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किसान का बेटा बना सेना में लेफ्टिनेंट, पासिंग आउट परेड पूरी होते ही मां के गले लगकर जताई अपनी खुशी

भारतीय सेना (Indian Army) का हिस्सा बनना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ही गर्व की बात है। बिहार (Bihar) के नालंदा ज़िले के रहने वाले आकाशदीप ने (Aakashdeep) भी कुछ समय पहले ही सेना में शामिल होकर अपने माता-पिता का सपना पूरा किया है। आकाशदीप ने ना केवल अपने माता-पिता का बल्कि पूरे ज़िले का नाम रौशन किया है। ओटीए गया में जैसे ही आकाशदीप का पासिंग आउट परेड का अंतिम कदम पूरा हुआ, वहां मौजुद उनके माता-पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

आकाशदीप बने सेना में लेफ्टिनेंट

जैसे ही आकाशदीप की पासिंग आउट परेड पूरी हुई उन्होंने अपनी मां को गले से लगा लिया। उनके पिता ज्वाला प्रसाद (Jwala Prasad) एक साधारण किसान हैं। आकाशदीप (Aakashdeep) सेना में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुए हैं। पासिंग परेड के बाद आर्मी में लेफ्टिनेंट बनने पर आकाशदीप और उनके माता पिता को लोग लगातार बधाइयां दे रहे हैं।

Son of farmer from Bihar becomes Lieutenant in Indian Army

आकाशदीप का पढ़ाई का सफर

ज्वाला प्रसाद (Jwala Prasad) बताते हैं कि आकाशदीप का बचपन पटना (Patna) में बिता था। वहीं से उन्होंने शुरुआती शिक्षा प्राप्त की। 6ठी क्लास के लिए उन्होंने सैनिक स्कूल की परीक्षा पास की। साल 2009 में हरियाणा के कुंजपुरा के सैनिक स्कूल में दाखिला लिया। 12वीं तक की शिक्षा वही से प्राप्त की। उसके बाद साल 2016 में उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की और एनडीए में दाखिला ले लिया। 12 दिसंबर 2020 को आकाशदीप ने लेफ्टिनेंट ज्वाइन किया। उनकी इस सफलता से गांव वाले बहुत खुश हैं।

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आकाशदीप के माता-पिता पहुंचे उनकी पासिंग आउट परेड देखने

आकाशदीप के पासिंग आउट परेड में उनके माता-पिता अपने बेटे की सफलता देखने पहुंचे। जैसे ही पासिंग आउट परेड का अंतिम कदम पूरा हुआ मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। लेफ्टिनेंट आकाशदीप (Aakashdeep) जब अपनी मां से लिपटे, तो वह अपने आंसू रोक नहीं पाए। लेफ्टिनेंट आकाशदीप बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उनका मानना है कि अगर लक्ष्य साफ हो और आप उसके लिए कड़ी मेहनत करें, तब आप सफल जरूर होंगे। परेशानियां हर किसी के जीवन में आती है परंतु उससे घबराना नहीं चाहिए।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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