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85 वर्षीय शिवचरण 48वी बार मे मैट्रिक की परीक्षा पास किये, शादी ना करने का प्रण लिए थे

शिक्षा ग्रहण करने की कोई आयु सीमा नही होती है। पौराणिक युग में शिक्षा प्राप्ति के लिए शिक्षार्थियों को गुरुकुल जाना पड़ता था। लेकिन जैसे-जैसे युग बदला,समय के साथ हर चीज मे परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पृथ्वी पर जन्म के साथ ही एक मनुष्य को ज़िन्दगी के अलग अलग पहलुओं से रूबरू होना पड़ता है। जन्म के उपरांत मनुष्यों के सीखने और समझने का सिलसिला शुरू हो जाता है ,उठना , बैठना , चलना , बोलना और अनेकों चीजों को मनुष्य हर रोज सीखता है ।सीखने के लिए कोई उम्र नही है बस सीखने की ख़्वाहिश होनी चाहिए। आज कि हमारी कहानी 85 वर्षीय शिवचरन की है जो 47 वर्षों से 10वीं मे असफल हो रहे थे, लेकिन इस बार सफल हुए हैं।

Shivcharan Yadav राजस्थान से सम्बद्ध रखते हैं । 85 वर्षीय शिवचरण यादव ने ये प्रण लिया था कि जब तक 10वीं कक्षा मे सफलता प्राप्त नही करूंगा तब तक वैवाहिक बंधन में नहीं बंधूंगा और आखिर अपनी असंख्य हार के बावजूद शिवचरण ने यह साबित किया है कि अगर किसी काम को करने के लिए जुनून हो तो उस क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।

शिवचरण यादव इस बार बिना परीक्षा दिये सफल हुए हैं। इन्होंने लगातार 47 बार परीक्षा दियें है। इन्होंने “राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन” से परीक्षा देकर सफलता हासिल कर सबके लिए एक मिसाल कायम किया हैं।

शिवचरण का मानना है कि किसी भी सफलता को हासिल करने के लिए उम्र मोहताज नहीं है । इन्होंने पहली बार 1985 में दसवीं कक्षा का परीक्षा दिया था उस समय वे समय असफल हो गए, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और सफल होने के लिए मेहनत करते रहें। उन्हें हर बार असफलता हासिल होती रही ,अलग अलग विषयो में अच्छे अंक ना मिलने के कारण
वह असफल हो जाते थे।

Shivcharan Yadav अपनी ज़िन्दगी बड़ी कठिनाई से व्यतीत किए है। वह अपना भोजन मंदिरो से मिले प्रसाद से करते हैं, और वृद्धा पेंशन के सहायता से आम जरुरतों को पूरा करते हैं। इन्होंने 1995 में काफी मेहनत किया और ये उम्मीद भी था कि ये सफल हो जाएंगे लेकिन फिर कुछ विषयों में अच्छे अंक ना मिलने से असफल रहें।

Covid-19 के संक्रमण से राजस्थान बोर्ड ने यह फैसला लिया कि इस बार कोई भी विधार्थी असफल नही होगा। जिस कारण शिवचरण भी परीक्षा मे सफल हो गये।

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

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