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गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए लाखों की नौकरी छोड़ने वाली गरिमा विशाल की कहानी…

शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है ! शिक्षा जिंदगी को खूबसूरत आयाम देता है ! शिक्षा की इतनी महत्ता के बावजूद भी देश के लाखों ऐसे बच्चे हैं जो शिक्षा से बहुत दूर हैं ! गरीबी, लाचारी और मजबूरी के घोर अँधेरे में रहने के कारण उनके पास शिक्षा की किरण पहुँच पाना मुश्किल होता है ! इन स्थितियों को बदलने और उन तक शिक्षा की लौ पहुँचाने के लिए बिहार की गरिमा विशाल बेहद प्रभावी कार्य कर रही हैं ! आईए जानते हैं बच्चों में शिक्षा संचार के उनके कार्यों के बारे में….

अच्छी पढाई कर अच्छी नौकरी पाना सबका सपना होता है ! गरिमा विशाल अपने पढाई के समय एक अच्छी विद्यार्थी रह चुकी हैं ! उन्होंने मणिपाल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तकनीकी शिक्षा में ग्रैजुएट कीं ! वहाँ पढाई के दौरान हीं गरिमा का इंफोसिस जैसी बड़ी कम्पनी में कैंपस सेलेक्शन हो गया ! अच्छी खासी तनख्वाह पाने के बावजूद गरिमा विशाल का मन उसमें रमने के बजाय उससे उखड़ता चला गया ! दरअसल गरिमा के अंदर उन गरीब बच्चों में शिक्षा संचार को लेकर एक मंथन चलने लगा !

ऐसे हुई शिक्षा-संचार की शुरूआत

अपनी नौकरी के दौरान गरिमा की पोस्टिंग भुवनेश्वर में हो गई !एक दिन वह ऑटो से कहीं जा रही थीं , उस ऑटो में एक गुजराती परिवार बच्चों के साथ बैठा था ! दोनों बच्चे हिन्दी में बात कर रहे थे ! उत्सुकता भरे मन से वे उनसे पूछीं कि ये बच्चे किस विद्यालय में पढते हैं तो जबाब आया कि कहीं नहीं ! वहाँ के सरकारी विद्यालयों में उड़िया भाषा पढाई जाती है और प्राइवेट विद्यालयों में वे अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढा नहीं सकते ! इस घटना ने गरिमा के अंदर बच्चों को पढाने की लालसा को जमीनी हकीकत दी और उनका समाज के उन गरीब और सुविधाहीन बच्चों को शिक्षित करने का सफर शुरू हो गया ! वे सुबह 7-9 बजे तक बच्चों को पढाने लगी ! जल्दी हीं वहाँ 30 बच्चे नियमित रूप से पढने आने लगे ! नौकरी और शिक्षा संचार के इस कार्य के साथ वे कैट परीक्षा में अच्छी रैंक पाई और उनका सेलेक्शन लखनऊ में हो गया ! अब उन्हें लखनऊ जाना था तो गरिमा ने अपने पैसे से उन बच्चों का दाखिला निजी विद्यालयों में करवा दिया !

बच्चों को पढाने हेतु छोड़ दी नौकरी

आईआईएम लखनऊ से एमबीए करने के बाद उनका चयन एक मल्टीनेशनल कम्पनी में हो गया ! पर गरिमा उस नौकरी के बंधन में संकुचित होकर नहीं रहना चाहती थीं बल्कि बच्चों के भविष्य को सुधारने वाली एक निर्माता बनकर वह समाजसेवा करना चाहती थीं ! उन्होंने अपने पति , परिवार के सदस्यों और दोस्तों से इस बारे में बात की , विचार-विमर्श किया ! यह चर्चा एक बेहद सकारात्मक मोड़ लेकर आई ! गरिमा का गरीब और पढाई से दूर बच्चों के लिए विद्यालय खोलने का जो सपना था उसे साकार होने का मार्ग निकल आया ! गरिमा ने उन बच्चों को पढाने के लिए अपने लाखों की नौकरी को तिलांजलि दे दी !

“डेजावू स्कूल ऑफ इनोवेशन” की स्थापना

गरिमा विशाल ने कुछ दोस्तों के साथ एक स्कूल खोलने का निर्णय लिया जिसका उद्देश्य शिक्षा संचार से बच्चों को उज्जवल भविष्य देना था जिससे देश निर्माण में योगदान हो ! उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में एक विद्यालय की स्थापना की जिसका नाम “डेजावू स्कूल ऑफ इनोवेशन” रखा गया ! शुरूआत में प्ले स्कूल से लेकर दूसरी कक्षा तक के बच्चों की पढाई की शुरू की गई ! 10 बच्चों के साथ उनका विद्यालय शुरू हो गया ! धीरे-धीरे शिक्षा संचार का प्रसार होता गया ! उन्होंने अब अपने विद्यालय को पाचवीं कक्षा तक विस्तारित कर दिया है जिसमें आज 100 से भी अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं ! बच्चों के अभिभावकों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए फीस का निर्धारण किया गया है ! गरिमा का ध्यान गुणात्मक शिक्षा देने पर है ! पैसे शिक्षा-संचार में बाधक ना बने इसके लिए गरिमा हमेशा प्रयासरत रहती हैं ! गरिमा के कई दोस्त इंजीनियर और डॉक्टर हैं इसलिए वे लोग भी इस विद्यालय में आते रहते हैं और बच्चों को तकनीकी शिक्षा , और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियाँ देते रहते हैं ! जो बच्चे जिस क्षेत्र में पढाई करना चाहते गरिमा उन्हें उसी रूप में ढालने का प्रयास करती ! गरिमा विशाल पग-पग पर बच्चों के शिक्षित करने के लिए खूब प्रयास कर रही हैं !

गरिमा विशाल ने बच्चों को शिक्षित बनाने की जो बीड़ा उठाई है और उसके निर्वहन हेतु जो प्रयास कर रही हैं वह बेहद सराहनीय और अन्य लोगों के लिए प्रेरित करने वाला है ! Logically गरिमा विशाल जी को और उनके प्रयासों को नमन करता है !

Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

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