रहा है तो लोगों का रुझान गार्डेनिंग की तरफ बढ़ जाता है। अन्य लोग ये भी सोंचते हैं कि जब ये इतने व्यस्त दिनचर्या से वक्त निकालकर पौधों को लगा सकता है तो हम क्यों नहीं प्रयास कर सकते??
आज की हमारी यह कहानी एक महिला की है जिन्होंने अपने छत पर 20 प्रकार की सब्जियां तथा 12 प्रकार के फलों के पौधों के साथ औषधीय पौधों को भी लगाया है। लोग उन्हें “हरियाली दीदी” के नाम से जानते हैं और उनसे प्रेरणा लेकर स्वयं बागवानी भी कर रहें हैं।
पुष्पा साहू
56 वर्षीय पुष्पा साहू (Pushpa Sahu) छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के रायपुर (Raipur) से ताल्लुक रखती हैं। उनका गार्डनिंग से बहुत लगाव है इसलिए उन्होंने अपने छत को हरियाली से भर दिया है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिखाया है कि बिना भूमि के छत पर बेहतरीन गार्डेनिंग किया जा सकता है और जैविक खाद का उपयोग कर पौधों को तैयार किया सकता है। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
लगाया है बहुत से पौधे
उन्होंने अपने बगीचे में मौसमी सब्जियों के अतिरिक्त 12 तरह के फलों के पौधे तथा 10 तरह के औषधीय पौधे को भी लगाया है। वह वर्ष 2013 से गार्डेनिंग कर रही हैं उन्होंने अपने बगीचे में पौधों की देखभाल हेतु जैविक उर्वरक का उपयोग किया है। गार्डेनिंग के लिए उन्हें सम्मान भी प्राप्त हो चुका है।-Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
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हमेशा रहा है पौधों से लगाव
वह बताती हैं कि मैं एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हूं। इसीलिए मुझे पेड़-पौधों से अधिक लगा रहा है। मैं चाहती थी कि हमेशा ही प्रकृति के करीब हूं। उनके पति सरकारी कॉलेज में बतौर शिक्षक ड्यूटी किया करते थे उस दौरान इन्हें एक क्वार्टर रहने के लिए मिला था। वह यहां गार्डेनिंग करना चाहती थी परंतु यहां ज्यादा पौधों का लगना असंभव था। परंतु जब वह स्वयं के घर में शिफ्ट हो गई तब उन्होंने यहां पर पौधों को लगाना प्रारंभ किया और अपने छत को हरियाणवी में बदल दिया। आज उनके परिवार के सदस्य स्वयं द्वारा उगाए गए जैविक फल और सब्जियों का सेवन करते हैं। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
प्लास्टिक के ड्रम में लगाया है पौधा
उन्होंने यह जानकारी दिया कि अक्सर लोगों के मन में यह डर बना रहता है कि अगर वे छत पर गार्डेनिंग करेंगे तो इससे छत को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि गार्डेनिंग में बहुत तरह के पौधे लगाए जाएंगे उनका वजन ज्यादा भी हो सकता है इससे छतों में सीलन की समस्या आ सकती हैं। उन्होंने अपने छत पर पौधों को लगाने के लिए भारी सीमेंट के गमले के स्थान पर प्लास्टिक के 500 से 1000 लीटर के ड्रम का उपयोग किया। इन ड्रमों को उन्होंने क्रम में सजाया ताकि पौधे मजबूती से बड़े हो सके। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
ग्रो बैग एवं ड्रम में पौधों को लगाए
उनके छत पर ड्रम में फलों के पेड़ लगे हुए मिलेंगे और वही ग्रो बैग में उन्होंने सब्जी एवं औषधीय पौधों को लगाया है। फलों में उन्होंने अमरूद, मौसमी, नींबू, पपीता, कीनू, आम, एप्पल बेर, करौंदा आदि को उगया है और औषधीय पौधों में अश्वगंधा, शतावर, एलोबेरा, तुलसी, अडूसा तथा पत्थरचट्टा आदि शामिल है। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
मौसमी सब्जियों का भी उठाती हैं आनन्द
वह यह बताती हैं कि हमारे खाने योग्य 80 फीसदी फल एवं सब्जियां हमें हमारे बगीचे से ही मिल जाती है। हमें मार्केट से फल और सब्जियों को खरीदने की आवश्यकता नहीं होती है। हमारे द्वारा उगाई गई फल और सब्जियां पूरी तरह जैविक होती है और इससे हमारे स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। वह मौसमी सब्जियों को भी अपने खेतों में उगाती हैं ताकि मौसम के अनुसार सब्जियों का सेवन सब्जियों का आनंद लिया जा सके। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
कम पैसे खर्च कर स्वयं करें चीजों का निर्माण
वह बताती हैं कि अक्सर लोग इस तरह के स्टार्टअप में अधिक रुपए खर्च करते हैं हालांकि शुरुआती दौर में हमें अधिक पैसे की जरूरत है परंतु जैसे-जैसे आप का बागवानी बढ़ने लगेगा खर्च भी कम होने लगेगा। शुरुआती दौर में आप को मिट्टी, गोबर की खाद, केंचुए के खाद, रेत, कोकोपीट इत्यादि सब चीजों के लिए खर्च उठाने होंगे। परंतु आपको इन सब चीजों में खर्च करने की आवश्यकता नहीं है आप स्वयं ही रसोई से निकले हुए वेस्ट से उर्वरक का निर्माण कर सकते हैं। वही पौधों की रोग प्रतिरोधक के लिए आप नीम के पत्तों या प्याज तथा अदरक का उपयोग कर मिश्रण तैयार कर घोल बनाकर छिड़काव कर कीटों को दूर कर सकते हैं। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
मिला है सम्मान
आज पुष्पा अन्य लोगों को इसके लिए मोटिवेट कर रही हैं और लोग उनकी काफी सराहना भी करते है। उन्होंने स्थानीय जिला प्रसाशन की तरफ से भी सराहना मिली है। हमें उम्मीद है कि हमारा ये लेख हमारे पाठकों को पसन्द आएगा और वे भी गार्डेनिंग कर स्वयं को स्वस्थ रखेंगे। -Pushpa Sahu of Chhattisgarh did gardening on the terrace, grew fruits, flowers, vegetables and medicinal plants
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