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बनना चाहती थीं लेखिका मगर बन गईं हिमाचल की पहली महिला पुलिस अधीक्षक, और जड़ दिया विधायक को थप्पड़

महिलाएं किसी भी रूप में कमजोर नहीं हैं। इस बात का सबूत है केरल (Kerala) की रहने वाली सौम्या सांबशिवन (Saumya Sambashivan). सौम्या मर्डर केस सुलझाने के लिए प्रसिद्ध हैं। इस वजह से सौम्या लेडी सिंघम (Lady singham) के नाम से भी जानी जाती हैं। साल 2010 में सौम्या यूपीएससी UPSC की परीक्षा पास कर आईपीएस IPS बनी। सौम्या के पिता इंजीनियर हैं। वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं।

Saumya Sambashivan Himachal Pradesh first women superintendent police

सौम्या बनीं शिमला की पहली महिला पुलिस अधीक्षक

सौम्या (Saumya Sambashivan) ने बायो से ग्रेजुएशन करने के बाद मार्केटिंग और फाइनेंस में एमबीए MBA किया। उसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल बैंक में काम भी किया। सौम्या शुरु से ही लेखिका बनना चाहती थीं परंतु वह यूपीएससी UPSC की परीक्षा देकर उसमें सफल हो गईं, जिससे वह आईपीएस IPS के पद पर नियुक्त हुईं। सौम्या हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला की पहली महिला पुलिस अधीक्षक हैं।

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सौम्या लड़कियों को सुरक्षा स्प्रे बनाने की ट्रेनिंग देती थीं

सौम्या जब शिमला में ड्यूटी दे रही थीं, उस दौरान वहां एक मासूम बच्ची की हत्या का केस काफी चर्चा में था। ऐसे में सौम्या सांबशिवन (Saumya Sambashivan) ने लड़कियों को सुरक्षा स्प्रे बनाने की ट्रेनिंग दी थी ताकि वह मनचलों से अपनी सुरक्षा कर सकें। सौम्या सांबशिवन (Saumya Sambashivan) ने अपनी सेवा काल के दौरान बहुत से ऐसे कारनामें किए, जिसे वह काफी चर्च में रहीं। उन्होंने एक ऐसे अपराधी को पकड़ा था, जिसने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था।

सौम्या शिमला पुलिस और स्टेट CID में दे चुकी हैं सेवा

सौम्या सांबशिवन (Saumya Sambashivan) अपराधी पकरने के साथ-साथ ड्रग्स, शराब और मानव तस्करी पर भी रोक लगाने की दिशा में बहुत से काम कर चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2006 में एक प्रदर्शन के दौरान सौम्या ने एक विधायक को वहां से हट जाने को कहा, तब उन्होंने मना कर दिया था। इसपर सौम्या सांबशिवन (Saumya Sambashivan) ने विधायक को थप्पड़ जड़ दिया था। सौम्या सांबशिवन सिरमौर में भी पुलिस अधीक्षक रह चुकी हैं। सिरमौर से पहले वह शिमला में थी, जहां वह शिमला पुलिस और स्टेट CID में भी सेवाएं दे चुकी हैं।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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