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सादगी की मिसाल: बेटा वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं, फिर भी किसान माता-पिता खेती कर गुजारा करते हैं

जरा सोचिए, अगर दूसरे के खेतों में मजदूरी करके अपने परिवार को चलाने और अपने बाल बच्चे को पढ़ाने वाले किसी माता-पिता का बेटा जब राजनीति के शीर्ष पदों पर पहुंचे तो उस माता-पिता की खुशी की सीमा कितनी होगी। जी हाँ, आज हम बात करेंगे, दक्षिण भारत के रहने वाले एक ऐसे शख्स के बारे में जिनके माता-पिता दुसरे के खेतों में काम करके अपने परिवार का खर्च उठाते थे और समय के साथ ही साथ उन माता-पिता का भाग्य बदला तथा आज के समय में उनका लड़का केन्द्र मे राज्यमंत्री बनकर यह साबित कर दिया है कि गरीबी होने के बावजूद भी अगर सही दिशा में प्रयास हो तो एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है।

Simplicity of cabinet minister l murugan

कौन है वह गरीब माता-पिता का केन्द्रीय राज्यमंत्री बनने वाला बेटा?

हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु (Tamilnadu) के नामक्कल जिले के रहने वाले एल मुरुगन (L Murugan) के बारे में। उनकी उम्र लगभग 44 साल है। एल मुरुगन का जन्म दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में एक बहुत ही गरीब परिवार में हुई थी। गरीबी की हकीकत यह थी कि, एल मुरुगन के माता-पिता दूसरे के खेतों में काम करके अपने परिवार कि निर्वहन किया करते थे। समय के साथ मुरुगन का भाग्य उदय हुआ और वे अपने मेहनत के बदौलत राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री बन चुके हैं। Son L Murugan has become the Union Minister of State, but his parents still work as laborers in the fields as before.

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सफर की शुरुआत

तमिलनाडु के नामक्कल जिले मे अधिवक्ता के रूप में काम कर चुके है। आज के समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए अपने मंत्रीमंडल में मंत्री बनाया है। कानून की पढ़ाई करने के बाद वह अधिवक्ता के रूप में काम कर चुके हैं। अधिवक्ता के तौर पर काम करने के बाद एल मुरुगन राजनीति में प्रवेश किए। राजनीति मे रहते हुई वे फिलहाल केन्द्रीय राज्यमंत्री बनने के पहले तमिलनाडु प्रदेश बीजेपी के प्रमुख रह चुके हैं। प्रदेश बीजेपी के प्रमुख बनने से पहले वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष थे। फिलहाल वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसलिए मंत्री बनने के साथ ही साथ यह तय माना जा रहा है कि, अब बीजेपी उन्हें किसी राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित करवा सकती है। कानून में पीजी करने वाले मुरुगन ने मानवाधिकार कानूनों में डॉक्टरेट की है। बीस साल से अधिक समय से जमीनी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे दलित नेता मुरुगन बीजेपी में शामिल होने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे। उन्हें उनके संगठनात्मक कौशल के लिए भी जाना जाता है। ―Union Minister of State…L Murugan.

माता-पिता को बेटे पर गर्व लेकिन मजदूरी करते रहेंगे

बेटा एल मुरुगन (L Murugan) मोदी सरकार में राज्यमंत्री बने है, लेकिन मां-बाप पहले की तरह अब भी खेतों में मजदूरी करने का काम करते हैं। दरअसल, एल मुरुगन दलित हैं और वो अरुणथातियार समुदाय से आते हैं। गांव में उनका छोटा सा घर है। माता-पिता को जब भी मजदूरी का काम मिलता है तो वे दोनों उस काम को पहले की तरह ही आज भी करते हैं। वे लोग खेतों में मजदूरी तथा बोझ ढोने का काम करते हैं। एल मुरुगन के माता-पिता को जब पड़ोसियों से बेटे के मंत्री बनने की खबर मिली तब भी दोनों खेत में काम कर रहे थे। बेटे के मंत्री बनने की खबर सुनने के बाद भी दोनों रुके नहीं लगातार काम करते रहे। मां-बाप को अपने बेटे की कामयाबी पर गर्व तो है, लेकिन दोनों को अपने बेटे से अलग जिंदगी पसंद है। उनके माता-पिता शुरू से ही मजदूरी करते आए हैं इसीलिए उनलोगों को अपने मेहनत की रोटी खाना अच्छा लगता है। ― Union Minister of State…L Murugan.

कर्ज के पैसो से बेटे को पढ़ाया

केंद्रीय मंत्री मुरुगन (L Murugan) के पिता ने बताया कि, उनका बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा था। शुरुआत में सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद में मुरुगन ने चेन्नई के आंबेडकर लॉ कालेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। पिता को बेटे की पढ़ाई के लिए दोस्तों में पैसे उधार लेने पड़े थे। मुरुगन ने भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष बनने के बाद चेन्नई में अपने माता-पिता को साथ रहने के लिए बुलाया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वे लौट गए। मुरुगन की मां ने कहा, ”हमलोग कभी-कभी तीन-चार दिनों के लिए चेन्नई जाते थे, लेकिन वो अपने काम मे इतना व्यस्त था कि हमे उसको काम से भटकाना नही था, इसलिए हमलोग फिर से अपने गांव कोन्नूर आए।” ―Union Minister of State…L Murugan.

मुरुगन की कामयाबी बनीं लोगों के लिए प्रेरणा

एल मुरुगन (L Murugan) की शुन्य से शिखर तक पहुंचने की कामयाबी लोगों के लिए प्रेरणा बनीं है। बहुत सारे लोगों को इनके संघर्षशील कामयाबी से प्रेरणा मिली है। वास्तव में आज के समय में यह संभव नहीं है कि दूसरे के खेतों में काम करने वाले माता-पिता का बेटा राजनीति के क्षेत्र में इतनी बड़ी कामयाबी हासिल कर सके। लेकिन एल मुरुगन ने अपने मेहनत के बदौलत यह सही साबित करके अपने ग़रीबी परिवार का नाम रोशन किया है।

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